Students can Download Hindi Lesson 17 सिकंदर और पुरूरवा Questions and Answers, Summary, Notes Pdf, Activity, KSEEB Solutions for Class 7 Hindi helps you to revise the complete Karnataka State Board Syllabus and to clear all their doubts, score well in final exams.
Karnataka State Syllabus Class 7 Hindi वल्लरी Chapter 17 सिकंदर और पुरूरवा
सिकंदर और पुरूरवा Questions and Answers, Summary, Notes
अभ्यास
I. इन प्रश्नों को उत्तर लिखो :
प्रश्न 1.
शिविर में कौन प्रवेश करता है?
उत्तर :
शिविर में यवन सेनापति, बंदी पुरूराज के साथ प्रवेश करता है।
प्रश्न 2.
पुरुराज क्या कहकर सिकंदर का अभिवादन करता है?
उत्तर :
पुरुराज मै भारतवीर कहकर सिकंदर का अभिवादन करता है।
प्रश्न 3.
पुरुराज सिकंदर की मैत्री संधि को अस्वीकार क्यों करता है?
उत्तर :
अपने राज्य की रक्षा और आत्मासम्मान की रक्षा। वह मित्रता द्वारा भारत को तोडकर भारत जीतना चाहते थे। इसलिए पुरूराज सिकंदर की मैत्री संधि को इसलिए अस्वीकार करता है।
प्रश्न 4.
सिकंदर भारत को कैसे जीतना चाहता था?
उत्तर :
सिकंदर भारत को मित्रता के द्वारा जीतना चाहता
प्रश्न 5.
सिकंदर के लिए किस पर विजय पाना कठिन था?
उत्तर :
सिकंदर के लिए भारत पर विजय पाना कठिन था।
प्रश्न 6.
किसके लिए भारत – विजय कठिन है?
उत्तर :
सिकंदर के लिए भारत विजय कठिन है।
II. इन प्रश्नों को उत्तर लिखो :
प्रश्न 1.
यवन सेनापति कहाँ प्रवेश करता है?
उत्तर :
यवन सेनापति शिविर मे प्रवेश करता है?
प्रश्न 2.
भारतवीर किसका अभिवादन करता है?
उत्तर :
भारत वीर सिकंदर का अभिवादन करता है।
प्रश्न 3.
बन्दी होने पर भी अपने को कौन वीर मानता है?
उत्तर :
बन्दी होने पर भी पुरुराज अपने को भारतीय धीर मानता है।
प्रश्न 4.
किस स्थिति में भी वीर, वीर ही होता है?
उत्तर :
हर स्थिति मे भी वीर, वीर ही होता है।
प्रश्न 5.
सिकंदर की मैत्री सन्धि को कौन अस्वीकार करता है?
उत्तर :
सिकंदर की मैत्री सान्ध को पुरुराज अस्वीकार करता है।
प्रश्न 6.
भारत को तोडकर उसे कौन जीतना चाहता था?
उत्तर :
भारत को तोडकर उसे सिकंदर जीतना चाहता था
प्रश्न 7.
भारत की एकता कैसी है?
उत्तर :
भारत की एक्ता सुदृढ है।
प्रश्न 8.
कौन पुरूराजा का मित्र बना?
उत्तर :
सिकंदर पुरूराजा का मित्र बना।
III. आशुद्ध शब्दों को शुद्ध करो :
- सीकंदर – सिकंदर
- भारात – भारत
- बिजय – विजय
- पूरूराजा – पुरूराजा
- दंबी – बंदी
- टीक – ठीक
IV. जोडकर लिखो :
- पूरूराजा – भारतवीर
- विश्व – विजयी
- यवन – सेनापति
- स्वर्गदपि – गरीयसी
V. वाक्य पूरा करो
- सिंह तो सिंह ही है।
- हर स्थिति मे वीर वीर ही होता है।
- तुम मित्रता के द्वारा जीतना चाहते हो।
- भारत की एकता सुदृढ है।
- आज से हम मित्र है।
VI. कन्नड या अंग्रेजी में अनुवाद करो :
VII. समानार्थक शब्द :
- आधिक – जयादा
- शरीर – देह
- फायदा – लाभ
- सर्दी – शरद काल
- नमस्कार – अभिवादन
- विचार – सोच
VIII. आन्य लिंग रूप :
- सिंह – सिंहिनी
- सम्राट – सम्राटिनी
- आदमी – औरत
- राजा – रानी
- जननी – जनना
- नौकर – नौकरानी
IX. प्रेरणार्थक शब्द लिखो :
- करना – कराना
- पढना – पढाना
- चरना – चराना
- बनना – बनाना
- दौडना – दौढना
- उठना – उठाना
X. चार विशेषण शब्द लिखो :
उदाहरण :
- सुंदर
- तेज
- अद्भुत
- आच्छी
- आकर्षक
XI आन्य वचन रूप लिखो :
- बेडी – बडे
- सेना – सेने
- माला – माले
- देश – देश
- पिंजरा – पिंजरे
- वस्फ़्तु – वस्तुए
XII. विलोम शब्द :
- सत्य x असत्य
- मित्र x शत्रु
- स्वर्ग x नरक
- विजय x पराजय
- कठिन x आसान
- बन्धन x मुक्ती
सिकंदर और पुरूरवा Summary in Hindi
“सिकंदर और पुरुराज” एक ऐतिहासिक एकांकी है, जिसमें पुरुराज की वीरता और बंदी के साथ एक वीर का दूसरे वीर के समान व्यावहार करते के लिए सिकंदर से कहने का उसका साहस चित्रित किया गया है। .. संदर्भ :सिकंदर भारत देश पर आक्रमण करने के लिए आता है। अम्भि राज के षडयंत्र से पुरुराज को सिकंदर बन्धि बनाता है। किन्तु पुरुराज अपनी वीरता का प्रमाण देता है।
सिकंदर के शिबिर पर अम्भि के साथ सेनापति पुरुराज को बान्धिबनाकर ले आने पर पुरुराज, सिकंदर को अभिनंदन करता है। और राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रद्रोह के बारे में बताता है। वह अपने को सिंह मानता है। भारतीयों की राष्ट्रप्रेम और एकता का विवरण देता है। सिकंदर आपसी फूट की बारे में पूछते पर पुरुराज कहता है कि -“यह आपस की विषय है, लेकिन बाहरी शक्ति का हस्तक्षेप असहनीय है।
अलग-अलग धर्म, अलग अलग वेश्भूषण होने पर हम सव भारतीय है। जो भूमि है उसको भारत कहते हैं और यहाँ रहनेवाले भारतीय संतान है। और यह भी कहता है कि भारत को जीतना कठिन ही नहीं असंभव भी है कहथ है। गीता का संदेश भी सुनाता है।
सिकंदर खुश होकर पूछता है कि -“आपं के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाए?” तब पुरुराज कहता है कि – “एक वीर, दूसरे वीर के साथ जो व्यवहार करता है।”
सिकंदर हर्षित होकर पुरुराज की मुक्त करता है। और एक हाथ से पुरु और एक हाथ से आम्भि के हाथ पकडकर कहता है कि – “वीर पुरुराज ! मित्र अम्भि आज से हम सामान मित्र हैं सभी खुश होकर प्रस्थान करते हैं।
सिकंदर और पुरूरवा Summary in Kannada
शब्दार्थ :
- शिबिर : सेना का पड़ाव;
- अभिवादन : नमस्कार;
- आक्रमण : हमला;
- आदेश : आज्ञा;
- वाचाल : बकवास करनेवाला;
- असहनीय : जो सहने योग्य न हो;
- असंभव : नामुमकिन;
- यवन : यूनान देश का निवासी;
- पिंजरा : पिंजड़ा
- अवसर : मौका;
- कायर : डरपोक, भीरु;
- बेड़ियाँ : हथकड़ियाँ
पुरुराज को पुरुरव भी कहते हैं ।