Students can Download Hindi Lesson 14 आक्ल चली, बला टली Questions and Answers, Summary, Notes Pdf, Activity, KSEEB Solutions for Class 7 Hindi helps you to revise the complete Karnataka State Board Syllabus and to clear all their doubts, score well in final exams.
Karnataka State Syllabus Class 7 Hindi वल्लरी Chapter 14 आक्ल चली, बला टली
आक्ल चली, बला टली Questions and Answers, Summary, Notes
अभ्यास
I. इन प्रश्नों को उत्तर लिखो :
प्रश्न 1.
पीपल का पेड कहाँ था?
उत्तर :
पीपल का पेड जंगल मे था
प्रश्न 2.
कबूतर दिन भर क्यो घूमते थे?
उत्तर :
कबूतर दिन भर आहार के लिए घूमते थे।
प्रश्न 3.
बे रातभर कहाँ आराम करते थे?
उत्तर :
वे रातभर पीपल के पेड पर आराम करते थे।
प्रश्न 4.
कबूतरों को धरती पर क्या दिखाई पडा?
उत्तर :
कबूतरों को धरती पर दाने दिखाई पडा।
प्रश्न 5.
जाल किस ने बिछाया था?
उत्तर :
जाल बहेलिया ने जाल बिछाया।
प्रश्न 6.
क्या बूढा कबूतर भी जाल में फासँ गया?
उत्तर :
नही बूढा कबूतर जाल में नही फासँ।
प्रश्न 7.
बूढे कबूतर का मित्र कौन था?
उत्तर :
बूढे कबूतर का मित्र चूहा था।
प्रश्न 8.
कबूतरों की मदद किसने की?
उत्तर :
कबूतरों की मदद करनेवाला था चूहा।
प्रश्न 9.
इस पाठ से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर :
इस पाठ से वह सीख मिलती है कि बूढो का कहना माननो चाहिए।
II. दो – तीन वाक्यों में उत्त्र लिखो:
प्रश्न 1.
कबूतर दाना खने जाते तो बूढे कबूतर ने उनको क्यों रोका?
उत्तर :
कबूतर दाना खाते समय बूढे कबूतर ने उनको रोका। इस जंगल के बीच में आगर दान है। तो कही नकही कुछ न कुछ बुरा होनेवाला है। यह सोच कर ही बूढा कबूतर उन्को रोका।
प्रश्न 2.
कबूतर जाल में क्यों फसँ गये?
उत्तर :
कबूतर ने दाने खने के लोभ में आकर जाल में फासँ गये।
प्रश्न 3.
चूहे ने कबूतरो की मदद किस प्रकार की?
उत्तर :
चूहे ने कबूतरों के जाल को आपने दाँतों से काटकर कबूतरों को जाल से छुडाकर उन्की मदद की।
III. आन्य वचन लिखो :
- पेड – पेड
- बात – बाते
- कबूतर – कबूतरे
- दाना – दाने
- चूहा – चूहे.
IV. इन शब्दों के लिए विलोम शब्द ‘लिखिए :
- एकता x अनेकता
- दिन x रात
- दूर x पास
- उतरना x चढना
- आगे x पीछे
V. कन्नड या अंग्रेजी में अनुवाद करो.
VI. समान आर्थवाले शब्दो को पहचानकर के आनुसार लकीर खीचो:
- खोजना – पक्षी
- मित्र – सहायता
- मदद – ढूढना
- धरती – खाना
- भोजन – भूमि
- चिडिया – दोस्त.
उत्तर :
- ढूढना
- दोस्त
- सहायता
- भूमि
- खाना
- पक्षी
VII. कोष्ठक में दिया गऐं शब्दों से खली जगहों को भरो: (बहेलिया, डाक्टर, धोबी, दार्जी, बाढई)
उदा :
इलाज करनेवाल डाक्टर
- कपडे सीनेवाला – दर्जी
- लकंडी की चीजें बनानेवाला – बढई
- चिडिया पकडनेवाला – बहेलिया
- कपडे धोनेवाला – धोबी
VIII. बच्चो, जरा बताओ मै कौन हूँ
1) मैं मधुर गाती हूँ कोयल
2) मैं सुंदर नाचता हूँ मोर
3) मैं शांति का प्रतीक हूँ कबूतर
4) मैं पानी में तैरता हूँ हंस
5) मेरी नाक लाल है तोता
IX. नमूने के अनुसार खाली जगह भरो :
नामून :
कबूतर धरती पर युग रहे है।
कबूतर धरती पर चुगने लगे (चुगाना)
1) कबूतर धरती पर उतर रहे है।
कबूतर धरती पर उतरने लगे।
2) चूहे जाल काट रहे है।
चूहे जाल काटने लगे।
3) कबूतर जाल लेकर उड रहे है
कबूतर जाल लेकर उडने लगे।
X. पाठ के आधार पर, तलिका की सहायता से वाक्य बनाओ :
कबूतर भोजन की खोज में गए।
- बूढा कबूतर उनके साथ नही गया।
- उसने एक पेड की तरफ इशारा किया।
- चूहे ने जाल काट दिया।
- उन्होने चूहे धन्यवाद दिया।
वचन :
शब्द के जिस रूप से उसके एक या अनेक होने का बोध होता है, उसे वचन कहते हैं।
उदा:
लड़का पढ़ता है – लड़के पढ़ते हैं।
वह गाता है – वे गाते हैं।
बच्चा खेल रहा है – बच्चे खेल रहे हैं।
खिड़की खुलती है – खिड़कियाँ खुलती है।
वचन के दो भेद हैं
वचन से दो भेद है।
एकवचन और बहुवचन।
एकवचन से एक ही वस्तु या प्राणी का बोध होता है।
बहुवचन से दो या दो से अधिक वस्तुओं का बोध होता है।
- एकवचन – लड़का, खिड़की
- बहुवचन – घोड़ा, घोड़े।
आक्ल चली, बला Summary in Hindi
आशय :
‘अक्ल चली, बला टली’ नीतिबोध की कहानी है। कबूतरों का दाने खाने के लोभ में जाल में फंसना, सब का मिलकर जाल को ही उठाकर उड़ना और चूहे की मदद से जाल का काटना आदि का रोचक वर्णन है।
सारांश :
जंगल में पीपल का एक पेड़ था। उस पेड़ पर बहुत से कबूतर रहते थे। कबूतर दिनभर भोजन की खोज में घूमते रहते। रात होने पर वे सब पीपल के पेड़ पर लौट आते। वे पड़ पर रातभर आराम करते। एक दिन की बात है। कबूतर भोजन की खोज में गए। थोड़ी दूर उड़ने पर एक छोटा कबूतर बोला, “देखो, उधर देखो। कितने दाने बिखरे पड़े हैं। धरती पर कितने दाने बिखरे पड़े हैं।” कबूतर उधर देखने लगे।
उन्हें धरती पर बहुत-से दाने दिखाई पड़े। कबूतर धीरे-धीरे नीचे उतरने लगे। तभी एक बूढ़ा कबूतर बोला, “ठहरो, ठहरो अभी मत उतरो। जंगल में इतने दाने कहाँ से आए?” सोचना है। दूसरा कबूतर बोला, “कही से भी आये हो। आओ, हम सब मिलकर दाने खाएं।” कबूतर धरती पर उतरने लगे। पर बूढ़ा कबूतर उनके साथ नहीं गया। कबूतर दाने चुगने लगे। वह दूर से ही देखता रहा।
कबूतरों ने पेटभर दाने खाए। अब वे उड़ना चाहते थे, पर उड़ न सके। वे जाल में फंस गए थे। तभी एक कबूतर चिल्लाने लगा, “उधर देखो, कोई आ रहा है। अरे ! वह तो बहेलिया है। वह हमें पकड़ने आ रहा है।” बूढ़ा कबूतर बोला, “घबराओ मत, सब ‘मिलकर ज़ोर लगाओ एक साथ जाल को लेकर उड़ चलो।” सभी कबूतरों ने मिलकर ज़ोर लगाया। जाल कुछ ऊंचा उठा। कबूतरों ने और ज़ोर लगाया। जाल और ऊंचा उठ गया।
अब कबूतर जाल लेकर उड़ने लगे। बूढ़ा कबूतर आगे-आगे उड़ रहे थे। सब कबूतर उसके पीछे उड़ने लगे। बूढ़ा कबूतर उसके पीछे उड़ने लगे। बूढ़ा कबूतर उन्हें लेकर बहुत दूर उड़ गया। उसने एक पेड़ की तरफ इशारा किया। “उस पेड़ के पास एक चूहा रहता था। वह बूढ़े कबूतर का मित्र था। उससे मदद मांगा। चूहे ने जाल काट दिया। कबूतर जाल से निकल आए। उन्होंने चूहों को धन्यवाद दिया।