2nd PUC Hindi Workbook Answers रचना निबंध-लेखन

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Karnataka 2nd PUC Hindi Workbook Answers रचना निबंध-लेखन

2nd PUC Hindi Workbook Answers रचना निबंध-लेखन

I. महत्वपूर्ण निबंधो की सूची:

  • विद्यार्थी जीवन
  • पुस्तकालय
  • विज्ञान की देन
  • प्रदूषण की समस्या
  • मेरा जीवन लक्षा
  • हमारा प्यारा भारतवर्ष
  • समाचार पत्रों का महत्व
  • शिक्षा और कम्प्यूटर
  • दहेज प्रथा
  • जीवन में अहिंसा का महत्व
  • दूरदर्शन 2nd PUC Hindi Workbook Answers रचना निबंध-लेखन
  • किसी ऐतिहासिक स्थान की यात्रा
  • स्त्री शिक्षा की आवश्यकता
  • राष्ट्रीय एकता
  • खेल जगत में क्रिकेट का स्थान
  • त्योहारों का जीवन में महत्व
  • विद्यार्थी और अनुशासन
  • रेलवे स्टेशन का एक दृश्य
  • बेरोजगारी की समस्या
  • स्वतन्त्रता दिवस
  • जनसंख्या विस्फोट
  • मेरे जीवन की अविस्मरणीय घटना
  • समाज सेवा
  • देशाटन 2nd PUC Hindi Workbook Answers रचना निबंध-लेखन
  • व्यायाम का महत्व
  • समय और उसका सदुपयोग
  • स्वावलम्बन
  • सहशिक्षा
  • इंटरनेट की दुनिया
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन

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I. निम्नलिखित विषयों पर निबंध लिखिए:
मनोरंजन के आधुनिक साधन

  1. भूमिका
  2. मरोरंजन का अर्थ
  3. मनोरंजन की आवश्यकता
  4. प्राचीन काल में मनोरंजन के साधन
  5. आधुनिक काल में मनोरंजन के साधन
  6. मनोरंजन और मानव जीवन का अटूट संबंध
  7. उपसंहार

मनोरंजन का अर्थ होता है मन का रंजन करना अर्थात मनको हल्का कर, खुश कर देना।

आज कल के व्यक्ततापूर्ण और तनाव से भरे जिन्दगी में मनोरंजन का अत्याधिक महत्व है। अंग्रेजी की पुरानी कहावत है – All work and no play, makes a Jack a dull boy. पूरा दिन काम करते रहने से, सोचते रहने से हमारा शरीर और मन थक जाते है। शरीर को नींद की जितनी जरूरत होती है उससे कई अधिक जरुरत मनोरंजन की होती है। मन को तरो–ताजा रझने के लिए भी मनोरंजन आवश्यक है।

प्राचीन काल में मनोरंजन के साधन उतने नही थे जितने आज कल है। बच्चे अक्सर रास्ते में खेलते या कुछ घरेलु खेल जैसे ताश शंतरज आदि खेल खेल ते। बड़ों के लिए नाटक, सिनेमा होते थे। एक दूसरो से मिलना, एक दूसरों के घर–जाना त्योहार भनाना आदि ही उनके लिए मनोरंजन के मुख्य साधन थे।

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लेकिन आज दुनिया बदल गई है। सिनेमा, नाटक के साथ दूरदर्शन ने सबके जिन्दगी पर कब्जा कर लिया है। पढे–लिखे होने के कारण लोगे कम्पूटर, व्हीडिओ गेम्स–इसतरह अत्याधुनिक साधनों से अपने खुदका मनोरंजन कर लेते है। पढ़ना जिनको प्रिय है उनके लिए जगह जगह पुस्तकालय खुले है। रेडिओ अब कोई भी 24 घंटे सुन सकता है, वही बात संगीत की आप गाडी चला रहे हो या रसोईघर में कामकर रहे हो अपना मनपसंद कार्यक्रम सुन सकते है।

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मनोरंजन में आज कल किटी पार्टीज और तरह–तरह की प्रतिस्पर्धाएँ भी आ गई है। सैर और यात्राओं के लिए भी यातायात के साधन बढ़ गए है, जहाँ पर लोग सप्ताह के आखिर में जाकर, मन बहलाकर, तरो–ताजा होकर वापस आ सकते है। खेल के उपकरण बढ़ गए है आज कह कई खेलो में अपना मन बहला सकते है। इसतरह . आजेक जमाने में मनोरंजन के कई साधन आसनी से उपलब्ध हो रहे है।

इसतरह मनोरंजन मानव जीवन का एक अटूट अंग बन गया है। मनोरंजन के बिना हम जीने का बहुत सा आनंद खो सकते है।

समय और उसका सदुपयोगः

  • भूमिक
  • समय – अमूल्य धन ।
  • समय का महत्व
  • समय के सदुपयोग का रूप
  • समय के सदुपयोग से लाभ और प्रभाव
  • समय का सदुपयोग न करने से हानियाँ
  • उपसंहार

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समय एक अमूल्य धन है। हमारा जीवन काल निश्चित होता है। उसमें हमें जितना हो सके कार्य करते रहना चाहिए। जिन्दगी में कुछ भी पाने के लिए चाहे वहधन संपत्ति हो, नाम कमाना हो, अच्छा स्वास्थ पाना चाहते हो तो पहले हमें समयानुसार चलना सिखना चाहिए। समय का सदुपयोग करना सिखना चाहिए। क्योंकि गया समय कभी वापस नहीं आता। समय एकबार चला गया तो हम पछताते रह जाते है। धन–दौलत हम फिरसे पा सकते है लेकिन पछनाने पर भी गया समय लौट नहीं आता। इसिलिए कबीर ने भी कहा है “कल करे सोआज कर आज करै सो अब पल में परलै : होयगी बहुरि करैगा कब बहुत से लोग आलस्य में पडकर समय को यूँही गवाँ देते है।

सुबह देर से उठना, दूरदर्शन घंटोतक देखते बैठना, अवकाश के दिन कुछ काम न करना, व्यर्थ की बाते करना, नशीले द्व्यों का सेवन करना, बुरी संगति करना, बुरे कामों में रत रखाना यह सब समय के दुरुपयोग है। जिससे स्वास्थ्य, धन और बुद्धि का नाश होता है। रुपये – पैसे खर्च होने की हमे चिंता लगी रहती है पर समय के खर्च होने के बारे में हम कभी नही सोचते। ऐसे लोग जिन्दगी में कभी उन्नति नही कर पाते।

समयका सदुपयोग हम हमारे उन्नति, विकास के लिए करे, परोपकार के लिए करे जिससे हम नाम और यश प्राप्त कर सकते है।

हमे चाहिए कि हम अपनी एक दिनचर्या बनाए। अनुशासीत जिंदगी जीने का प्रयत्न करे। हर काम समय पर करे। सयम की बचत करने के उपाय सोचे, तभी हम अपना और दूसरों का भी जीवन सुखकर बना सकते है। समय के महत्व को पाश्चिमात्य देशोने भी भलीप्रकार समझ लिया है।

वास्तव में वही मनुष्य बुद्धिमान है जो अपने समय का सही इस्तमाल कर जीवन को सफल बनाता

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