Students can Download Hindi Lesson 2 गुलाब सिंह Questions and Answers, Summary, Notes Pdf, Activity, KSEEB Solutions for Class 9 Hindi helps you to revise the complete Karnataka State Board Syllabus and to clear all their doubts, score well in final exams.
Karnataka State Syllabus Class 9 Hindi वल्लरी Chapter 2 गुलाब सिंह
गुलाब सिंह Questions and Answers, Summary, Notes
अभ्यास
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिएः
प्रश्न 1.
किस कारण से बालक का खाना बंद कर दिया गया?
उत्तर:
बीमार पड़ने से बालक का खाना बंद कर दिया गया।
प्रश्न 2.
बहन ने भाई को क्या खिला दिया?
उत्तर:
बहन ने भाई को गुड़ और चने खिला दिये।
प्रश्न 3.
शहर में क्यों आतंक छा गया?
उत्तर:
बादशाह का हुक्म था कि जुलूस न निकले। इसलिए शहर में आतंक छा गया।
प्रश्न 4.
थाली में क्या जल रहा था?
उत्तर:
थाली में दिया जल रहा था।
प्रश्न 5.
झंड़ा किससे बना?
उत्तर:
झंडा बहन की पुरानी ओढ़नी से बना।
प्रश्न 6.
बहन ने क्या थाम लिया?
उत्तर:
बहन ने झंड़ा थाम लिया।
अधिक प्रश्नोत्तरः
प्रश्न 7.
गुलाब सिंह सारे घर का क्या था?
उत्तर:
गुलाब सिंह सारे घर का दुलारा था।
प्रश्न 8.
बहन भाई के लिए किसका गुस्सा सहने को तैयार थी?
उत्तर:
बहन भाई के लिए माँ-बाप का गुस्सा सहने को तैयार थी।
प्रश्न 9.
भाई ने बहन से किसका तिलक लगाकर विदा करने को कहा?
उत्तर:
भाई ने बहन से कहा कि वह उसे रोली का तिलक लगाकर विदा करें।
प्रश्न 10.
गुलाब सिंह क्या बिखेरकर चला गया?
उत्तर:
गुलाब सिंह अपनी सुगंध बिखेरकर चला गया।
प्रश्न 11.
गुलाब सिंह के घर में कौन-कौन थे?
उत्तर:
गुलाब सिंह के घर में उसके पिता, माँ और एक बहन थे।
प्रश्न 12.
भाई के मन पर किस की छाप पड़ गयी?
उत्तर:
भाई के मन पर बहन के प्रेम की छाप पड़ गयी।
प्रश्न 13.
कौन-सा जुलूस निकलनेवाला था?
उत्तर:
झंडे का जुलूस निकलनेवाला था।
प्रश्न 14.
भाई ने बहन से बनाये झंडे को किससे बांध लिया?
उत्तर:
भाई ने बहन की पुरानी ओढ़नी से बने झंडे को अपने खेलने के डंडे से बाँध लिया।
प्रश्न 15.
बालक का नाम क्या था?
उत्तर:
बालक का नाम गुलाब सिंह था।
प्रश्न 16.
बादशाह का हुक्म क्या था?
उत्तर:
बादशाह का हुक्म था की जुलूस नहीं निकलेगा।
II. दो या तीन वाक्यों में उत्तर लिखिएः
प्रश्न 1.
भाई को बहन कैसे विदा करती है?
उत्तर:
बहन ने भाई के माथे पर तिलक लगाया, चावल बिखराए। भाई ने बहन के पैर छुए। बहन ने भाई के सिर पर हाथ फेरा और बलैयाँ लीं। इस प्रकार बहन भाई को विदा करती है।
प्रश्न 2.
भाई को गिरते देखकर बहन ने क्या किया?
उत्तर:
बहन ने भाई को गिरते देख, वह दौड़ पड़ी। भाई खून से लथपथ पड़ा था। वह पुकारती रही, “भैया! भैया!”
अधिक प्रश्नोत्तरः
प्रश्न 3.
बहन ने बीमार भाई की किस तरह सेवा की?
उत्तर:
जब भाई के बीमार पड़ने पर माँ ने उसका खाना बंद कर दिया तब वह चुपके से गुड़ और चने चुरा लाई और भाई को खिला दिए। वह अपने भाई के लिए माता-पिता का गुस्सा भी सहने को तैयार थी।
प्रश्न 4.
भाई-बहन झंडे की तैयारी कैसे करते हैं?
उत्तर:
भाई-बहन मिलकर झंडे की तैयारी करने लगे। बहन ने अपनी पुरानी ओढ़नी फाड़कर झंडा बना लिया। लाल-हरा रंग भी चढ़ गया। भाई ने उसे अपने खेलने के डंडे से बाँध लिया। इस तरह जुलूस के लिए झंडा तैयार हो गया।
III. जोड़िए:
1) बालक सारे घर का – क) तुम थक जाओगी।
2) भाई खून से – ख) दुलारा था।
3) बड़ी दूर जाना है – ग) लथपथ पड़ा था।
उत्तरः
1. ख;
2. ग;
3. क।
IV. वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
जुलूस, आभामंडल, आतंक, हुक्म
उत्तर:
- जुलूस : हम जुलूस बनाकर चलेंगे।
- आभामंडल : मुँह के चारों तरफ घूमती थाली एक आभामंडल बनाने लगी।
- आतंक : अंग्रेजों का पूरे भारतवर्ष पर आतंक था।
- हुक्म : बादशाह का हुक्म था – ‘जुलूस नहीं निकलेगा’।
V. संज्ञा, सर्वनाम शब्दों को अलग-अलग लिखिएः
जुलूस, वह, माँ, बादशाह, गुलाबसिंह, बहन, उसे, भैया, अपने, इन, झंडा, सिपाही, लोग, उन्होंने, गोली, खून
उत्तर:
संज्ञा
जुलूस, माँ, बादशाह, गुलाबसिंह, बहन, भैया, झंडा, सिपाही, लोग, गोली, खून
सर्वनाम
वह, उसे, अपने, इन, उन्होंने
VI. विशेषण शब्द छाँटकर अलग लिखिए:
- काला कुत्ता भौंक रहा है।
- तोता हरे रंग का है। ……
- वह पीला पपीता खा रहा है। ………..
- सुंदर लड़की खूब गाती है। ………..
उत्तरः
- काला;
- हरे;
- पीला;
- सुंदर।
VII. अनुरूपताः
- त्रिधारा : कविता : : बिखरेमोती : _________
- रानी : राजा : : बेगम : __________
- अंगूर : फल : : गुलाब : __________
- दीया : दीप : : पताका : ___________
उत्तरः
- कहानी संग्रह;
- बादशाह;
- फूल;
- ध्वज।
VIII. अन्य लिंग शब्द लिखिएः
- बादशाह – ________
- राजा – __________
- पिता – _________
- लेखक – ___________
- देवी – _________
- बहन – __________
उत्तरः
- बादशाह – बेगम
- राजा – रानी
- पिता – माता
- लेखक – लेखिका
- देवी – देव
- बहन – भाई।
IX. अन्य वचन रूप लिखिए:
- झंडा – __________
- दरवाजा – __________
- ओढ़नी – __________
- कहानी – __________
- डंडा – __________
- थाली – __________
उत्तरः
- झंड़ा – झंडे
- दरवाजा – दरवाजे
- ओढ़नी – ओढ़नियाँ
- कहानी – कहानियाँ
- डंडा – डंडे
- थाली – थालियाँ
X. समानार्थक शब्द लिखिए:
प्रश्न 1.
उत्तर:
प्रश्न 2.
उत्तरः
प्रश्न 3.
उत्तरः.
प्रश्न 4.
उत्तरः
XI. उचित शब्द से खाली स्थान भरिएः
- बड़ा भारी जुलूस ____________ था। (निकालना, निकलना)
- वह सारे घर का दुलारा ___________। (था, थी)
- झंडे की तैयारी होने ____________। (लगा, लगी)
- लोग भागे ___________। (आया, आए)
उत्तरः
- निकलना;
- था;
- लगी;
- आए।
XII. खाली जगह भरिएः
- मिलना मिलाना _________
- देखना ________ दिखवाना
- खाना ________ खिलवाना
- ______ बिठाना _________
- घूमना घुमाना __________
उत्तरः
- मिलवाना;
- दिखाना;
- खिलाना;
- बैठना, बिठवाना;
- घुमवाना।
XIII. नये शब्द बनाकर लिखिए।
उत्तरः
- अंजान;
- बेजान;
- सुजान।
इसी प्रकार ‘अन’, ‘बे’, ‘सु’ को जोड़कर अन्य पाँच-पाँच नये शब्द लिखिएः
उदा : अनागरिक।
उत्तरः
अन
- अनमोल
- अनपढ़
- अननुकूल
- अनबन
- अनसुना
बे
- बेअसर
- बेइज्जत
- बेईमान
- बेकार
- बेचैन
सु
- सुखाना
- सुगंध
- सुगम
- सुधार
- सुमन
भाषा ज्ञान
कारक: संज्ञा या सर्वनाम के उस रूप को ‘कारक’ कहते हैं, जिससे उसका संबंध वाक्य के अन्य शब्दों, विशेषतः क्रिया के साथ प्रकट होता है। वास्तव में ‘कारक’ विभक्ति चिह्नों से युक्त संज्ञा या सर्वनाम होते हैं।
विभक्तियाँ (चिह्न) | कारक |
1. ने | कर्ता कारक |
2. को | कर्म कारक |
3. से, के साथ, के द्वारा | करण कारक |
4. को, के लिए | संप्रदान कारक |
5. से (अलग होना) | अपादान कारक |
6. का, के, की | संबंध कारक |
7. में, पर | अधिकरण कारक |
8. हे! अरे! | संबोधन कारक |
संज्ञा शब्दों के साथ कारकों का प्रयोग :
शब्द | विभक्ति प्रत्यय | कारक शब्द | कारक का नाम |
1. गुलाब सिंह | ने | गुलाब सिंह ने | कर्ता कारक |
2. गुलाब सिंह | को | गुलाब सिंह को | कर्म कारक |
3. गुलाब सिंह | से | गुलाब सिंह से | करण कारक |
4. गुलाब सिंह | को, के लिए | गुलाब सिंह के लिए | संप्रदान कारक |
5. गुलाब सिंह | के द्वारा | गुलाब सिंह के द्वारा | अपादान कारक |
6. गुलाब सिंह | का/के की | गुलाब सिंह का गुलाब सिंह के गुलाब सिंह की |
संबंधकारक |
7. गुलाब सिंह | में/पर | गुलाब सिंह में गुलाब सिंह पर |
अधिकरण कारक |
8. गुलाब सिंह | हे!/अरे! | हे गुलाब सिंह | संबोधन कारक |
सर्वनाम शब्दों के साथ कारक का प्रयोग :
शब्द + विभक्ति प्रत्यय | कारक शब्द | कारक का नाम |
1. हम + ने | हमने | कर्ता कारक |
2. म + को | हमको | कर्म कारक |
3. हम + से | हमसे | करण कारक |
4. हम + को/के लिए | हमको / हमारे लिए | संप्रदान कारक |
5. हम + से/के द्वारा | हमसे / हमारे द्वारा | अपादान कारक |
6. हम + का/के/की | हमारा / हमारे / हमारी | संबंध कारक |
7. हम + में / पर | हममें / हम पर | अधिकरण कारक |
I. खाली जगह भरिएः
- बहन + ने = बहन ने – कर्ता कारक
- _______ + की = बहन की – _________
- हम + ___________ = हमारे लिए – ___________
- हम + का = _________ – ____________
- __________ + का = तुम्हारा – _____________
- तुम + से = _________ – _________
उत्तरः
- बहन + ने = बहन ने – कर्ता कारक
- बहन + की = बहन की – संबंध कारक
- हम + लिए = हमारे लिए – संप्रदान कारक
- हम + का = हमारा – संबंध कारक
- तुम + का = तुम्हारा – संबंध कारक
- तुम + से = तुम से – अपादान कारक
गुलाब सिंह Summary in Hindi
गुलाब सिंह लेखिका परिचयः
सुभद्राकुमारी चौहान (1904-1948) का जन्म प्रयाग, यू.पी. में हुआ था। बाल्यकाल से साहित्य में इनकी विशेष रुचि थी। प्रथम काव्य रचना 15 वर्ष की आयु में ही की थी। राष्ट्रीय आंदोलन में आप भाग लेती रहीं। आप कई बार जेल गयी थीं। साहित्य और राजनीतिक जीवन में समान रूप से भाग ले कर, जीवन के अंत तक देश की सेवा करती रहीं।
आप की रचनाओं में देश-प्रेम, भारतीय इतिहास तथा संस्कृति की छाप देख सकते हैं। ‘झांसी की रानी’ इनकी प्रसिद्ध कविता है। कविताओं के संकलन ‘त्रिधारा’ व ‘मुकुल’ नाम से प्रकाशित हुए हैं। आप की कहानियों पर हिंदी साहित्य सम्मेलन की ओर से दो बार ‘सेक्सरिया पुरस्कार’ मिला था। आपकी कहानियों के संग्रहों के नाम हैं – ‘बिखरे मोती’ तथा ‘उन्मादिनी’।
पाठ का आशय और महत्वः
‘गुलाब सिंह’ के द्वारा देशभक्ति, त्याग, बलिदान, भाई-बहन का प्रेम, प्रजा की जिम्मेदारियाँ, कर्तव्य आदि का चित्रण किया गया है। इस पाठ में ‘झंडा’ स्वतंत्रता के संकेत के रूप में दिखाया गया है।
‘गुलाब सिंह’ एक देशभक्त की कहानी है। इस पाठ में आज़ादी का महत्व बतलाया गया है। हर एक देश का संकेत झंडा होता है। झंडा पहराना देशभक्ति का प्रतीक है। इसके लिए त्याग और बलिदान भी करना पड़ता है। परिवार के लोगों को भी ऐसे कामों में प्रोत्साहित करना चाहिए। ‘गुलाब सिंह’ कहानी के जरिये सुभद्राकुमारी चौहान यह संदेश सबको देती है।
कहानी का सारांशः
गुलाब सिंह सारे घर का दुलारा था। उसके घर में माता, पिता और प्यारी बहन थे। एक दिन गुलाब सिंह बीमार पड़ा। माँ ने उसका खाना बंद कर दिया। उसका बार-बार कुछ खाने को माँगना छोटी बहन से सहा न गया। उसने प्यार से भाई को सबसे छिपाकर गुड़ और चने खिलाये। भाई खाकर खुश हो गया। धीरे-धीरे रोग उतर गया पर भाई के मन पर बहन के प्रेम की छाप पड़ गई। घर के सब लोगों के साथ गुलाब सिंह का सम्बन्ध अच्छा था।
एक बार झंडे का जुलूस निकलनेवाला था। उत्साही युवक इसके लिए तैयार थे। शहर में आतंक छा गया। बादशाह का हुक्म था कि जुलूस न निकले। गुलाब सिंह को बड़ा गुस्सा आया। उसने अपनी बहन से कहा – “हम जरूर फहराएँगे, अपना झंडा। देखते हैं कौन रोकता है हमें”।
भाई, बहन झंडा बनाने लगे। बहन ने अपनी पुरानी ओढ़नी फाड़कर झंडा बना लिया। लाल-हरा रंग भी चढ़ गया। भाई ने उसे अपने खेलने के डंडे से बाँध कर झंडा तैयार किया। भाई झंडा लेकर चला। बहन भी उसके साथ चलने को तैयार हो गयी। भाई ने उसे रोका। बहन से कहा कि वह अपने भाई को रोली का तिलक लगाकर खुशी से बिदा करें। बहन ने ऐसा ही किया। थाली में एक दिया जलाकर लायी और भाई की आरती उतारने लगी।
बहन ने भाई के माथे पर तिलक लगाया। भाई ने बहन के पैर छुए और विदा ली। झंडे को लहराते हुए ले जाते भाई को देखकर बहन खुश हुई। गुलाब सिंह झंडा लेकर निकल पड़ा। बादशाह के सिपाहियों ने झंडेवाले को रोका। वह न रुका। बादशाह के सिपाहियों ने गोली चला दी। वह गिरा। झंडा उसके हाथ में था। वह खून से लथपथ था। बहन ने भाई को गिरते देखा। वह भाई के पास दौड़कर आयी।
भाई ने झंडा अपनी बहन को दिया। बहन ने झंडा थाम लिया। भाई चला गया। वह बहुत रो रही थी पर झंडा हाथ में उठाए रही। लोगों ने भाई की देह उठाई। आगे आगे झंडा लिए बहन चलने लगी। बादशाह का हुक्म था – ‘जुलूस नहीं निकलेगा।’ लेकिन झंडा निकला और बड़ी शान से निकला। गुलाब सिंह अपनी सुगंध बिखेरकर चला गया।
गुलाब सिंह Summary in Kannada
गुलाब सिंह Summary in English
This story by Subhadrakumari Chauhan describes the ideals of patriotism, sacrifice, love between siblings, responsibility and duty of the citizens. The day and date are not important. When we are narrating the story of an immortal end what is the use of knowing the day and date? His family consisted of his father, mother and sister besides himself.
One day he fell ill. The mother stopped serving him food. But he repeatedly kept asking for a food which his sister could not tolerate. She secretly gave him jaggery and grams. She was prepared to face the ire of her parents to keep her brother happy. Slowly he recovered and the brother’s love for the sister increased. There were many similar incidents that had enhanced his affection for the mother and the father. Occasionally he quarrelled with them but later his eyes turned moist.
All of a sudden the atmosphere in the place changed. The disspirited minds of the people were stimulated. There was an atmosphere of enthusiasm. People were preparing to take out a huge procession holding flags. But the ruler had prohibited it. There was tension in the place. The brother was angered by the order of the ruler. He decided to take part in the procession.
Brother and sister began to make a flag. The sister tore off her old shawl and made a flag out of it. She also coloured it red and green. The brother tied it to a stick. The flag was ready.
The brother set out from his house with the flag. The sister insisted on joining him. The brother told her that it would be a long march and she would be tired. He advised her to put a Tilak on his forehead and when she raised the arati there appeared a circle of radiance around his face. She saw him off as a princess seeing off a prince.
Now he began to march with the flag. The sister stood at the door and kept looking at him. After he had moved a little distance, soldiers tried to stop him. But he went ahead. The soldiers shot at him. He fell down but the flag was firmly in his hand. She saw him fall and came running. He was covered with blood. He asked her to take the flag from him.
The brother died. The sister was in tears but she held the flag high. The people lifted the brother’s body and continued with the procession. The sister walked in front with the flag in her hand. The ruler had said there would be no procession. But the procession did take place. There was an order not to carry the flag but it was carried. The brother was Gulab Singh, who laid down his life for the country.