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Karnataka 1st PUC Hindi Textbook Answers Sahitya Vaibhav Chapter 5 बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर
बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर Questions and Answers, Notes, Summary
I. एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
डॉ. बी.आर.अंबेडकर का जन्म कब हआ?
उत्तरः
डाँ. बी.आर. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 मे हुआ।
प्रश्न 2.
अंबेडकर के माता का नाम क्या था?
उत्तरः
अंबेडकर के माता का नाम भीमाबाई।
प्रश्न 3.
रामजी सूबेदार किस गाँव मे सैनिक थे?
उत्तरः
रामजी सूबेदार मँहू नमक गाँव में सैनिक थे।
प्रश्न 4.
भीमराव ने मैट्रिक परीक्षा कब पास की?
उत्तरः
1907 में भीमराव ने मैट्रिक परीक्षा पास की।
प्रश्न 5.
कृष्णाजी अर्जुन केलुस्कर ने कौन सी पुस्तक भीमरावे को भेंट दी?
उत्तरः
बुद्ध जीवनी पुस्तक कृष्णाजी अर्जुन केलुस्कर ने भीमराव को भेंट दी।
प्रश्न 6.
भीमराव का विवाह किस के साथ हआ?
उत्तरः
भीमराव का विवाह रमाबाई के सात हुआ।
प्रश्न 7.
महाराजा ओर से भीमराव को भासिक छात्रवृत्ति कितनी पिलती थी?
उत्तरः
25 रू. महाराज की ओर से भीमराव को मासिक छात्रवृत्ति दिलती
प्रश्न 8.
अंबेडकर जी ने बी.ए. की परीक्षा कब पास की?
उत्तरः
1912 में अंबेडकर जी ने बी.ए. की परीक्षा पास की।
प्रश्न 9.
भीमराव जी 1913 में अमेरिका के किस विश्ववद्यिालय में दाखिल हो गया?
उत्तरः
भीमराव जी 1913 में अमेरिका के कोलंबिया के विश्वविद्यालय में दाखीला मिल गया।
प्रश्न 10.
डॉ. अंबेडकर ने किस समाज को जागरुक करना आरंभ किया?
उत्तरः
डॉ. अंबेडकर ने पीडित व वंचित समाज को जागरुक करना आरंभ किया।
प्रश्न 11.
मूक नायक पत्रिका के संपादक कौन थे?
उत्तरः
मूक नायक पत्रिका के संपादक डॉ. भीमराव अंबेडकर थे।
प्रश्न 12.
डा. अंबेडकर पत्नी और बहचों से भी अधिक किसे मानते थे?
उत्तरः
डॉ. अंबेडकर पत्नी और बच्चों से भी अधिक पुस्तकों को मानते थे।
प्रश्न 13.
अंबेडकर के मूल मंत्र क्या था?
उत्तरः
शिक्षा, संगठन और संघर्ष ही अंबेडकर के मूल मंत्र था।
प्रश्न 14.
परिवार वाले उन्हे किस नाम से बुलाते थे?
उत्तरः
परिवार वाले उन्हे. भीवा नाम से बुलाते थे।
प्रश्न 15.
अछूत होने के कारण उन्हे कौन सी भाषा नहीं पढ़ते दी गई?
उत्तरः
अछूत होने के कारण उन्हे संस्कृत भाषा नही पढ़ने दी गई।
प्रश्न 16.
अमेरिका में भीमराव को कैसा महौल मिला था?
उत्तरः
स्वतंत्र एवं खुला महौनल मिला था।
प्रश्न 17.
वे मुंबई के किस कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हुए?
उत्तरः
वे मुंबई के सिडनेहय काँलेज में प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हुए।
प्रश्न 18.
किस तरीके से अपने समाज के कष्टो को दूर करने का निर्णय लिया?
उत्तरः
अहिंसात्मक तरीके से अपने समाज के कष्टो को दूर करने का निर्णय लिया।
प्रश्न 19.
अपने समाज के कष्टो के किस तरह दूर करने का निर्णय लिया ?
उत्तरः
अहिंसात्मक तरीके से अपने समाज के कष्टो को दूर करने का निर्णय लिया।
प्रश्न 20.
वे, किस धर्म की दीक्षा ली?
उत्तरः
वे बौद्ध धर्म की दीक्षा ली।
प्रश्न 21.
बौद्ध धर्म की दीक्षा कितने अनुयाईयों के सात लिया?
उत्तरः
बौद्ध धर्म की दीक्षा अपने पाँच लाख अनुयाईयों के सात लिया।
प्रश्न 22.
भारतीय संविधान का जनक कौन हैं?
उत्तरः
भारतीय संविधान का जनक डॉ. भीमराव अंबेकर।
प्रश्न 23.
वे किस जाती से संबंध रखते थे?
उत्तरः
वे महार जाती से संबंध रखते थे।
प्रश्न 24.
वे लंडन से लौटकर क्या करने का निश्चय किए ?
उत्तरः
वे लंडन से लौटकर बौरिस्टर बनकर वकालत का निर्णय किया ?
ii. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
प्रश्न 1.
अंबेडकर जी के बाल्य जीवन का परिचय दीजिए।
उत्तरः
अंबेडकर जी के बाल्य जीवन का परिचय इस प्रकार है – जन्म के समय डॉ. अंबेडकर का नाम भीमराव रखा गया था। लेकिन परिवारा वाले उन्हे प्यार से भीवा कहकर बुलाते थे। भीवा को बचपन से ही छूतछात का कटु अनुभव सहन करना पड़ा। उन दिनों. पाटशाला के दरवाजे भी बंद थे। बहत कठिनाई से भीवा को सैनिक स्कूल में प्रवेश मिला।
प्रवेश तो मिला, मगर सामाजिक भेद भाव और छूतछाव ने भीवा का पिछा नहीं छोडा। बालक भीवा को अपने बैठने का टाटा अपने साथ घर से ही ले जाना पड़ता था। पाटशाला में उन्हें कक्षा में नही कक्षा के बाहर बिटाया जाता था। वे अछूत होने के कारण पीने के लिये पानी लेना मना था। पानी लेने से जल भ्रष्ट हो जाता है। चाहे कितनी भी प्यास लगे, आखिर घर आकर ही पानी पीना पडता। इस तरह उनका बाल्य जीवन था।
प्रश्न 2.
अंबेडकर जी को शिक्षा प्राप्त करते समय किल – किल समस्याओं का सामना करना पडा?
उत्तरः
अंबेडकर जी को शिक्षा प्राप्त करने समय सब प्रकार के अत्याचार, अनाचार और भेदभाव सहन करने वे शिक्षा प्राप्त करने में जुटे रहे। वे हाईस्कूल में जाने के बाद भी छूतछात की काली छाया उनके साथ ही था। एक बार गुरू जी ने प्रश्न पूछा। किसी ने भी उत्तर नही दिया।
भीमराव उत्तर लिखने क लिए ब्लैक बोर्ड के तरफ चले. तो कक्षा के सारे छात्रों ने इन्हे रोका और कहा – बोर्ड के नीचे हमारा भोजन रखा है, इन के छूने से भ्रष्ट हो जाएगा। भीमराव इस प्रकार असंख्य अपमान के खून के चॅट चुपचाप जी जाते। इस तरह उन्होने जीवन की कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए अपनी शिक्षा पूरी की।
प्रश्न 3.
लंडन के गोलमेज सम्मेलन में अंबेडकर जी ने किस विषयों पर प्रकाश डाला?
उत्तरः
लंडन के गोलमेज सम्मेलन में अंबेडकर जी ने इस प्रकार विषयों पर प्रकाश डालते – भारत की भावी शासन – प्रणाली व संविधान के बारे में रूप – रेखा तय करने के लिए ब्रिटिश सम्राट ने एक गोलमेज सम्मेलन लंडन में आयोजित किया गया था।इस सम्मेलन में डॉ. अंबेडकर भी गये थे। इन्होने अपने प्रभावशाली भाषण में कहा – वे ब्रिटीश भारत की जनसंख्या के पाँचवे भाग का, जो कि फ्रेंस या इंग्लैंड की आबादी से भी अधिक है, मत व्यक्त कर रहे हैं।
अंबेडकर ने फिर से अपने – सिंह – गर्जना से कहा हम उन्नति करने की बजाय व्यर्थ में अपने समय बर्बाद कर रहे हैं। वे सम्मेलन में डकटर बोले – निर्भयता से गरजाते हुए कहा। इस तरह अछूतों के पृथक निर्वाचन
का अधिकरा पाने में सफल रहे।
प्रश्न 4.
पत्नी की मृत्यु का डॉ. अंबेडकर पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तरः
जब पत्नी की मृत्यु हुई तो वे बहुत दुःखी हुए और भगव रंग के कपडे पहनकर सन्यास लेने का निश्चय किया। समझाने पर निर्णय बदलकर समाज – कल्याण के लिए संघर्ष की राह पर अपने आपको उतारा।इस तरह अपने आपको संभाला।
iii. कोष्टक में दिए गए कारक चिन्ह से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए।
1. जन्म के समय डॉ. अंबेडकर …………….. नाम भीमराव रखा गया था।
2. उस समय एक अछूत …………….. यह बहुत अनोखी बात थी।
3. इसी बीच उन्हे बड़ौदा …………….. दीवान ने एक पत्र लिखा।
4. आँखो ……………. आँसू छलक पडते हैं।
उत्तर
1. का
2. केलिए
3. से
4. में.
iv. अन्य लिंग रूप लिखिए।
1. पंडित – पंडिताईन
2. सूबेदार – सूबेदारिन
3. पिता – माता
4. नायक – नाईका
5. गाय – बैल
6. नारी – नर
v. निम्नलिखित अनुच्छेद पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
वर्ष की आयु में भीमराव का विद्यार्थी जीवन में ही 8 वर्ष की रमाबाई के साथ विवाह होगया। अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए
बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर Summary in English
Now our life’s Dr. Bhima Rao Ambedkar Society full life’s living and intelligently shooted. He passed manly difficulties to finish his education. His main aim was to correct and shaken the antisocialists and in officers case. Ambedkar’s slogan ‘Education, Organisation and Friction’ Students will easily understand for this purpose it is searched.
A Great king doesn’t need to be born in a palace, or in farm. Not only in high caste but also in low caste will be born. If any one knows this message they will also be in. Dr B.R. Ambedkar life story want to be good. Dr. B.R. Ambedkar’s birth was in 14th April 1891, in Ram Jeshei, in Bidarar’s house mother Bhima Bhai’s pregnancy took place. At that time she was a soldier in the name Maya.
Study Package She had a relationship in Mahar caste. Mahar caste was known for about untouchability. From this the Mahar’s had to face many problems and abolitions.
From his birthtime, his name was given as Bhima Rao but his family members were calling him Bhima from his childhood he had experienced untouchability norms. From that temples and schools were closed in way of wells due to untouchability about in army story responsed. It was very hard to take it. After he joined in military school.
Even though he got his enterance but still he had to face many pártiality and untouched he did not lose his confidence. He had to bring the chair to sit from his house. He was banned to sit beside the students of other caste. He had to sit beside the shoes of other students look at the socialistic problems. He did not had the rights to touch the drinking water pot.
If he touched water then the water will become impure if he had the thirst that he might till was able to touch the water pot due to untouchability from anybody’s help he would get the water or he had to go back to his house and drank the water. Ram Jesu Bidar’s education and knowledge was well known. He told other importance to Bhima Rao, from this reason he faced many problems and unfacility and went on studying. Bhima Rao went to high but still untouchability continued as blackmark.
Teacher asked one question, nobody answered. Bhima Rao was about answer one question on blackboard, but the other students thought if we let him to answer on the blackboard it would become impure so they stopped him. So on he had to face so many abolitions like they were drinking his blood. In 1909 Bhima Rao passa metric.
This was a great achieve ment to any untouchable. Att ne Bhimrao was introduced onto the stage and he was gifted ab called “Budha jeevana’ by Krishna Arjun Khel Soorji. At that tim-our time was not good but still Bhima rao was trying to get the good education on and gave a speech. At the age Bhima Rao was 19 and he was married 9 year old girl Ramabhai. After facing many problems Bhima Rao went to Bombay: and joined a college called Elphinsten.
At that time it was impossible for any untouchability. Bhima Rao Jesu Again faced many problems to begin his studies. He won the hearts of guruji Reruskar and Bhimja’s king Sayaji Rao Gayakawad from his intelligence. Maha rajas agreed to give 25 rupees for student welfare for every step he had to face many problems for the societies caste system. He agreed to study the Sanskrit language.
He didn’t leave Sanskrit. From the strong self-confidence he learnt English and Persian language with Bombay University in the B.A. in Mumbai. In 1913 his father’s desire opposite he went to Baroda and joined as lieutenant in Baroda. After 15 days of working Baroda his father Ramji Subedar died.
Bhimarao’s responsibility on his family increased. But he had more desire to study will. Baroda country decided send well educated and diver student to send abroad to study. In America they had to ‘ sign an agreement after the education they had to work in Baroda. In July 1913 Bhima Rao Ambedkar went to New York, Colombia International University.
At that time for any untouchability to study in abroad is unimaginable. In America he got freedom he needed. There they did not have any caste system. Finally he got the pure mind to study more. He got the basic rights in their like water and money to study without any cigarette and drinking habits he studied for 18 hours a day. In the middle he had to out down a glass in his eye.
In America, he studied political science, ethnicology, Science, Social Science, Economics. All this subjects he studied. In 1915 he did M.A. and in 1916 Ph.D’s Degree taken. Now he became Dr. Bheemrao Ambedkar In 1916 they still showed much interest in his studies and went to London.
London professors gave the permis sion to create Doctorate of Science after that his research contin ued. In this middle his continued to study and work in Baroda came to end. As per the contract he had to study and work for 10 years for the Government. He had to stop his education in the middle before entering to India he had finished his education in Internation! School before 1921. On 21 August 1917 Dr. Ambedkar returned to Bombay.
As per the Baroda Government contract Dr. Ambedkar had to work has marmy, mountain, vidwan’s untouchability’s good opinion. Yuvraja’s In Karoja not having heart. He changed his name and had to stay in a Parshi Dharma School.
Later they came to know caste and had to leave the school. Ambedkar’s heart was really strong because from all these partiality of caste, he didn’t say about them. He was still studying. It had become I year since he left the Parshi Dharma School but still he didn’t have any bad opinion on me.
Whenever I remember my eyes waters with the strength of what he has and with the aim of developing by following the way of life’s progress. Ambedkar in 1918 with the monthly income of Rs.450/-, he joined at the college ‘Sidneharm’. In this work he saved the money to go to London. His intentions were to educate the student those who were half educated. In that college too he was distrubed by some superiors.
The fraudness happening in the caste proofs disturbed Ambedkar. To forget this injustice happening to the people was not that easy. It is good that Ambedkar followed the way of non-violence by avoiding the criminal instruments like sword, gun etc. and in the way of non-violence, he took the decision to solve the societies problem. He didn’t fight. For the sake of his wife and children, he fighted for sake of society.
He took an oath to solve the societies problems. Ambedkar started to warn the fraud socieities. At this stage he started a newspaper called ‘Dumb justice’. For this work, the king of Kolar helped Ambedkar as much as he can. With the money he saved from the professorship and with the money of debt in 1920 he decided to complete his incompleted education in London.
In London very effortly he completed his education. In 1920, British India mean in the kingdom ‘Pujee ka vikendrikaran’. By completing an important finding work of this he got the degree of Master of Science. In 1923 he became Dr. Bhimrami Ambedkar. M.A. Ph.D M.S.C.D.A A and went to Bombay. He came from London and he decided to work as a lawyer. In 1924 he started a soldier group.
In 14 November 1924 he became to be nominated in Bombay and he did many works for people’s good and he got to know that there is a village called Mahad. In that village the animals like dog, pig can drink the river waters. But inferiors cannot drink that water. This disturbed Ambedkar very badly. Ambedkar knows that if anyone want any Government work or political they want to act as if they are good to end this in 1927
19-20th March he decided to situate a sabha in Mahad. He never taught that an Indian inferiors should buy the water by money. Pune fact named Gandhiji groups members came and gave the jobs and appointment in schools for childrens of inferiors.
In 1935, 25 May Ambedkar’s wife Ramabhai died. Ambedkar was very sad and he decided to become a ‘Sanyasi’. But his family’s elders told him that don’t become a sanyasi. He obeyed to them and decided to do the society’s good. At this stage the name Baba Hussain.came to Ambedkar.
Baba Hussain Ambedkar was very fond of books. He believed the books more than his wife and childrens. In 1942 with the strength of what he has and with the knowledge he became a Governor of India and he got a good post of effort Governor. As a justice Governor he did many fantastic works. He became Baudha. In December 6, 1956 he died and he got a ‘Bharataratna’ post after death.
कठीण शब्दार्थ :
निर्दयता = निष्ठुरता, कठोर ruthless ; पराकाष्य = चरम सीमा extremity; दमन = दबाने की क्रिया suppression ; छुआछूत = अस्पृश्यता untouch ability; भेदभाव = अलग-अलग व्यवहार करना discrimination ; दृढ़ निश्चय= पक्का इरादा determination ; उपलब्धि = प्रापि achievement.