Students can Download Hindi Lesson 4 शिक्षा Questions and Answers, Summary, Notes Pdf, Activity, KSEEB Solutions for Class 8 Hindi helps you to revise the complete Karnataka State Board Syllabus and to clear all their doubts, score well in final exams.
Karnataka State Syllabus Class 8 Hindi वल्लरी Chapter 4 शिक्षा
शिक्षा Questions and Answers, Summary, Notes
अभ्यास
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
शिशु ने रो-रोकर क्या सीखा है?
उत्तर:
शिशु ने रो-रोकर हँसना सीखा है।
प्रश्न 2.
शिशु ने लघु होकर क्या सीखा है?
उत्तर:
शिशु ने लघु होकर बढ़ना सीखा है।
प्रश्न 3.
शिशु ने चलना कैसे सीखा है?
उत्तर:
शिशु ने गिर-गिर कर चलना सीखा है।
प्रश्न 4.
शिशु ने सब कुछ कहाँ आकर सीखा है?
उत्तर:
शिशु ने सब कुछ दुनिया में आकर सीखा है।
प्रश्न 5.
चंगों ने क्या सीखा है?
उत्तर:
चंगों ने चढ़ना सीखा है।
प्रश्न 6.
मुरली ने गाना कैसे सीखा है?
उत्तर:
मुरली ने उर छेदकर गाना सीखा है।
प्रश्न 7.
वारिधरों ने पानी बरसाना कैसे सीखा है?
उत्तर:
वारिधरों ने मिट-मिटकर पानी बरसाना सीखा है।
प्रश्न 8.
नदियों ने बहना कैसे सीखा है?
उत्तर:
नदियों ने तरु गिरिवर से गिर-गिर कर बहना सीखा है।
II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
शिशु ने दुनिया में आकर पहले क्या-क्या सीखा है और कैसे सीखा है?
उत्तर:
शिशु ने इस दुनिया में आकर सबसे पहले रो-रोकर हँसना सीखा है। छोटे होकर धीरे-धीरे बढ़ना सीखा है। गिरगिर कर चलना सीखा है।
प्रश्न 2.
पानी कैसे बरसता है? नदियाँ कैसे बहती हैं?
उत्तर:
बादलों ने मिट-मिटकर पानी के रूप में बरसना सीखा है। पेड़ों, पहाड़ों से गिर-गिरकर नदियों ने बहना सीखा है।
III. अनुरूप शब्द लिखिए :
- चंग : चढ़ना : : वारिधर : _________
- दुनिया : जगत : : उर : _____________
- नदी : बहना : : मुरली : ______________
- भूख-प्यास : शब्द युग्म : : मिट-मिटकर : _____________
उत्तरः
- बरसना;
- हृदय;
- गाना;
- द्विरुक्ति।
IV. जोड़कर लिखिए :
1) शिशु – अ) मुरली
2) गिरिवर – आ) हँसना
3) चंग – इ) नदी
4) गाना – ई) चढ़ना
उत्तरः
1. आ;
2. इ;
3. ई;
4. अ।
V. विलोम शब्द लिखिए :
- रोना × __________
- चढ़ना × __________
- मिटना × __________
- गिरना × __________
उत्तरः
- रोना × हँसना
- चढ़ना × उतरना
- मिटना × बनना
- गिरना × उठना
VI. अन्य वचन रूप लिखिए :
- नदी – _________
- मुरली – _________
- वाणी – ___________
- स्मृति – __________
उत्तरः
- नदी – नदियाँ
- मुरली – मुरली
- वाणी – वाणी
- स्मृति – स्मृतियाँ
VII. पर्यायवाची शब्द लिखिए :
- शिशु – ________
- दुनिया – ________
- वारिधर – _________
- चंग – _________
उत्तरः
- शिशु – बच्चा
- दुनिया – संसार
- वारिधर – बादल
- चंग – पतंग
VIII. तारवाले, थापवाले, अन्य संगीत साधनों की सूची :
सितार, तबला, मुरली, बीन, वीणा, डफली, ढोलक, शहनाई, सारंगी, गिटार, हारमोनियम, घटम्।
उत्तर:
तारवाले | थापवाले | अन्य संगीत |
सितार | तबला | मुरली |
वीणा | डफली | बीन |
गिटार | ढोलक | शहनाई |
सारंगी | घटम् | हारमोनियम |
IX. नमूने के अनुसार सही वर्तनीवाले शब्द लिखिए :
उत्तरः
- दुनिया;
- शिशु;
- मुरली;
- गिर।
X. आठ नदियों के अधूरे नाम दिए गए हैं। उन्हें पूरा कीजिए:
(मंदाकिनी, घाघरा, कावेरी, गंडक, महानंदा, अलकनंदा, यमुना, कोसी)
उत्तरः
- अलकनंदा;
- मंदाकिनी;
- यमुना;
- घाघरा;
- कावेरी;
- कोसी;
- गंडक;
- महानंदा।
XI. इस कविता की अंतिम चार पंक्तियाँ कंठस्थ कीजिए।
मिट-मिटकर वारिधरों ने,
पानी बरसाना सीखा।
तरु गिरिवर से गिर-गिरकर,
नदियों ने बहना सीखा।
पूरक वाचन
पढ़िए और लिखिए :
फूलों से हम हँसना सीखें
और कली से मुसकाना।
पत्तों से मस्ती में झूमें,
डाली से झुक-झुक जाना।
सीखें सीख मस्त नदियों से,
जीवन में बहते जाना।
बोली सीखें हम कोयल से,
मधुर गीत हरदम गाना।
चंदामामा से हम सीखें,
शीतलता बरसाना।
और मेघ से सीखें हम सब,
सूखे को सरसा देना।
ऐसी सीख सदा हम सीखें,
जिससे जीवन हरा रहे।
शिक्षाएँ हों नित ऐसी ही,
जिनसे जीवन भरा रहे।
प्रश्न 1.
फूल और कली से हमने क्या सीखा है?
उत्तर:
फूल और कली से हमने हँसना और मुसकाना सीखा है।
प्रश्न 2.
नदी और कोयल से क्या सीख सकते हैं?
उत्तर:
नदी से जीवन में बहते जाना, और कोयल से हरदम मधुर गीत गाते रहना सीख सकते है।
प्रश्न 3.
चंदामामा तथा मेघ हमें क्या सिखाते हैं?
उत्तर:
चंदामामा हमें शीतलता बरसाना और मेघ हमें सूखे को सरसा देना सिखाते हैं।
प्रश्न 4.
हमें किस प्रकार की सीख की आवश्यकता है?
उत्तर:
हमें ऐसी सीख सीखनी चाहिए जिससे जीवन हमेशा हरा रहे।
शिक्षा Summary in Hindi
शिक्षा कवि परिचयः
ठाकुर गोपाल शरण सिंह (1891-1960): इनका जन्म रीवाँ (झाँसी) में हुआ था। पिताजी की देख-रेख में सिंह जी की शिक्षा प्रारंभ हुई। 13 वर्ष की अवस्था में इन्होंने अंग्रेजी पढ़ना प्रारंभ किया। इसी समय उनके पिता का देहांत हुआ। मेट्रिकुलेशन से आगे वे पढ़ न सके। ‘जगदालोक’ इनका महाकाव्य है। ‘माधवी’, ‘मानवी’, ‘कादंबिनी’, ‘ज्योतिष्मती’, ‘संचिता’, ‘सुमन’, ‘विश्वगीत’ और ‘ग्रामिका’ इनके मुक्तक काव्य हैं। ‘ग्रामिका’ और ‘जगदालोक’ उत्तर प्रदेश सरकार से पुरस्कृत हैं।
कविता का सारांश/भावार्थः
इस कविता में कवि अनुभव के द्वारा शिक्षा प्राप्त करने के उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। जीवन में यश की प्राप्ति के लिए अनेक प्रकार की मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। बिना परिश्रम के कभी सुख नहीं मिलता।
1) शिशु ने दुनिया में आकर,
रो-रोकर हँसना सीखा।
लघु होकर बढ़ना सीखा,
गिर-गिरकर चलना सीखा।
कवि कहते हैं शिशु ने भी इस दुनिया में आकर रो-रोकर ही हँसना सीखा है। बहुत छोटे से उसने बड़ा होना सीखा है। गिर-गिरकर चलना सीखा है।
2) कितने ही चक्कर खाकर,
चंगों ने चढ़ना सीखा।
उर छेदकर अपना,
मुरली ने गाना सीखा ॥
पतंग न जाने कितने चक्कर खाकर आकाश में चढ़ती है। मुरली से जो हम मधुर संगीत सुनते है वह उसके हृदय में छेद करने से अर्थात् सुराख करने से ही पैदा होता है।
3) मिट-मिटकर वारिधरों ने,
पानी बरसाना सीखा।
तरु गिरिवर से गिर-गिरकर,
नदियों ने बहना सीखा।
बादल कई बार बनते हैं और नष्ट होते है। उसके बाद वह बरसते है। इसी प्रकार ऊँचे ऊँचे पर्वतों के शिखरों से गिरकर ही नदियों ने बहना सीखा है। अर्थात दुनिया में कुछ भी आसान नहीं है। हर चीज़ के पीछे परिश्रम और त्याग है।
शिक्षा Summary in Kannada
शिक्षा Summary in English
(In this poem the poet gives several examples to show how education is gained through experience. One has to face various kinds of difficulties in life for success. We can never achieve anything without hard work.)
The child learns to laugh after crying again and again after coming into this world. It learns to grow up from being small. It learns to walk after falling down again and again.
After flying here and there the kite learns to ascend. The sweet music that we hear from a flute is possible only because there are holes in its heart.
Clouds are formed and destroyed several times. Only then does it rain? Similarly, rivers learned to flow only after falling from tall hills and mountains.
Nothing can be got easily in this world. There are hard work and sacrifice behind everything.
कठिन शब्दार्थ :
- दुनिया – जगत, संसार;
- लघु – छोटा, हल्का;
- चंग – पतंग;
- उर – छाती, सीना;
- वारिधर – बादल;
- गिरि – पर्वत;
- छेद – छिद्र, सुराख;
- चक्कर खाना – इधर-उधर घूमना।