Students can Download Hindi Lesson 13 बोल ऊठी बिटिया Questions and Answers, Summary, Notes Pdf, Activity, KSEEB Solutions for Class 7 Hindi helps you to revise the complete Karnataka State Board Syllabus and to clear all their doubts, score well in final exams.
Karnataka State Syllabus Class 7 Hindi वल्लरी Chapter 13 बोल ऊठी बिटिया
बोल ऊठी बिटिया Questions and Answers, Summary, Notes
अभ्यास
I. इन प्रश्नों को उत्तर लिखो :
प्रश्न 1.
बिटिया क्या कहकर बुला रही थी?
उत्तर :
बिटिया माँ कहकर बुला रही थी?
प्रश्न 2.
बिटिया क्या खाकर आयी थी?
उत्तर :
बिटिया मिट्टी खाकर आयी थी?
प्रश्न 3.
बिटिया की आँखे में क्या छलक रहा था?
उत्तर :
बिटिया की आँखे मे कौतुहल छलक रहा था
II. इस पद्य भाग को पूरा कीजिए :
मैं बचपन को बुला रही थी।
बोल उठी बिटिया मेरी :
नंदनवन सी फूल उठी
यह छोटी सी कुटिया मेरी।
III. उदाहरण के अनुसार लिखो :
प्रश्न 1.
वह दूध बेचती थी।
वे दूध बेचती थी
उत्तर :
वह चित्र बनाती हूँ।
वे चित्र बनती थी
प्रश्न 2.
मैं अंडे लाता हूँ।
हम अंडे लाते है
उत्तर :
मैं पुस्तक पढता हूँ।
हम पुस्तक पढते है।
प्रश्न 3.
मैंने फल खाया।
हमने फल खाया
उत्तर :
मैंने नीबू खरीदा।
हमने नीबू खरीदा।
प्रश्न 4.
तुम दुध पिओगे।
आप दुध पियेंगे
उत्तर :
तुम मिठाई खओगे।
आप मिठाई खयेंगे
IV. उदाहरण के अनुसार तुकांत शब्द चुनकर लिखो :
उदाहरण : बाल – चाल
- जान – पान
- उठाया – गिराया
- आते – जाते
- भेड – पेड
- सच्चे – बच्चे
V. कविता को कंठस्थ कीजिए :
मैं बचपन को बुला रही थी
बोल उठी बिटिया मेरी
नंदनवन सी फूल उठी
यह छोटी सी कुटिया मेरी।
माँ ओ कहकर बुला रही थी
मिट्टी खाकर आयि थी
कुछ मुँह में, कुछ लिये हाथ में,
मुझे दिखने लाई थी।
पुलक रहे थे अंग दृगों में
कौतूहल था छलक रहा;
मुँह पर भी आहलाद लालिमा,
विजय गर्व था झलक रहा।
VI. कविता से तुकांत शब्दों को चुनकर लिखो :
उदाहरण :
- बचपन – नंदनवन
- बिटिया – कुटिया
- आयी – लाई फूल
- छलक – चलक
VII. विलोम शब्दों का मिलन करो
- वरदान – आभिशाप
- सुख – दुःख
- बलवान – बलहीन
- धनी – निर्धन
- जीवन – मरण
- सुबह – शाम
- इतना – उतना
- पवित्र – अपवित्र
बोल ऊठी बिटिया Summary in Hindi
कवि परिचय :
- कवयत्री का नाम – श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान
- काल – 1905-194&
आशय :
शैशव के विविध चित्र बहुत सहज शैली में व्यक्त करनेवाली कवयित्री हैं सुभद्रा कुमारी चौहान। इस कविता में बिटिया की बोली का और मिट्टी खाने के प्रसंग का वर्णन है।
सारांश :
कवयित्री अपने बचपन को बुला रही थी कि उसकी छोटी बेटी तुतलाती हुई अंदर गई। उसके आने से उसकी ततली बोलीसे, हँसी ठठोली से कवयित्री कहती है मेरी सारी कुटी गूंज उठी। मेरी साधारण सी झोपड़ी भी क्षण भर में नंदन वन के समान सुन्दर बन गई।
माँ को कहकर बुला रही थी। मिट्टी खाकर आयी थी साथ ही कुछ हाथ में कुछ मुँह में थी। उसे माँ को दिखाने के लिए आयी थी। उसकी आंखों में कुतूहल छलक रहा था। मुँह पर आनंद की छाया विजय गर्व से झलक रही थी। तब कवयित्री (माँ) ने पूछा यहाँ क्या लायी हो? बिटिया ने उत्तर दिया माँ खाई मिट्टी को दिखा। कवयित्री के हृदय खुशी से प्रफुल्लित हुआ। उसने कहा ‘तुम्ही खाओ।’
बोल ऊठी बिटिया Summary in Kannada