Students can Download Hindi Lesson 5 महात्मा गांधी Questions and Answers, Summary, Notes Pdf, Activity, KSEEB Solutions for Class 8 Hindi helps you to revise the complete Karnataka State Board Syllabus and to clear all their doubts, score well in final exams.
Karnataka State Syllabus Class 8 Hindi वल्लरी Chapter 5 महात्मा गांधी
महात्मा गांधी Questions and Answers, Summary, Notes
अभ्यास
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
सारे देश ने गांधीजी को क्या माना?
उत्तर:
सारे देश ने गांधीजी को राष्ट्रपिता माना।
प्रश्न 2.
भारत किसके प्रयत्न से आज़ाद हुआ?
उत्तर:
भारत महात्मा गांधी के प्रयत्न से आजाद हुआ।
प्रश्न 3.
गांधीजी किसकी मूर्ति थे?
उत्तर:
गांधीजी त्याग और तपस्या की मूर्ति थे।
प्रश्न 4.
गांधीजी का स्वभाव कैसा था?
उत्तर:
गांधीजी शर्मीले स्वभाव के थे।
प्रश्न 5.
शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल क्यों आये?
उत्तर:
शिक्षा विभाग के अधिकारी निरीक्षण के लिए आये थे।
प्रश्न 6.
गांधी के भाई ने कितने रुपये कर्ज़ लिये थे?
उत्तर:
गांधीजी के भाई ने पच्चीस रुपये कर्ज लिये थे।
प्रश्न 7.
गांधीजी ने पिता से क्या माँगी?
उत्तर:
गांधीजी ने पिता से सजा माँगी।
II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
गांधीजी पर नाटकों का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
गाँधीजी पर श्रवण पितृभक्ति नाटक, हरिश्चंद्र नाटक, बचपन के उस सत्य-प्रेम ने ही आगे उन्हें सत्य-तपस्वी बनाया।
प्रश्न 2.
गांधीजी की सत्य-प्रियता कहाँ से शुरू हुई? कैसे?
उत्तर:
गाँधीजी पिता से माफी माँगने की बात सोची। पर पिता के सामने जाने की हिम्मत न हुई। सारी घटना पत्र में लिखकर गाँधीजी ने पिता से सज़ा माँगी, पत्र पढ़कर पिता की आँखें भर आयी। गाँधीजी ने हमेशा के लिए चोरी की आदत छोड़ दी, पिता के आँसू देखकर गाँधी को विश्वास हो गया कि पिता ने मुझे क्षमा कर दिया है।
प्रश्न 3.
पिता से गांधीजी के माफी मांगने के प्रसंग का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
गाँधी पिता से माफी माँगने की बात सोची। पर पिता के सामने जाने की हिम्मत न हुई। सारी घटना पत्र में लिखकर गाँधी ने पिता से सज़ा माँगी। पत्र पढ़कर पिता की आँखें भर आयी। गाँधीजी ने हमेशा के लिए चोरी की आदत छोड़ दी, पिता के आँसू देखकर गाँधी को विश्वास हो गया कि पिता ने मुझे क्षमा कर दिया है।
III. अनुरुप शब्द लिखिए :
- श्रवण : पितृभक्ति : : हरिश्चन्द्र : __________
- माफी : क्षमा : : दंड : __________
- तिरंगा झंडा : राष्ट्रध्वज : : गांधीजी : ____________
- सच्चाई : सम्मान : : चोरी : ___________
उत्तरः
- सत्य-तपस्वी;
- सजा;
- राष्ट्रपिता;
- अपमान।
IV. स्त्रीलिंग शब्द लिखिए :
पुल्लिंग – स्त्रीलिंग
- पिता – _________
- बालक – ________
- पुरुष – _________
- लड़का – _________
उत्तरः
- माता;
- बालिका;
- स्त्री;
- लड़की।
V. बहुवचन शब्द लिखिए :
एकवचन – बहुवचन
- मूर्ति – __________
- इशारा – __________
- हिज्जा – __________
- गलती – ___________
- लड़का – ___________
उत्तरः
- मूर्तियाँ;
- इशारे;
- हिज्जे;
- गलतियाँ;
- लड़के।
VI. विलोम शब्द जोडिए :
- आज़ाद × अ) अहिंसा
- धर्म × आ) सही
- सत्य × इ) अविश्वास
- झूठ × ई) गुलाम
- दिन × उ) बेशर्म
- गलत × ऊ) असत्य
- विश्वास × ऋ) रात
- शर्म × ए) अधर्म
- हिंसा × ऐ) सच
उत्तरः
- ई;
- ए;
- ऊ;
- ऐ;
- ऋ;
- आ;
- इ;
- उ;
- अ।
VII. सही शब्द पहचानकर लिखिए :
- पुरुष – __________ (आदमी, आत्मा, काम, पालन)
- बुद्धू – _________ (बुद्धिमान, बलवान, निर्बल, मूर्ख)
- कर्ज – __________ (काम, कम, ऋण, ऋषि)
- सोना – __________ (चाँद, चाँदी, स्वर्ण, सवर्ण)
- आँसू – ____________ (अश्रु, आँधी, आस, आरजू)
उत्तरः
- आदमी;
- मूर्ख;
- ऋण;
- स्वर्ण;
- अश्रु।
VIII. प्रेरणार्थक शब्द लिखिए :
उत्तरः
शब्द | प्रथम प्रेरणार्थक | दिवतीय प्रेरणार्थक |
1. लिखना | लिखाना | लिखवाना |
2. करना | कराना | करवाना |
3. बनना | बनाना | बनवाना |
4. चुकना | चुकाना | चुकवाना |
IX. सही अर्थवाले वाक्य बनाइए :
1) महान् पुरुष गांधी थे महात्मा।
महात्मा गांधी महान् पुरुष थे।
2) वे नहीं कभी बोले झूठ।
वे कभी झूठ नहीं बोले।
3) गया माना बुद्धू को मोहन।
मोहन को बुद्धू माना गया।
4) सोची माँगने बात की से पिता माफी।
पिता से माफी माँगने की बात सोची।
X. कन्नड़ या अंग्रेज़ी में अनुवाद कीजिए :
महात्मा गांधी Summary in Hindi
महात्मा गांधी पाठ का सारांश :
सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी के नक्शे कदम पर चलकर ही इस देश ने आजादी प्राप्त की थी। वे त्याग और तपस्या की मूर्ति थे। उन्होंने किसी को सताया नहीं और न ही झूठ बोले।
एक बार स्कूल का निरीक्षण करने आए एक अधिकारी ने गांधी से अंग्रेजी के पाँच शब्द लिखवाये। गांधी ने हिज्जे गलत लिखे। उनको ‘केटल’ शब्द लिखने को कहा था। अध्यापक ने गांधी को दूसरे छात्र से हिज्जे देखकर ठीक करने का इशारा किया। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। चोरी का रास्ता नहीं अपनाया।
‘श्रवण पितृभक्ति’ नाटक पढ़कर श्रवण और ‘हरिश्चन्द्र’ नाटक देखकर हरिश्चन्द्र जैसा बनने एवं सच्चाई का पालन करने का निश्चय किया। बचपन की इन आदतों ने ही गांधी को महात्मा और सत्य का पुजारी बनाया।
एक बार भाई का कर्ज चुकाने के लिए हाथ के कड़े से सोना काटकर बेचा था। गांधी को इस चोरी का दुःख हुआ लेकिन पिता को बताने की हिम्मत नहीं हुई। उन्होंने पिता को पत्र के माध्यम से इस बारे में सूचित किया। पिता की आँखें भर आयी। गांधीजी ने इस घटना के बाद हमेशा के लिए चोरी की आदत छोड़ दी। ऐसे थे सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी।
महात्मा गांधी Summary in Kannada
महात्मा गांधी Summary in English
(In this lesson children learn about the personality of Mahatma Gandhi. They get inspiration from him to lead a life of truth, non-violence, and dharma).
Mahatma Gandhi was a great man. The whole nation calls. him father of the nation. India became independent due to his efforts. He was an idol of sacrifice and penance. Dharma was his life and truth was his soul.
Young Mohandas Karamchand Gandhi was shy by nature. He reached the school in time and left as soon as the bell rang. He never interfered in the affairs of others. He never uttered lies.
Once an officer of the education department came to his school for inspection. He dictated five English words. ‘Kettle’ was one of them. Gandhi spelt it wrongly. The teacher prompted him to copy the spelling from the student sitting next to him. But Gandhiji refused to do so. Due to the spelling mistake, Gandhiji was considered a dullard. But he did not resent it. He was happy that he did not resort to unfair means. His love for truth began here which in course of time made him a Mahatma.
After reading the play ‘Shravan Pitrubhakti’ he decided to be like Shravan. After watching the play ‘Harishchandra’ he thought that everyone must be truthful like Harishchandra even in the face of difficulties. His love for truth in childhood made him “The sage of truthfulness.”
There is one more incident. Gandhi’s brother had taken a loan of twenty-five rupees, Gandhiji wanted to help his brother. So he cut a bit of gold from the bracelet of his brother and cleared the loan. Gandhi repented this action of his and decided never to steal again. He thought of informing his father but did not have the courage to do so.
He wrote everything in a letter and asked for forgiveness. After reading the letter there were tears in his father’s eyes. Seeing the tears, Gandhiji knew that his father had forgiven him. Gandhiji gave up the habit of stealing forever. Non-violence, truth, and strong determination made Gandhi a great soul or Mahatma.
कठिन शब्दार्थ :
- आज़ाद – स्वतंत्र;
- शर्मीला – लज्जाशील;
- सताना – तंग करना;
- झूठ – असत्य;
- निरीक्षण – जाँच;
- हिज्जे – वर्तनी;
- इशारा – संकेत;
- ठीक – सही;
- बुद्धू – मूर्ख;
- संकट – कष्ट;
- कर्ज – ऋण;
- सोना – स्वर्ण;
- माफी – क्षमा;
- हिम्मत – धैर्य;
- सज़ा – दंड;
- आदत – अभ्यास;
- आँसू – अश्रु