Students can Download Hindi Lesson 10 चलना हमारा काम है Questions and Answers, Summary, Notes Pdf, Activity, KSEEB Solutions for Class 9 Hindi helps you to revise the complete Karnataka State Board Syllabus and to clear all their doubts, score well in final exams.
Karnataka State Syllabus Class 9 Hindi वल्लरी Chapter 10 चलना हमारा काम है
चलना हमारा काम है Questions and Answers, Summary, Notes
अभ्यास
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए:
प्रश्न 1.
पैरों में कैसी गति भरी है?
उत्तरः
पैरों में प्रबल गति भरी है।
प्रश्न 2.
कवि के अनुसार कब तक विराम नहीं है?
उत्तरः
कवि के अनुसार जब तक मंजिल न मिल जाये तब तक विराम नहीं है।
प्रश्न 3.
हमारा काम क्या है?
उत्तरः
चलना हमारा काम है।
प्रश्न 4.
कवि किसकी खोज में भटक रहे हैं?
उत्तरः
कवि पूर्णता की खोज में भटक रहे हैं।
प्रश्न 5.
प्रत्येक पग पर क्या अटकता रहा है?
उत्तरः
प्रत्येक पग पर कुछ न कुछ रोड़ा अटकता ही रहा।
प्रश्न 6.
किसकी गति रुकी नहीं है?
उत्तरः
जीवन की गति रुकी नहीं है।
प्रश्न 7.
‘चलना हमारा काम है’ के कवि कौन हैं?
उत्तरः
‘चलना हमारा काम है’ के कवि शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ है।
अधिक प्रश्नोत्तरः
प्रश्न 8.
जब पैरों में प्रबल गति भरी हो तो हमें क्या नहीं करना चाहिए?
उत्तरः
जब पैरों में प्रबल गति भरी हो तो हमें दर दर नहीं खड़ा रहना चाहिए।
प्रश्न 9.
किनकी सफलता अभिराम है?
उत्तरः
जो हर दम साथ चलते रहे उनकी सफलता अभिराम है।
प्रश्न 10.
कवि कब तक रुकना नहीं चाहता है?
उत्तरः
कवि तब तक रुकना नहीं चाहता है जब तक लक्ष्य प्राप्ति न हो जाए।
II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए:
प्रश्न 1.
‘आज मेरे सामने है रास्ता इतना पड़ा’ पंक्ति का आशय क्या है?
उत्तरः
मंजिल तक पहुँचने के लिए रास्ते में बहुत रुकावटे हैं। उन रुकावटों को दूर करते हुए लक्ष्य तक पहुँचना ही जीवन का उद्देश्य है।
प्रश्न 2.
कविता की अंतिम पंक्तियों में कवि ने क्या संदेश दिया है?
उत्तरः
कक्ति की अंतिम पंक्तियों में कर्चि ने यह संदेश दिया है कि जीवन के मार्ग में अनेक कठिनाझ्याँ आती है। इनमें हारकर कोई बीच रास्ते में ही रुकना हैं तो कोई हर मक्त लेते हैं। जीन किसी के लिए रुकता नहीं है। जो सूर के मक्कर आगे बढता ही जाता है सफलता उसी की होती हैं। इसलिए हमें चलाते है रस हैं।
अधिक प्रश्नोत्तरः
प्रश्न 3.
‘जीवन इसी का नाम है’ पंक्ति से कवि का क्या आशय है?
उत्तरः
कवि कहते हैं कि मैं पूर्णता की खोज में दर-दर भटकता रहा हूँ। कदम कदम पर मुझे बाधाए मिलि। लेकिन फिर भी मैं निराश नही हूँ क्योंकि जीवन का नाम ही चलते जाना है।
III. तुकांत शब्दों को पहचानकर लिखिएः
- खड़ा ________
- विराम ________
- काम _________
- अभिराम _________
उत्तरः
- पड़ा;
- काम;
- नाम;
- काम।
IV. निम्नलिखित पंक्तियों को सही शब्दों से भरिए:
- फिर क्यों रहूँ _________ खड़ा।
- तब तक __________ है।
- कुछ _________ से फिर गए।
- जो गिर गए __________ गए।
उत्तरः
- दर दर;
- मुझे न विराम;
- बीच ही;
- सो गिर।
V. उचित विलोम शब्दों को छाँटकर लिखिए:
आराम, अपूर्णता, विनाश, अविराम, असफलता, अलसता, मरण, आगे, पीछे, आशा, जवान, सम्मान
- विराम × _______
- पूर्णता × _______
- निराशा × _______
- सफलता × _______
- सामने × _______
- जन्म × _______
उत्तरः
- विराम × आराम
- पूर्णता × अपूर्णता
- निराशा × आशा
- सफलता × असफलता
- सामने × पीछे
- जन्म × मरण
VI. कविता में ‘पूर्णता’, ‘सफलता’ शब्दों में ‘ता’ प्रत्यय जुड़ा है, ऐसे ‘ता’ प्रत्यय से जुड़े 5 शब्दों की सूची बनाइए:
उदाः सुंदर + ता = सुंदरता
उत्तरः
VII. इस कविता की प्रथम सात पंक्तियों को कंठस्थ कीजिए।
गति प्रबल पैरों में भरी
फिर क्यों रहूँ दर दर खड़ा
जब आज मेरे सामने
है रास्ता इतना पड़ा
जब तक न मंजिल पा सकूँ,
तब तक मुझे न विराम है,
चलना हमारा काम है।
VIII. भावार्थ लिखिएः
1) मैं पूर्णता की खोज में
दर-दर भटकता ही रहा
प्रत्येक पग पर कुछ न कुछ
रोड़ा अटकता ही रहा
पर हो निराशा क्यों मुझे?
जीवन इसी का नाम है,
चलना हमारा काम है।
उत्तरः
कवि कहते हैं कि अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ते हुए जीवन में मुझे अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। पूर्णता की खोज में मुझे जगह-जगह भटकना पड़ा। कदम-कदम पर मुझे रुकावटों का सामना करना पड़ा। लेकिन मैं निराश नहीं हुआ। मैं हारा नहीं। क्योंकि मैं जानता हूँ कि जीवन का मतलब ही लगातार चलते जाना है। संघर्ष ही जीवन है। हमें विपरीत परिस्थितियों से भी घबराना नहीं चाहिए।
IX. अनुरूपताः
- जन्म : मरण : : बहुत : ________
- चलना : चलाना : : गिरना : ___________
- पैर : पाँव : : सड़क : __________
- रोड़ा : संज्ञा शब्द : : भटकना : _________
उत्तरः
- कम;
- गिराना;
- पथ;
- क्रिया शब्द।
चलना हमारा काम है Summary in Hindi
चलना हमारा काम है कवि परिचयः
शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ जी का जन्म 5 अगस्त सन् 1915 को उत्तर प्रदेश राज्य के उन्नाव जिले के झगरपुर गाँव में हुआ। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से इन्होंने स्नातकोत्तर एवं पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। भागलपुर विश्वविद्यालय से इन्होंने डी.लिट्. की उपाधि भी प्राप्त की। इसी वर्ष उनको ‘पद्मश्री’ पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। ‘सुमन’ जी ‘पद्मभूषण’, देव पुरस्कार, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, शिखर सम्मान, भारत-भारती आदि पुरस्कारों से सुशोभित हैं। ऐसे श्रेष्ठ साहित्यकार का निधन 27 नवंबर 2002 में हृदयगति रुक जाने के कारण हुआ।
प्रमुख रचनाएँ – ‘युग का मोल’, ‘प्रलय सृजन’, ‘विद्याहिमालय’, ‘वाणी की व्यथा’, ‘उद्यम और विकास’ (गीति काव्य), ‘प्रकृति पुरुष कालीदास’ (नाटक) आदि हैं। 1974 में इनकी कृति ‘मिट्टी की बारात’ पर साहित्य अकादमी का पुरस्कार मिला।
कविता का आशयः
बच्चे इस कविता के द्वारा यह सीखते हैं कि जीवन के सफर में अनेक रुकावटें आती हैं। उनका सामना करते हुए लक्ष्य प्राप्ति तक कदम बढ़ानेवाला व्यक्ति आदरणीय होता है।
कविता का सारांश/भावार्थः
1) गति प्रबल पैरों में भरी
फिर क्यों रहूँ दर दर खड़ा
जब आज मेरे सामने
है रास्ता इतना पड़ा
जब तक न मंजिल पा सकूँ,
तब तक मुझे न विराम है,
चलना हमारा काम है।
यह कविता जीवन के सफर में आनेवाली रुकावटों का सामना हिम्मत के साथ करने का संदेश देती है। जीवन निरन्तर चलते जाने का ही नाम है। जीवन गतिशील है। जीवन लक्ष्यहीन नहीं होता बल्कि लक्ष्य की प्राप्ति की तरफ़ कदम बढ़ाते जाना ही जीवन को जीना है। कवि कहते हैं कि मेरे पैरों में गति भरी है। मैं लक्ष्य प्राप्त करने के लिए चलने को आतुर हूँ इसलिए मुझे समय बेकार नहीं करना चाहिए। मेरा रास्ता लंबा है। जब तक मुझे मेरी मंजिल नहीं हासिल हो जाए तब तक मैं आराम नहीं कर सकता। आराम मौत के समान है। इसलिए चलते जाना है।
2) मैं पूर्णता की खोज में
दर-दर भटकता ही रहा
प्रत्येक पग पर कुछ न कुछ
रोड़ा अटकता ही रहा
पर हो निराशा क्यों मुझे?
जीवन इसी का नाम है,
चलना हमारा काम है।
मैं अपनी मंजिल को प्राप्त करने के लिए हमेशा भटकता रहा। कदम कदम पर रुकावटें आती रही। लेकिन मैं निराश नहीं हुआ। जीवन के रास्ते में बाधाएँ आती ही हैं। इसलिए हमें कर्म करते जाना है।
3) कुछ साथ में चलते रहे
कुछ बीच ही से फिर गए,
पर गति न जीवन की रुकी
जो गिर गए सो गिर गए
जो रहे हर दम,
उसी की सफलता अभिराम है,
चलना हमारा काम है।
जीवन के सफर में बहुत से लोग साथ चलते हैं। कुछ लोग बीच रास्ते से ही लौट जाते हैं। फिर भी जीवन कभी रुकता नहीं है। बहुत से लोग निराश होकर साथ छोड़ दिए। बहुत हार गए। लेकिन जो लक्ष्य तक साथ में रहे और जिन्होंने सफलता हासिल की वे लोग भाग्यशाली है। आदर उसी व्यक्ति का होता है जो जीवन के मुश्किल पथ पर कभी हार नहीं मानता है और निरंतर चलता रहता है।
चलना हमारा काम है Summary in Kannada
चलना हमारा काम है Summary in English
In the journey of life, one has to face many difficulties. One who faces them and keeps moving till he attains his goal will be respected.
The poet says that human beings are born to face challenges. As long as the path to action is open, we should not accept defeat. The poet says that until we get success in life, we should not give up. As long as we do not reach our destination, we should not rest. So to keep moving is our job. The poet says that while working to achieve our goals we may have to face problems. We should not panic or stop; we should keep moving forward.
The poet says that he went in search of perfection. He wandered here and there trying to achieve his goal. But at every step on the way, there were obstacles. But he did not panic nor was he disappointed. There will always be difficulties in life. We should not get distracted by such obstacles. We have to keep moving until we reach our goal or destination.
There are many people moving in the path of life. Some get frustrated and return mid-way. Many of them lose out. But life does not stop; it goes on. Those who continue and do not stop till they achieve their goal are the lucky ones. The person who never accepts defeat in the face of difficulties and keeps moving till he achieves his goal will be respected by all.