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Karnataka 1st PUC Hindi Textbook Answers Sahitya Vaibhav Chapter 12 तुलसीदास के दोहे
तुलसीदास के दोहे Questions and Answers, Notes, Summary
I. एक शब्दा या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
तुलसीदास किस पर विश्वास करते है ?
उत्तरः
तुलसीदास राम भक्ति पर विश्वास करते है ।
प्रश्न 2.
तुलसीदास किसको आराध्य देव मानते है ?
उत्तरः
तुलसीदास रघुनंदन को आराध्य देव मानते है ।
प्रश्न 3.
संत का स्वभाव कैसा होता है ?
उत्तरः
संत का स्वभाव मीठे आम के पेड की तरह होता है ।
प्रश्न 4.
तुलसीदास काय और मन की उपमा किससे देते है ?
उत्तरः
तुलसीदास जी काय को खेत, मनको किसान की उपमा देते है ।
प्रश्न 5.
मधुर वचन से क्या मितता है ?
उत्तरः
मधुर वचन से जाती भेट मिटता है।
प्रश्न 6.
पंडित और मूर्ख एक समान कब लगते है ?
उत्तरः
जब पंडित में काम, क्रोध, मद, लोभ हो, तो, पंडित और मूर्ख एक समान लगते है।
प्रश्न 7.
तुलसीदास कहा जाने के लिए मना करते है ?
उत्तरः
तुलसीदास कहते है जहाँ सोना बरसात हो वहाँ जाने के लिए मना करते है।
प्रश्न 8.
बिना तेज के पुरुष की अवस्था कैसी होती है ?
उत्तरः
बिना तेज के पुरुष की अवस्था अपमान कारक होता है ।
II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
तुलसीदास की रामभक्ति का वर्णन कीजिए ?
उत्तरः
तुलसीदास कहते है, मेरा भरोसा, विश्वास रामभक्ति में है । उन्हीं का नाम हरि मेरा बल है, और आस है, जिस तरह चातक पक्षी, स्वाति वर्ष का जल के लिए किस प्रकार संत के स्वभाव होता है । उसी प्रकार पुलसीदास शम भक्ति मे निश्त हैं।
प्रश्न 2.
तुलसीदास के अनुसार संत के स्वभाव का वर्णन कीजिए?
उत्तरः
तुलसीदास कहते है, साधु-संतो का स्वभाव मिठे आम के पेड की तरह होता है । सदा दुसरों के लिए फल फूल देते है जब इनसान पत्थर मारता है, लेकिन पेड पौधे हमे फल-फूल देते है । इस प्रकार संतो के स्वभाव होता है।
प्रश्न 3.
तुलसीदास ने मधुर वचन के महत्व का कैसे वर्णन किया है?
उत्तरः
तुलसीदास कहते है-मधुर वचन जो जाती, धर्म के भेद-भाव को मिटाता है। और कहते है-उत्तम लोग अभिमान के होते है । जैसे उबलते दूध में थोडा पानी का छिडकाव से किस तरह दुध उबलना ठहर जाता है। उसी प्रकार अच्छे लोगों का सहवास भी इसी तरह होता है ।
प्रश्न 4.
तुलसीदास के अनुसार मनुष्य के जीवन में संतोष धन का क्या महत्व है ?
उत्तरः
तुलसीदास के अनुसार मनुष्य के जीवन में शांति व संतोष धन के सामने, गाय, हाथी, घोडा और धन-दौलत यह सब धूल समान है।
प्रश्न 5.
तुलसीदास कुल रीति के पालन करने के संबंध में क्या कहते है ?
उत्तरः
तुलसीदास जी कुल रीति के पालन करने के संबंध में – इस प्रकार कहते है – अपने कुल के रीति को कभी मत त्यागना, अपने धर्म को निभाना, कर्तव्य का पालन करना । जो लायक है उसे अपनाइए, जैसे त्रीति, प्रेम और द्वेष इस जो चाहे वह अपनाना ।
III.संसदर्भ भाव स्पष्ट कीजिए :
प्रश्न 1.
तुलसी काय खेत है, मनसा भयो किसना ।
पाप पुण्य दोह बीज है, बुवै सौ लुनै निदान ॥
उत्तरः
संदर्भ : प्रस्तुत पदावली को “तुलसीदास की दोहे” इस दोहे से लिया गया है । कवि है कबिरदास ।
स्पष्टीकरण : तुलसीदास कहते है, शरीर खेत, और मन जैसे किसान की तरह है। उसमें पाप और पुण्य दोनों बीज की तरह है । मनुष्य जो बाएगा वही पाएगा।
प्रश्न 2.
काम, क्रोध, मद, लोभकी जो लौ मन में खान ।
तो लो पंडीत मूरखो, लुलसी एक समान ॥
उत्तरः
संदर्भ : प्रस्तुत पदावली को तुलसीदास की दोहे इस दोहे से लिया गया है। कवि है कबिरदास।
स्पष्टीकरण : तुलसीदास कहते है, काम, क्रोध, मद, लोभ यह सारे अवगुण जिस पंडित के मन में बसे हो, उस पंडित में और मूर्ख में कोई अंतर नही होता है । दोनो में एक समान होते है ।
तुलसीदास के दोहे Summary in English
The Tulasidas was a great devotee and Sree Rama. He sacrificed everything for him. In Hindi literature he started the Rama Bhakti Marga (the way of worshipping Sri Rama). He suffered a lot in his life. Finally he became a greatest devotee of Sri Rama.
His poetry, ‘Sri Ramacharitha Manasa’is world famous. The Doha’s of Tulasi, which are mentioned here are mainly related to the devotion, virtue, humility, charity, etc., which Tulasi Das says, only the God, Sri Rama is our power, desire, hopes and faith.
The bird, Chatak will keep open its mouth towards the sky to receive the drop of Swathi rain. Similarly, Thulasi Dasa, the Devotee of Sri Rama is waiting to praise the Lord, Rama. The Ram devotee Tulusi Das says, each and every human in this eternal world must be like 3 & (Thirty six). But they must have their face always towards the lotus feet of Sri Rama like & (Six & Three).
That means, every his attention towards Sri Rama and not at this world. In Hindi the numbers three and six (3&&) are same, but written in opposite directions. If we reverse their places then they become &&3 (facing each other).
Great men and saints are like a mango tree; which will bear flowers and fruits only for others. If some one through stone to it. then it will give him the fruit. Similarly the saints will never hurt any one, even if the get hurted. He says that human mind is like a sowing field, his mind is like a farmer.
Two types of seeds are there-they are sin and sacred. Out of them which we will sow, so we will reap. The meaning is if we be sin. Thulasi Das says- if our words are sweet or pleasant, they can destory the arrogance of a person. For example, if we sprincle a few drops of cold water on boiling milk, it will come down.
So also the angry or enemity of a person. Thulasi Das says happiness, is the greatest wealth of human. He is full of elephant, horse, cow and other nine gems in his treasure. But, when he get the happiness, all other treasure will become useless.
The meaning is, happiness, is the main thing for the human’s satisfied life. Humans are having six enemies in their mind. They are selfish, desire, angry, greed, affection, arrogance and jealousy. As long as man having these, so long he and the fool and equal.
Therefore the poet says, one should come out of the hold of these enemies to live like human. According to Thulasi Das, the person who will not have affection, or feel happy on seeing us, with them we should not deel or keep contact.
Otherwise, any one who will not have happyness, or satisfaction with our company, we should not go to him, even if he is having gold treasure with him. The meaning is, we should not go to the persons who will not feel happy
कठीण शब्दार्थ :
स्वाति-सलिल = water of swati rain ; प्रवीन = scholar ; पाहन = stone ; काया = body ; तनक = a little ; वाजि = horse ; धूरी = dust; कचन = gold ; मेह = colud ; अवज्ञा = dis-respect.