Students can Download Hindi Lesson 5 मौसी Questions and Answers, Summary, Notes Pdf, Activity, KSEEB Solutions for Class 9 Hindi helps you to revise the complete Karnataka State Board Syllabus and to clear all their doubts, score well in final exams.
Karnataka State Syllabus Class 9 Hindi वल्लरी Chapter 5 मौसी
मौसी Questions and Answers, Summary, Notes
अभ्यास
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए:
प्रश्न 1.
माँ के जैसे प्यारी कौन थी?
उत्तर:
माँ के जैसे प्यारी मौसी थी।
प्रश्न 2.
मौसी सभी को किस समय में साथ देती थी?
उत्तर:
मौसी सबके सुख-दुःख में साथ देती थी।
प्रश्न 3.
दोपहर होने पर मौसी कहाँ पहुँच जाती थी?
उत्तर:
दोपहर होने पर मौसी स्कूल के फाटक पर पहुँच जाती थी।
प्रश्न 4.
मौसी बच्चों को क्या-क्या खिलाती थी?
उत्तर:
मौसी बच्चों को चने, टिकिया, मूंगफली आदि खिलाती थी।
प्रश्न 5.
मौसी के बिना सारा मोहल्ला कैसा लगता था?
उत्तर:
मौसी के बिना सारा मोहल्ला सूना-सूना लगता था।
प्रश्न 6.
लड़के भागकर क्या उठा ले आए?
उत्तर:
लड़के भागकर खाट उठा लाए।
प्रश्न 7.
बच्चों ने हेडमास्टर से क्या विनती की?
उत्तर:
बच्चों ने हेडमास्टर से विनती की कि मौसी को स्कूल में काम दिया जाए।
प्रश्न 8.
मौसी के जीवन में कैसे दिन लौट आए?
उत्तर:
मौसी के जीवन में खुशी के दिन लौट आए।
अधिक प्रश्नोत्तरः
प्रश्न 9.
बच्चे कौनसा खेल खेलकर लौट रहे थे?
उत्तर:
बच्चे हॉकी मैच खेलकर लौट रहे थे।
प्रश्न 10.
उषा थाली में क्या लेकर आती है?
उत्तर:
उषा थाली में दो रोटियाँ लेकर आयी।
प्रश्न 11.
बलदेव अपने डाक्टर पिता को क्या कहता है?
उत्तर:
मौसी बीमार है। आप जल्दी चलकर देखिए।
प्रश्न 12.
मौसी के न रहने पर मोहल्ला कैसा लगता था?
उत्तर:
मौसी के न रहने पर मोहल्ला सूना-सूना लगता था।
प्रश्न 13.
बलदेव के पिता क्या काम करते थे?
उत्तर:
बलदेव के पिता डाक्टर थे।
प्रश्न 14.
मौसी को रहने के लिए जगह कहाँ मिल गई?
उत्तर:
मौसी को स्कूल की एक कोठरी में रहने के लिए जगह मिल गयी।
II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए:
प्रश्न 1.
मौसी बच्चों को कौन-कौन-सी कहानियाँ सुनाती थी?
उत्तर:
मौसी बच्चों को तोता-तोती की कहानी, काठ के घोड़े की कहानी, वीरोचित कहानी आदि सुनाती थी।
प्रश्न 2.
बच्चे मौसी को कहाँ-कहाँ ढूँढते है?
उत्तर:
एक दिन जब स्कूल की छुट्टी हुई तब बाहर फाटक पर मौसी नहीं मिली। शाम को बच्चे खेलने गए तो मौसी पेड़ के नीचे भी दिखाई नहीं दी। तब बच्चों को मौसी का न दिखाई देना मालूम हुआ।
प्रश्न 3.
मकान के अंदर से बच्चों को कैसी आवाज़ सुनायी दी?
उत्तर:
मकान के अंदर से बच्चों को ऊँची ऊँची आवाजे सुनाई दी।
प्रश्न 4.
बच्चों को क्यों गुस्सा आया?
उत्तर:
मौसी के बाल उलझे हुए और चेहरा सूखा हुआ था। मौसी को ऐसी स्थिति में देखकर बच्चों को बहुत दुःख हुआ और गुस्सा आया।
अधिक प्रश्नोत्तरः
प्रश्न 5.
स्कूल के फाटक पर मौसी को देखते ही बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी?
उत्तर:
मौसी हमेशा दोपहर में स्कूल के फाटक पर पहुँच जाती थी। जैसे ही स्कूल की छुट्टी होती वैसे ही बच्चे भागते हुए बाहर निकलते और मौसी के कंधों पर अपने-अपने बस्ते डाल देते थे।
प्रश्न 6.
दरवाज़े की दरार में से मौसी कैसी दीख पड़ी?
उत्तर:
बन्द दरवाजे की दरार में से झाँककर देखा तो मौसी एक खाट पर लेटी थी। बाल उलझे हुए और चेहरा सूखा हुआ था।
प्रश्न 7.
मौसी कहाँ बैठी रो रही थी? सबने एक स्वर में क्या कहा?
उत्तर:
मौसी पुल पर बैठी रो रही थी। सबने एक स्वर में कहा – “हम तुझे कहीं नहीं जाने देंगें मौसी।”
प्रश्न 8.
मौसी को ढूँढते एक मकान के पास पहुंचने पर बच्चों ने क्या सुना?
उत्तर:
मौसी को ढूँढते एक मकान के पास पहुंचने पर बच्चों ने मकान के अंदर से ऊँची-ऊँची आवाज़ सुनी – “हमने ठेका तो नहीं ले रखा है मौसी। बीस दिन से तुम यहाँ हो। अब तुम किसी दूसरे के घर चली जाओ।”
III. तीन-चार वाक्यों में उत्तर लिखिए:
प्रश्न 1.
मौसी और बच्चों के बीच में क्या बातचीत हुई?
उत्तर:
हॉकी मैच के बाद जब लडकों ने मौसी को देखा तब उसकी हालत कुछ अच्छी नही थी। उन्होंने मौसी से अनेक सवाल पूछे और उसे कही न जाने देंगे की बात कही। यह सुनकर मौसी रो पड़ी।
प्रश्न 2.
बच्चों ने मिलकर मौसी की सेवा किस प्रकार की?
उत्तर:
कन्हैया अपने घर से दरी और तकिया उठा लाया। योगराज अपने घर से एक कटोरा दूध लाया। गोपाल अपने घर से लैंप उठा लाया। बलदेव ने अपने पिता से बीमार मौसी का इलाज करवाया। इसतरह बच्चों ने मिलकर मौसी की सेवा की।
प्रश्न 3.
मौसी के खुशी जीवन का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मौसी फिरसे स्कूल के आँगन में आने लगी। बच्चों को कहानियाँ सुनाती, मोहल्ले का चक्कर काटती, सभी घरों में आँककर लोगों का हालचाल पूछती। श्याम होते ही अपनी कोठरी में चली जाती। इस तरह मौसी हसी खुशी दिन बिताती थी।
अधिक प्रश्नोत्तरः
प्रश्न 4.
बच्चों ने मकान के भीतर मौसी को किस हालत में देखा?
उत्तर:
बच्चों ने जब बन्द दरवाजे की दरार में से झांककर देखा तो मौसी एक खाट पर लेटी थी। उसके बाल उलझे हुए थे। मौसी का चेहरा भी सूखा हुआ था। बच्चों को मौसी को इस स्थिति में देखकर बहुत दुःख हुआ।
IV. रिश्ता जानिए और लिखिएः
- पिता के पिता : दादा : : माता के पिता : __________
- पिता की बहन : बुआ : : माता की बहन : __________
- पति/पत्नी के पिता : ससुर : : पति/पत्नी की माता : __________
- बेटे की पत्नी : बहू : : बेटी का पति : ___________
उत्तरः
- नाना;
- मौसी;
- सास;
- दामाद
V. नमूने के अनुसार लिखिए:
उत्तरः
- लड़की – लड़कियाँ माता – माताएँ आँख – आँखें
- कोठरी – कोठरियाँ दिशा – दिशाएँ दरार – दरारें
- पहेली – पहेलियाँ घटना – घटनाएँ दुकान – दुकानें
VI. विलोम शब्दों के जोड़े बनाइएः
उदाः बाहर × अंदर
गलत, सुख, छोटा, खुशी, टेढ़ा, बहुत, रात, अपना, दुःख, सही, बड़ा, ऊपर, गम, दिन, पराया, नीचे, सीधा, कम
उत्तरः
- गलत × सही
- सुख × दुःख
- छोटा × बड़ा
- खुशी × गम
- टेढ़ा × सीधा
- बहुत × कम
- रात × दिन
- अपना × पराया
- ऊपर × नीचे
VII. पर्यायवाची शब्द लिखिएः
- पेड़ – ________
- घोड़ा – _________
- दूध – ____________
- पानी – _________
- घर – __________
- औरत – ____________
उत्तरः
- पेड़ – वृक्ष, तरु
- घोड़ा – अश्व, बाजि
- दूध – दुग्ध, क्षीर
- पानी – जल, नीर
- घर – मकान, भवन
- औरत – स्त्री, महिला
VIII. सार्थक वाक्य बनाइए:
प्रश्न 1.
सबको जैसे मौसी प्यारी माँ थी के। ___________
उत्तर:
मौसी सबको माँ के जैसी प्यारी थी।
प्रश्न 2.
वीरोचित सुनाती मौसी थी कहानियाँ। ____________
उत्तर:
मौसी वीरोचित कहानियाँ सुनाती थी।
प्रश्न 3.
दिन दूसरे मैच हॉकी लौट खेलकर रहे थे। ____________
उत्तर:
दूसरे दिन हॉकी मैच देखकर लौट रहे थे।
प्रश्न 4.
पीने पानी के लिए मुन्नी लायी। ___________
उत्तर:
मुन्नी पीने के लिए पानी लायी।
IX. कन्नड़ में अनुवाद कीजिए:
X. नमूने के अनुसार लिखिए:
उदाः दूध → मलाई, माखन, घी, मिठाई
- पेड़ → ______, _____, ______, ______
- सोना → ______, _____, ______, ______
- फूल → ______, _____, ______, ______
- कागज़ → ______, _____, ______, ______
उत्तरः
- पेड़ → डालियाँ, पत्ते, फूल, फल
- सोना → कंगन, चूड़ी, पाजेब, हार
- फूल → पराग, पंखुड़ियाँ, सुगंध, माला
- कागज़ → पुस्तक, समाचार पत्र, टिकट, प्रमाण पत्र
XI. पाठशाला में और घर में आपको क्या-क्या करने के लिए कहा जाता है और क्या करने से मना किया जाता है। तालिका में लिखिए:
क्या करना है-
1) ___________
2) ___________
3) ___________
क्या नहीं करना है-
1) ___________
2) ___________
3) ___________
उत्तरः
क्या करना है- | क्या नहीं करना है- |
1) गृहकार्य करना है। | 1) कक्षा में अनुशासन नहीं बनाये रखना है। |
2) पढ़ना है। | 2) विद्यालय देरी से नहीं पहुंचना है। |
3) समय पर स्कूल पहुंचना है। | 3) शोर नहीं करना चाहिए। |
भाषा-ज्ञान
‘क्रिया-विशेषण अव्यय’
क्रिया की विशेषता बतानेवाले शब्दों को क्रिया-विशेषण कहते हैं।
उदाः
घोड़ा तेज दौड़ता है।
बूढ़े लोग धीरे-धीरे चलते हैं।
क्रिया विशेषण के चार प्रकार हैं:
1) रीतिवाचक क्रिया विशेषण
उदाः वे ध्यानपूर्वक सुन रहे थे।
2) कालयाचक क्रिया-विशेषण
उदाः मैं तुम्हारे घर कल आऊँगा।
3) स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
उदाः रजनी बाहर बैठी है।
4) परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
उदाः साहनी जी ने किताबें बहुत लिखी हैं।
I. निम्न वाक्यों में क्रिया-विशेषण छाँटकर लिखिएः
प्रश्न 1.
मीरा अच्छा गाती है। _________
उत्तर:
अच्छा गाती
अच्छा – विशेषण, गाती – क्रिया
प्रश्न 2.
योगराज कटोरे भर दूध लाया। ___________
उत्तर:
कटोरे भर लाया
कटोरे भर – विशेषण, लाया – क्रिया
प्रश्न 3.
मौसी धीरे से बोलती है। ___________
उत्तर:
धीरे से बोलती
धीरे से – विशेषण, बोलती – क्रिया
प्रश्न 4.
राजधानी एक्सप्रेस गाड़ी अभी आयी है। ___________
उत्तर:
अभी आयी
अभी – विशेषण, आयी – क्रिया
प्रश्न 5.
बच्चे पेड़ के नीचे खेल रहे हैं। __________
उत्तर:
पेड़ के नीचे खेल रहे
पेड़ के नीचे – विशेषण, खेल रहे – क्रिया।
मौसी Summary in Hindi
मौसी लेखक परिचयः
भीष्म साहनी का जन्म सन् 1915 अगस्त 7 को रावलपिंडी (आज पाकिस्तान में है) में हुआ। एम.ए., पीएच.डी. तक उन्होंने शिक्षा पाई है। साहनी जी हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, रूसी, पंजाबी आदि भाषाओं के ज्ञाता हैं, इन भाषाओं की इनकी अनेक रचनाएँ प्रकट हुई हैं। विशेषकर आम आदमी का जीवन इनकी रचनाओं में अंकित हुआ है। ‘झरोखे’, कड़ियाँ’, ‘तमस’, ‘बसंती’ आदि इनके उपन्यास है। ‘भाग्यरेखा’, ‘भटकती राख’, ‘वाचू’, ‘शोभा-यात्रा’ आदि कहानी संग्रह हैं। भीष्म साहनी जी ने जीवनियाँ भी लिखी हैं ‘यथा भाई बलराज’, ‘अपनी बात’। ‘कबीरा खड़ा बाजार में’, ‘माधवी’, ‘मुआवजे’ आदि इनके नाटक हैं। शिरोमणि पुरस्कार, साहित्य अकादमी पुरस्कार, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार इत्यादि से शोभित हैं।
पाठ का आशयः
इस पाठ में मौसी के निःस्वार्थ सेवा मनोभाव का चित्रण है। इस कहानी से बच्चों को परोपकार, बड़े-बुजुर्गों के प्रति आदर और असहायकों की मदद करने की प्रेरणा मिलती है।
सारांशः
इस पाठ में मौसी के निःस्वार्थ सेवा मनोभाव का चित्रण है। मोहल्ले में एक स्त्री थी जिसे बच्चे और बड़े सभी मौसी कहकर बुलाते थे। वह बच्चों को माँ जैसी प्यारी थी। वह रोज़ स्कूल के फाटक पर पहुँच जाती थीं। छुट्टी होने पर सभी बच्चे मौसी के कंधों पर अपना बक्सा डाल देते। दोपहर के बाद मौसी नीम के पेड़ के नीचे पहुँच जाती। वहाँ वह बच्चों को कहानियाँ, चुटकुले और पहेलियाँ सुनाती थी। अपने पास से चने, टिकिया, मूंगफली खाने को देती थी।
एक दिन मौसी स्कूल के फाटक पर नहीं मिली। वह नीम के पेड़ के नीचे भी नहीं थी। कई दिन हो गए। एक दिन मौसी को खोजते हुए बच्चों को एक घर से ऊँची-ऊँची आवाज सुनाई दी, ‘हमने ठेका नहीं ले रखा मौसी! किसी दूसरे के घर चली जाओ’। बन्द दरवाज़े की दरार में से झांककर देखा तो मौसी एक खाट पर लेटी थी। बाल उलझे हुए व चेहरा सूखा हुआ था। बच्चे बहुत उदास हुए।
दूसरे दिन हॉकी खेलकर लौटते वक्त बच्चों को मौसी एक पुल के पास बैठी नज़र आयी। बच्चों ने मौसी से बहुत से प्रश्न पूछे। मौसी ने कहा, अब मैं यहाँ से जा रही हूँ। अपने गाँव जा रही हूँ। बच्चों ने मौसी को जाने से मना किया। बच्चे खाट उठा लाए। उस पर मौसी को बैठा दिया। खाट को उठा कर नीम के पेड़ के नीचे ले आए। कन्हैया भागकर अपने घर से दरी तकिया लाया। उषा दो रोटियाँ लायी। योगराज कटोरे में दूध लाया। गोपाल लैंप और मुन्नी पीने का पानी लायी।
बलदेव अपने डॉक्टर पिता को मौसी का इलाज करने के लिए बुला लाया। बच्चों ने मौसी को बारी-बारी से अपने घर में रखने का निर्णय लिया। स्कूल के हेडमास्टर को कहकर मौसी को स्कूल में काम दिला दिया। और मौसी के रहने के लिए स्कूल में एक कोठरी भी दे दी। मौसी फिर से बच्चों को कहानियाँ सुनाने लगी। कभी-कभी लाठी के सहारे मुहल्ले के चक्कर काटती, सभी घरों में कुशल मंगल पूछती। शाम होते-होते अपनी कोठरी में चली जाती और शांति से रहती। इस प्रकार बच्चों के प्रेम के कारण मौसी का जीवन भी सुखमय हो गया।
मौसी Summary in Kannada
मौसी Summary in English
This lesson by Bhisham Sahni describes the selfless service of an old woman whom everyone addressed as an aunt. Children get inspiration through this lesson to serve people, to show respect to elders and to help the needy.
People, both young and old, addressed her as an aunt. Everyone loved her as if she was their mother. She shared the joy and sorrow of all. For children, she was the epitome of service.
Every afternoon she appeared at the school gate. As soon as the bell rang, the students would rush out and put their bags on her shoulder. She would be surrounded by children.
When it was past noon, the aunt would come to the neem tree where all children would be playing. She liked to play with the children, narrate stories and tell them jokes and riddles. She would also bring eatables for the children.
One day when the children came out of the school as usual in the afternoon, they did not see aunt at the door. Nor was she found below the neem tree under which they played. No one knew where she had gone.
Many days passed and her whereabouts were not known. The whole locality had a deserted look in her absence. One day when the children were going around in search of her, they heard someone shouting from one of the houses. “Aunt, we haven’t taken the responsibility of taking care of you. You have been staying here for the last twenty days.
Now better go to someone else’s house”. The children peeped in through the gap in the closed door. The aunt was lying on a cot. Her hair was dishevelled and her face had turned pale. Seeing the condition of an aunt, the children were greatly distressed and also angry.
The next day when the children were returning after playing a hockey match they noticed aunt sitting near a bridge. There were a small bundle and a stick near her. The boys surrounded her and began to question her. One of them asked, “Where had you been all these days, aunt? Why are you sitting here?” Aunt said, “My child, I am leaving this place” and her eyes turned pale. “You were not well. How is your health now?” enquired Baldev. “Child, I am alright. I am returning to my village.” “We won’t allow you to leave this village,” the children said in one voice. Tears trickled down from her eyes.
There was a cot in front of a shop. The children brought it and forcibly made aunt sit on it. They then carried the cot and put it under the neem tree. Kanayya rushed home and returned with a bedsheet and a pillow. Usha brought two rotis in a plate. Yograj brought milk in a cup. Gopal brought a lamp from his house. Munni got some drinking water. Baldev came with his father who was a doctor.
The children began to deliberate on where aunt could be made to stay. First, they thought that they would keep her in their houses by turns. Then on second thoughts, they approached the headmaster with a request to give her some employment in the school. The headmaster not only gave her employment but also gave her a room to stay in.
The aunt was back in the school courtyard. Children would surround her and she would tell them stories. Occasionally she would go down the lane with her walking stick, peep into all the houses and enquire about their well being. By evening she would return to her room and heave a sigh of relief. Thus, thanks to the love and affection of the children, the days of happiness returned in the life of the aunt.