Students can Download 2nd PUC Hindi प्रतिशोध Questions and Answers Pdf, Summary, Notes, 2nd PUC Hindi Textbook Answers, helps you to revise the complete Karnataka State Board Syllabus and to clear all their doubts, score well in final exams.
Karnataka 2nd PUC Hindi Textbook Answers Sahitya Gaurav एकांकी Chapter 2 प्रतिशोध
प्रतिशोध Questions and Answers, Notes, Summary
I. एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर: लिखिए।
प्रश्न 1.
संस्कृत के महापंडित कौन हैं?
उत्तर:
संस्कृत के महापंडित श्रीधर है।
प्रश्न 2.
संस्कृत के महाकवि कौन हैं?
उत्तर:
संस्कृत के महाकवि भारवि है।
प्रश्न 3.
भारवि की माँ का नाम क्या है?
उत्तर:
भारवि के माँ का नाम सुशीला है।
प्रश्न 4.
सुशीला किसके लिए बेचैन है?
उत्तर:
भारवि अभी तक घर लौटा नहीं इसलिए सुशीला बेचैन है।
प्रश्न 5.
कवि किस पर शासन करता है?
उत्तर:
कवि समय पर शासन करता हैं।
प्रश्न 6.
शास्त्रार्थ के नियमों में किसके हृदय को नहीं बाँधा जा सकता?
उत्तर:
शास्त्रार्थ के नियमों में माता को नहीं बाँधा जा सकता।
प्रश्न 7.
पुत्र को कौन निर्वासित कर सकता है?
उत्तर:
पुत्र को पिता निर्वासित कर सकता है।
प्रश्न 8.
पुत्र को कब निर्वासित किया जा सकता है?
उत्तर:
पुत्र जब अन्याय का आचरण करे, धर्म के प्रतिकूल चले तब निर्वासित किया जा सकता है।
प्रश्न 9.
शास्त्रार्थों में पंडितों को किसने पराजित किया?
उत्तर:
शास्त्रार्थों में पंडितों को भारवि ने पराजित किया।
प्रश्न 10.
भारवि में किस कारण अहंकार बढ़ता जा रहा था?
उत्तर:
भारवि ने अपने पांडित्य का अहंकार बढ़ता जा रहा था।
प्रश्न 11.
पिता क्या नहीं सहन कर सकता?
उत्तर:
पिता यह सहन नहीं कर सकते कि उनका पुत्र दम्भी हो।
प्रश्न 12.
पिता ने भारवि की किन शब्दों में ताड़ना की?
उत्तर:
पिता उसे कहा कि वह महामूर्ख है, दम्भी है, अज्ञानी है।
प्रश्न 13.
पंडित किस प्रकार भारवि का परिहास करने लगे?।
उत्तर:
पंडित भारवि के स्वर में ही बोलकर परिहास करने लगे।
प्रश्न 14.
ग्लानि से भरे हुए भारवि को जाने से क्यों नहीं रोका गया?
उत्तर:
ग्लानि से भरे भारवि को रोकने से अनुशासन की मर्यादा भंग हो जाती।
प्रश्न 15.
अनुशासन की मर्यादा पर क्या किया जा सकता है?
उत्तर:
अनुशासन पर बड़े से बड़े व्यक्ति का बलिदान किया जा सकता है।
प्रश्न 16.
श्रीधर पंडित का पुत्र क्या नहीं हो सकता?
उत्तर:
श्रीधर पंडित का पुत्र पतित नहीं हो सकता।
प्रश्न 17.
श्रीधर पंडित के घर की सेविका का नाम लिखिए।
उत्तर:
श्रीधर पंडित के घर की सेविका का नाम आभा था।
प्रश्न 18.
सुशीला किसको खोज कर लाने के लिए आभा से कहती है?
उत्तर:
सुशीला सेविका आभा को खोज कर लाने को कहती है।
प्रश्न 19.
प्रेम के बिना किसका मूल्य नहीं है?
उत्तर:
प्रेम के बिना अनुशासन का कोई मूल्य नहीं।
प्रश्न 20.
श्रीधर पंडित भारवि को खोजने के लिए किसका सहारा लेना चाहते थे?
उत्तर:
श्रीधर पंडित भारवि को खोजने राजकीय सहायता लेना चाहते हैं।
प्रश्न 21.
शास्त्रार्थ के लिए जाते समय भारवि ने किस रंग के कपड़े पहने हुए थे?
उत्तर:
भारवि ने कौशेय वस्त्र पहने थे, पीले रंग का अधोवस्त्र और नीले रंग का उत्तरीय पहना था।
प्रश्न 22.
भारवि से मिलने आयी स्त्री का नाम लिखिए।
उत्तर:
भारवि से मिलने आई स्त्री का नाम भारती था।
प्रश्न 23.
वसंत ऋतु में किसके स्वर से सभी परिचित हैं?
उत्तर:
वसंत ऋतु में कोकिल स्वर से सभी परिचित है।
प्रश्न 24.
ब्रह्म ज्ञान किसकी वीणा पर नृत्य करने के समान था?
उत्तर:
ब्रह्मज्ञान सरस्वती की वीणा पर नृत्य करने के समान था।
प्रश्न 25.
भारती ने भारवि को कहाँ देखा था?
उत्तर:
भारती ने भारवि को मालिनी तट पर देखा था।
प्रश्न 26.
भारती ने जब भारवि को देखा तो उनकी स्थिति कैसी थी?
उत्तर:
भारती ने जब भारवि को देखा तो वह ध्यानमग्न था।
प्रश्न 27.
बीज से दूर रहने पर भी फूल क्या नहीं होता?
उत्तर:
बीज से दूर रहने पर भी फूल मलिन नहीं होता।
प्रश्न 28.
भारवि के पिता को किसके पांडित्य को देखकर प्रसन्नता होती थी?
उत्तर:
भारवि के पिता को भारवि के पांडित्य को देखकर प्रसन्नता होती थी।
प्रश्न 29.
अहंकार किसमें बाधक है?
उत्तर:
अहंकार उन्नति में बाधक हैं।
प्रश्न 30.
पिता के क्रोध में किसके प्रति मंगल कामना छिपी है?
उत्तर:
पिता के क्रोध में अपने पुत्र भारवि के प्रति मंगल कामना छिपी है।
प्रश्न 31.
तलवार का प्रमाण किसका प्रमाण है?
उत्तर:
तलवार का प्रमाण निर्बलों का प्रमाण है।
प्रश्न 32.
जीवन से क्या उत्पन्न होती है?
उत्तर:
जीवन से ग्लानि उत्पन्न होती है।
प्रश्न 33.
ब्रह्म का निवास कहाँ होता है?
उत्तर:
ब्रह्म का निवास मस्तक के सहस्र दल में होता है।
प्रश्न 34.
भारवि के अनुसार क्या जघन्य पाप है?
उत्तर:
भारवि के अनुसार आत्महत्या जघन्य पाप है।।
प्रश्न 35.
भारवि को अपमान किसके समान खटक रहा था?
उत्तर:
भारवि को अपमान शूल के समान खटक रहा था।
प्रश्न 36.
भारवि ने प्रतिशोध की आग में क्या करना चाहा?
उत्तर:
भारवि ने प्रतिशोध की आग में पिता के जीवन को समाप्त करना चाहा।
प्रश्न 37.
पितृ-हत्या का दण्ड क्या नहीं है?
उत्तर:
पितृ-हत्या का दण्ड पुत्र-हत्या नहीं है।
प्रश्न 38.
भारवि के अनुसार जीवन का सबसे बड़ा अपराध क्या है?
उत्तर:
जीवन को चिंता में घुलाना, पाप में लपेटना, दुःख में बिलखाना सबसे बड़े अपराध है।
प्रश्न 39.
‘प्रतिशोध’ एकांकी के एकांकीकार का नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रतिशोध एकांकी के लेखक है – डॉ. रामकुमार वर्मा
प्रश्न 40.
भारवि किस महाकाव्य की रचना कर महाकवि भारवि बने?।
उत्तर:
भारवि ‘किरातार्जुनीयम्’ की रचना कर महाकवि भारवि बने।
II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर: लिखिए।
प्रश्न 1.
भारवि. से संबंधित माता-पिता के बीच होनेवाले प्रारंभिक संवाद का सार लिखिए।
उत्तर:
एकांकी के शुरू में भारवि को माता सुशीला और पिता श्रीधर के बीच बातचीत हो रही है। श्रीधर जो उपनिषद का पाठ कर रहे हैं लेकिन भारवि अभी घर नहीं आया इसलिए सुशीला उसे बार-बार वही प्रश्न पूछ रही है। वह चिंतित है। उसकी चिंता को बेकार कहते हुए वह कवि के स्वभाव के बारे में बता रहे हैं। एक तो भारवि शिशु नहीं, कवि लोग समय पर राज करते है और वह पूरी दुनिया में अकेली माँ नहीं है, नाही भैरवी एक ही पुत्र। आखिर में सुशीला अपने पति को निष्ठुर कहती है और उसी को दोष देती है कि उसी के कारण भारवि घर नहीं आया है।
प्रश्न 2.
शास्त्रार्थ में पंडितों को हराते देख पिता ने भारवि के बारे में क्या सोचा?
उत्तर:
पिता अपने बेटे भारवि का पांडित्य देखकर बहुत ही प्रसन्न हुए है। वह जानते हैं कि कोई भी भारवि को नहीं हरा सकता। भारवि संसार का सर्वश्रेष्ठ महाकवि है। दूर-दूर के देशों में उसकी समानता करने का किसी में साहस नहीं। लेकिन वे चाहते थे कि भारवि और भी अधिक पण्डित और महाकवि बने। लेकिन आजकल भारवि में अहंकार आ गया है। अहंकार के कारण उसकी उन्नति नहीं होगी। इसलिए समय-समय पर वे उसे मूर्ख और अज्ञानी कहते हैं। उन्होंने सब के सामने भारवि का अपमान भी किया।
प्रश्न 3.
सुशीला के अनुरोध पर श्रीधर ने भारवि को कहाँ-कहाँ और कैसे तलाश करने का वचन दिया?
उत्तर:
सुशीला के अनुरोध पर श्रीधर ने भारवि को कहाँ-कहाँ और कैसे तलाश करने का वचन दिया। भारवि के लिए सुशीला को अत्याधिक दुःखी देख कर श्रीधर ने कहा कि वे निश्चित रूप से प्रातःकाल जनपद में जाएँगे। वह किसी न किसी जनपद में जरूर मिलता फिर वे अंधेरे में ही ढूँढनें जाने की बात करते हैं। फिर वह राजकीय सहायता की प्रार्थना करने की सोचते हैं। राजकीय शक्ति भारवि को कही से प्राप्त कर सकते हैं। वह प्रातःकाल तक भारवि को उस के सामने लाने की बात करते हैं।
प्रश्न 4.
भारती और सुशीला के वार्तालाप को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
भारती महाकवि भारवि के शास्त्रार्थ से प्रभावित होकर उनसे मिलने के लिए उनके घर आती है। भारवि उस समय घर पर नहीं थे। भारती ने सुशीला को बताया कि उसने भारवि को उषा बेला में मालिनी तट पर देखा था। उस समय भारवि ध्यान मग्न थे। उसने उनका ध्यान भग्न नहीं किया। श्रीधर ने भारती से कहा कि जैसे ही भारवी आएगा तुम्हें उसकी सूचना दे दी जाएगी। भारती ने कहा कि वह स्वयं अगले दिन सुबह आएगी।
प्रश्न 5.
भारवि अपने पिता से क्यों बदला लेना चाहता था?
उत्तर:
भारवि के पिता श्रीधर भरी सभा में उसका अपमान करते हैं। वहाँ बैठे हुए सभी पंडित भारवि के स्वर में ही बोलकर उसका परिहास करते हैं। इस बात को भारवि अपने दिल से लगा लेता है और उसके मन में यह बात घर कर जाती है कि पिता ने सब के सामने उसका अपमान किया। उनके रहते वह अपनी जिन्दगी में आगे नहीं बढ़ सकता। इस वजह से पिता के प्रति उसका क्रोध अंतिम सीमा तक पहुँच जाता है और वह अपने पिता से बदला लेना चाहता था।
प्रश्न 6.
‘अहंकार उन्नति में बाधक है।’ एकांकी के आधार पर श्रीधर के इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारवि के पिता श्रीधर को पता था और गर्व भी था कि भारवि संसार का श्रेष्ठ महाकवि है। दूर दूर के देशों में उसकी समानता करनेवाला कोई नहीं है। लेकिन धीरे-धीरे भारवि के मन में अहंकार भर गया। वे उसके अहंकार को मिटाना चाहते थे क्योंकि अहंकार और अभिमान से किसी की उन्नति नहीं होती यह वे जानते थे। बार-बार वे उसे मूर्ख और अज्ञानी कहते थे लेकिन उनके मन में पुत्र के प्रति मंगल कामना छिपी थी। वे चाहते थे कि उसका पुत्र और विद्वान और यशस्वी बने। अहंकारी नहीं।
प्रश्न 7.
ग्लानि और जीवन के संबंध में श्रीधर के क्या विचार हैं?
उत्तर:
भारवि ने जब कहा कि ग्लानि ने मुझपर अधिकार कर लिया है तब श्रीधर ने कहा कि ग्लानि से जीवन उत्पन्न नहीं होता, जीवन से ग्लानि उत्पन्न होती है। और इस तरह जीवन प्रधान है, ग्लानि नहीं। ग्लानि काला बादल है, जो जीवन के चंद्र को मिटा नहीं सकता। कुछ क्षणों के लिए उसके प्रकाश को रोक ही सकता है। मस्तक में सहस्रदल है, जहाँ ब्रह्मा का वास रहता है। ग्लानि के पोषण के लिए ब्रह्मदेव की आवश्यकता नहीं।
प्रश्न 8.
प्रायश्चित को लेकर पिता और पुत्र के बीच संवाद को लिखिए।
उत्तर:
जब भारवि अपने पिता के सामने कहता है कि पिता की हत्या के बारे में सोचनेवाला पापी पुत्र को प्रायश्चित करना है। तब उसके पिता कहते हैं कि उसका पश्चाताप ही प्रायश्चित है लेकिन भारवि नहीं मानता और कहता है कि उसके मन की शांति के लिए शास्त्रानुसार दण्ड की व्यवस्था दे। वह प्रायश्चित वह अभी से करना चाहता है।
प्रश्न 9.
भारवि ने अपने पिता से किस प्रकार का दण्ड चाहा और उसे क्या दण्ड मिला?
उत्तर:
भारवि को अपने पापी विचारों के कारण प्रायश्चित करना था। पिता के यह समझाने पर भी कि उसका पश्चाताप ही उसका प्रायश्चित है। भारवि नहीं मानता। उस के मन को शांति मिले इसलिए उसके पिता उसे दण्ड देते हैं, वे कहते हैं कि भारवि छः महीनों तक श्वसुरालय में जाकर सेवा करेगा और जूठे भोजन पर अपना भोजन करेगा। भारवि के लिए क्षमा असह्य थी, खुद को दण्ड देने के लिए वह आत्महत्या करता इसलिए उसके पिता ने उसने जो चाहा वह दिया।
10. टिप्पणी :
आभाः आभा श्रीधर और सुशीला के घर में काम करनेवाली सेविका है। वह सुशीला को भोजन के लिए बुलाने आती है। पाकशाला में उसने भोजन बनाकर रखा है। सुशीला ने भोजन नहीं किया इसलिए वह चिंतित है। सुशीला उसे भारवि को ढूंढकर लाने को कहती है। इसलिए वह जाती है। एक युवति भारती के आने की खबर आभा ही देती है।
प्रतिशोध Summary in English
Bharavi was a great poet. He was the son of a great scholar Sridhar and his wife Susheela. This one-act play by Dr. Ramkumar Varma, starts with the conversation between Sridhar and Susheela.
Susheela is worried as Bharavi has not come home for the past two days. She is worried about his well-being. In her conversation with her husband, she comes to know that it was because of him, that Bharavi was not coming home. Sridhar agrees that he had insulted Bharavi in front of all the great poets.
Actually he is very proud of Bharavi and his knowledge of the scriptures and how effortlessly he could defeat all the great Scholars, but he could not tolerate his son being proud and vain. Proud people are not humble and one will not achieve greatness if one is not humble.
Bharavi feels insulted as others laugh at him and make fun of him. He blames his father for this loss of face. In his anger, he even contemplates of killing himself but realises that suicide was also a very cowardly act.
When he thinks about the whole incident, he realizes why his father had insulted him. He understands his mistake and asks for pardon. He returns home. His father tells him that as a penance, he should stay out of the house for five months and eat only leftover food. His mother pleads with him, but he is determined. He promises to return only after six months of penance,
Abila is their servant whom Bharavi’s mother tells to go in search of Bharavi. Bharathi is another character in the play, who after knowing about Bharavi, visits his home in search of him, where she meets his parents.
While in penance, Bharavi writes the great Epic ‘Kiratarjuniyam’ and becomes famous.