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Karnataka 1st PUC Hindi Workbook Answers अपठित गद्यांश
सामान्य निर्देश :
1. मूल अवतरण को तीन-चार बार ध्यान से पढ़ना चाहिए ।
2. मूल भावों, विचारों तथा शब्दों को रेखांकित करना चाहिए ।
3. प्रत्येक प्रश्न का उत्तर मूल अवतरण में ही ढूँढना चाहिए, बाहर नहीं।
4. प्रश्नोत्तर लिखते समय अपनी ओर से बढ़ा-चढ़ाकर लिखना या अतिरिक्त उदाहरण देना नहिं चाहिए ।
5. सभी प्रश्नों के उत्तर सरल और संक्षिप्त होने चाहिए।
निम्नलिखित अनुच्छेद पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
“एतिहासिक नगरी आगरा के निकट सतत प्रवाहिनी नीली-धारा वाली यमुना के दाहिने पट पर ताजमहल स्थित है
बादशाह शाहजहाँ ने इसे अपनी बेगम मुमताज की स्मृति में बनावाया था। अपने पति से बेगम ने इस असार संसार से बिदा लेते समय निवेदन किया था कि, “मेरी मृत्यु होने पर एक ऐक मकबार बनवाना जो संसार में सबसे सुंदर एवं स्थायी हो । बादशाह ने अपनी प्राणेश्वरी की अंतिम आकांक्षा की पूर्ति का भरसक प्रयास किया। इसको उसमें सफलता भी मिली। ताजमहल संसार के सात आश्चर्यों में से एक है । वर्षों के बाद भी वह अपने यथावत् में दर्शकों के मन को मोह रहा है । सैकड़ों कारीगरों एवं मज़दूरों के निरंतर बीस वर्ष के परिश्रम का परिणाम यह ताजमहल है। इसके बनवाने में बाईस करोड़ रूप खर्च हुआ था।
प्रश्न 1.
ताजमहल किस मगर में स्थात है ?
उत्तरः
ताजमहल अगरा नगर में स्थित है।
प्रश्न 2.
ताजमहल को किसने बनवाया ?
उत्तरः
ताजमहल को बादशाह शाहजहाँ ने बनवाया।
प्रश्न 3.
ताजमहल को किसकी अंतिम आकांशा की पूर्ति के – लिए बनवाया गया ?
उत्तरः
ताजमहल को अपनी प्राणेश्वरी मुमताज की आकांक्षा की पूर्ति के लिए बनवाय गया।
प्रश्न 4.
ताजमहल के निर्माण में कितने वर्ष लगे?
उत्तरः
ताजमहल के निर्माण में बीस वर्ष लगे।
प्रश्न 5.
ताजमहल को बनवाने में कितने रूपये खर्च हुए ?
उत्तरः
ताजमहल को बनवाने में बाईस करोड़ रुपये खर्च हुए।
प्रश्न 2.
ईश्वर ने संसार के सारे रहस्य प्रकृति में छीपा कर रख दिये थे। मनुष्य ने अपने परिश्रम और प्रयत्न से उन रहस्यों पर से पर्दा उठा दिया। यह कहना गलत है कि मनुष्य संसार में आते समय, अपना भाग्य लेकर आता है, वास्तव में वह अपने भाग्य का स्वयं निर्माता है जिसे वह अपनी मेहनत से बनाता है। प्रकृति मनुष्य के भाग्य से डर कर नहीं बल्कि उसके परिश्रम से हार मानती है। जो लोग भाग्य पर विश्वास करते हैं, वे आलसी हैं । वास्तव में वीर और परिश्रमी व्यक्ति अपना भाग्य स्वयं बनाता
प्रश्न 1.
ईश्वर ने संसार के सारे रहस्य किसमें छिपाकर रख दिये थे ?
उत्तरः
ईश्वर ने संसार के सारे रहस्य प्रकृति में छिपाकर रख दिये थे।
प्रश्न 2.
किसने अपने परिश्रम और प्रयन से रहस्यों पर से पर्दा उठा दिया ?
उत्तरः
मनुष्य ने आपने परिश्रम और प्रयत्ना से रहस्यों पर से पर्दा हठा. दिया।
प्रश्न 3.
प्रकृति किससे हार मानती है ?
उत्तरः
प्रकृति मनुष्य के परिश्रम से हार मानती है।
प्रश्न 4.
भाग्य पर विश्वास करने वाले लेग कैसे होते हैं ?
उत्तरः
भाग्य पर विश्वास करने वाले लोग वीर और परिश्रमी होते हैं ।
प्रश्न 5.
अपने भाग्य का निर्माता कौन है ?
उत्तरः
मनुष्य स्वयं अपने भाग्य का निर्माता है।