Students can Download Hindi Lesson 11 वृक्षप्रेमी तिम्मक्का Questions and Answers, Summary, Notes Pdf, Activity, KSEEB Solutions for Class 8 Hindi helps you to revise the complete Karnataka State Board Syllabus and to clear all their doubts, score well in final exams.
Karnataka State Syllabus Class 8 Hindi वल्लरी Chapter 11 वृक्षप्रेमी तिम्मक्का
वृक्षप्रेमी तिम्मक्का Questions and Answers, Summary, Notes
अभ्यास
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
गुब्बी तालुका (तहसील) किस जिले में स्थित है?
उत्तर:
गुब्बी तालुका तुमकूर जिले में स्थित है।
प्रश्न 2.
तिम्मक्का के माँ-बाप अपना पेट कैसे पालते थे?
उत्तर:
तिम्मक्का के माँ-बाप मेहनत-मजदूरी करते हुए अपना पेट पालते थे।
प्रश्न 3.
चिक्कय्या क्या काम करते थे?
उत्तर:
चिक्कय्या रोज दूसरों के खेत में काम करते थे।
प्रश्न 4.
एक दिन चिक्कय्या और तिम्मक्का ने मज़दूरी नहीं की तो परिणाम क्या होता था?
उत्तर:
चिक्कय्या और तिम्मक्का ने एक दिन मजदूरी नहीं की तो उन्हें उस दिन भूखे रहना पड़ता था।
प्रश्न 5.
जानवरों के लिए तिम्मक्का दंपति ने क्या इंतज़ाम किया?
उत्तर:
मेले में आनेवाले जानवरों के लिए तिम्मक्का दंपति ने पीने के पानी का इंतजाम किया।
प्रश्न 6.
तिम्मक्का दंपति ने बरगद के डाल कहाँ लगाये?
उत्तर:
तिम्मक्का दंपति ने हुलिकल और कुदूर के बीच चार कि.मी. के रास्ते के दोनों ओर बरगद के डाल लगाये।
प्रश्न 7.
पर्यावरण संरक्षण के साथ तिम्मक्का और कौन सा काम कर रही हैं?
उत्तर:
पर्यावरण संरक्षण के साथ तिम्मक्का अन्य सामाजिक कार्य भी कर रही हैं।
प्रश्न 8.
तिम्मक्का दीन-दलितों की सेवा के लिए क्या समर्पित कर रही हैं?
उत्तर:
तिम्मक्का दीन-दुखियों की सेवा के लिए जो भी धनराशि पुरस्कार को समर्पित कर रही हैं
अतिरिक्त प्रश्नः
प्रश्न 9.
तिम्मक्का जी किस क्षेत्र में एक मिसाल हैं?
उत्तर:
तिम्मक्का जी समाज-सेवा के क्षेत्र में एक मिसाल है।
प्रश्न 10.
तिम्मक्का के माता-पिता का नाम क्या है?
उत्तर:
तिम्मक्का के पिता चिक्करंगय्या और माता विजयम्मा है।
प्रश्न 11.
तिम्मक्का और चिक्कय्या ने क्या निश्चय किया?
उत्तर:
तिम्मक्का और चिक्कय्या ने अपने आप को किसी धर्म” कार्य में लगाने का निश्चय किया।
प्रश्न 12.
कर्नाटक सरकार ने किस कार्य का बीड़ा उठाया है?
उत्तर:
कर्नाटक सरकार ने तिम्मक्का द्वारा लगाए गए पेड़ों की रक्षा करने का बीड़ा उठाया है।
प्रश्न 13.
तिम्मक्का दंपति किस के लिए तरसते थे?
उत्तर:
तिम्मक्का दंपति बच्चे के लिए तरसते थे।
प्रश्न 14.
उमेश बी.एन. कहाँ के रहनेवाले थे?
उत्तर:
उमेश बी.एन. बल्लूरु के रहनेवाले थे।
प्रश्न 15.
चिक्करंगय्या और विजयम्मा दंपति को कितनी संतान थी?
उत्तर:
चिक्करंगय्या और विजयम्मा दंपति को छः संतान थी।
प्रश्न 16.
श्रीमती तिम्मक्का ने अपने पति की याद में क्या संकल्प लिया है?
उत्तर:
तिम्मक्का ने अपने पति की याद में हुलिकल ग्राम में गरीबों की निःशुल्क चिकित्सा के लिए एक अस्पताल के निर्माण कराने का संकल्प किया है।
प्रश्न 17.
तिम्मक्का ने अस्पताल निर्माण का संकल्प क्यों किया?
उत्तर:
अपने पति के याद में हुलिकल ग्राम के गरीबों की निःशुल्क चिकित्सा के लिए तिम्मक्का ने अस्पताल निर्माण का संकल्प किया।
II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
तिम्मक्का दंपति किस प्रकार के धर्म-कार्य में लग गये?
उत्तर:
तिम्मक्का और चिक्कय्या दोनों ने निश्चय किया की अपने आप को किसी धर्म-कार्य में लगा ले। उनके गाँव के पास ही श्रीरंगस्वामी का मंदिर था। वहाँ हर साल मेला लगता था। वहाँ आनेवाले जानवरों के लिए पीने के पानी का इंतजाम किया। रास्ते के दोनों ओर पेड़ लगाये।
प्रश्न 2.
तिम्मक्का ने बरगद के डालों को कैसे पाला-पोसा?
उत्तर:
तिम्मक्का ने हुलिकल और कुदूर के बीच के रास्ते के दोनों ओर बरगद के डाल लगाये। बरगद के पेड़ों को पानी सींचकर तथा उन पेड़-पौधों को भेड़-बकरियों से रक्षा करते हुए उनका पालन-पोषण किया।
प्रश्न 3.
तिम्मक्का के जीवन में कैसी मुसीबत आ गई?
उत्तर:
तिम्मक्का के पति की तबीयत बिगड़ गई और वे चल बसे। तिम्मक्का अब अकेली पड़ गई।
प्रश्न 4.
तिम्मक्का ने क्या संकल्प किया है?
उत्तर:
पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ तिम्मक्का अन्य सामाजिक कार्य भी कर रही हैं। अपने पति की याद में उन्होंने हुलिकल ग्राम में गरीबों की निःशुल्क चिकित्सा के लिए एक अस्पताल के निर्माण कराने का संकल्प किया है। जो भी धनराशि पुरस्कार के रूप में तिम्मक्का को मिली है, उसे वह सामाजिक कार्य तथा दीन-दलितों की सेवा के लिए अर्पित कर रही हैं।
अतिरिक्त प्रश्नोत्तरः
प्रश्न 5.
बच्चे को गोद लेने के कारण तिम्मक्का दंपति को दुःख भोगना पड़ा। क्यों?
उत्तर:
तिम्मक्का निःसंतान थी। पति-पत्नी बच्चों के लिए तरस रहे थे। अंत में उन्होंने एक बच्चे को गोद लिया। दत्तक पुत्र के सगे माँ-बाप को लोगों की कटु निंदा सुननी पड़ी। उन्होंने अपने बेटे को वापस ले लिया। अपना दत्तक पुत्र खोकर तिम्मक्का बहुत दुःखी हुई।
प्रश्न 6.
पर्यावरण संरक्षण में तिम्मक्का का क्या योगदान है?
अथवा
तिम्मक्का “पर्यावरण प्रेमी’ है। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पर्यावरण संरक्षण के लिए ही तिम्मक्का ने अपना सारा जीवन बिता दिया। उन्होंने हुलिकल और कुदूर के बीच के चार कि.मी. के रास्ते के दोनों ओर बरगद के डाल लगाये। उन्हें अपने बच्चों की तरह प्रेम से पाला-पोसा। यह काम निरंतर दस सालों तक चलता रहा। पेड़ राहगीरों को छाया देने के साथ-साथ, पक्षियों के आश्रयधाम भी बन गए। अब तक 300 से भी अधिक पेड़ लगाकर तिम्मक्का ने बहुत बड़ा कार्य किया है।
प्रश्न 7.
तिम्मक्का को किन-किन पुरस्कारों से अलंकृत किया गया है?
उत्तर:
तिम्मक्का को उनकी निष्ठा, त्याग और सेवा के लिए नाडोज पुरस्कार, राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार, इंदिरा प्रियदर्शिनी वृक्ष-मित्र, वीर-चक्र, कर्नाटक कल्पवल्ली, गाड़फ्री फिलिप्स धैर्य पुरस्कार, विशालाक्षी पुरस्कार, डॉ. कारंत पुरस्कार, कर्नाटक सरकार के महिला और शिशु कल्याण विभाग द्वारा सम्मान-पत्र आदि पुरस्कारों से अलंकृत किया गया है।
III. रिक्त स्थान भरिए :
- तिम्मक्का का जन्म ___________ गाँव में हुआ था।
- तिम्मक्का के माँ-बाप ___________ करते हुए अपना पेट पालते थे।
- तिम्मक्का के पति का नाम _________ था।
- उनके गाँव के पास __________ का मंदिर था।
- तिम्मक्का ने पेड़ों को ____________ से रक्षा करने की व्यवस्था की।
उत्तरः
- कक्केनहल्ली;
- मेहनत-मजदूरी;
- चिक्कय्या;
- श्रीरंगस्वामी;
- भेड़-बकरियों।
IV. वाक्य में प्रयोग कीजिए :
- मिसाल – ____________
- मेहनत-मजदूरी – ___________
- पसीना बहाना – ___________
- धर्म-कार्य – ____________
- तबीयत – ____________
- मुसीबत – ____________
उत्तर:
- मिसाल – तिम्मक्का आदर्श व्यक्तित्व की अच्छी मिसाल हैं।
- मेहनत-मजदूरी – तिम्मक्का के माँ-बाप मेहनत-मजदूरी करके अपना पेट पालते थे।
- पसीना बहाना – पसीना बहाने से अवश्य फल मिलता है।
- धर्म-कार्य – हमें कोई भी धर्म-कार्य पूर्ण निष्ठा एवं निःस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
- तबीयत – यदि तबीयत ठीक होगी, तो सबकुछ ठीक होगा।
- मुसीबत – मुसीबत में धैर्य नहीं खोना चाहिए।
V. कन्नड़ या अंग्रेजी में अनुवाद कीजिए :
VI. पर्यायवाची शब्द लिखिए :
हिम्मत, पानी, पेड़, पक्षी, महिला, तबीयत।
उत्तरः
- हिम्मत – धैर्य धीरज
- पानी – जल अंबु
- पेड़ – वृक्ष झाड़ (तरु)
- पक्षी – खग पखेरु
- महिला – स्त्री नारी
- तबीयत – स्वास्थ्य आरोग्य
VII. विलोम शब्द लिखिए :
जन्म, आसान, गरीब, अपना, छोटे।
उत्तरः
- जन्म × मरण
- आसान × कठिन
- गरीब × अमीर
- अपना × पराया
- छोटे × बड़े
VIII. सार्थक वाक्य बनाइए :
प्रश्न 1.
चिक्करंगय्या पिता विजयम्मा माता थे उनके और।
उत्तर:
उनके पिता चिक्करंगय्या और माता विज़यम्मा थे।
प्रश्न 2.
एक थी तिम्मक्का से में छः संतानों इनकी।
उत्तर:
तिम्मक्का इनकी छः संतानों में से एक थी।
प्रश्न 3.
मुसीबत की घड़ियाँ जीवन में तिम्मक्का के शुरू हुईं।
उत्तर:
तिम्मक्का के जीवन में मुसीबत की घड़ियाँ शुरू हुईं।
IX. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए :
- जो पति-पत्नी हो – __________
- जिसकी कोई संतान न हो – __________
- राह पर चलनेवाला – __________
- जो पढ़ा-लिखा न हो। – __________
उत्तरः
- दंपति;
- निःसंतान;
- राहगीर (पथिक);
- अनपढ़।
X. जोड़कर लिखिए :
1) फूला न समाना – य) निश्चिंत रहना
2) घोड़े बेचकर सोना – र) वश में रखना
3) उँगली पर नचाना – ल) होश आना
4) आँखें खुलना – व) नष्ट करना
5) आग बबूला होना – श) अत्यंत प्रसन्न होना
– ष) अत्यंत क्रोधित होना
उत्तरः
1. श;
2. य;
3. र;
4. ल;
5. ष।
XI. तिम्मक्का के जीवन के घटना क्रमानुसार वाक्य लिखिए :
- जानवरों के लिए उन्होंने पीने के पानी का इंतजाम किया।
- तिम्मक्का के जीवन में मुसीबत की घड़ियाँ शुरू हुईं।
- तिम्मक्का के पति का नाम बिक्कला चिक्कय्या था।
- पेड़ों को भेड़-बकरियों से रक्षा करने की व्यवस्था की।
- पर्यावरण-संरक्षण के साथ-साथ तिम्मक्का अन्य सामाजिक कार्य भी कर रही हैं।
उत्तरः
- तिम्मक्का के पति का नाम बिक्कला चिक्कय्या था।
- जानवरों के लिए उन्होंने पीने के पानी का इंतजाम किया।
- पेड़ों को भेड़-बकरियों से रक्षा करने की व्यवस्था की।
- तिम्मक्का के जीवन में मुसीबत की घड़ियाँ शुरू हुईं।
- पर्यावरण-संरक्षण के साथ-साथ तिम्मक्का अन्य सामाजिक कार्य भी कर रही हैं।
XII. रेखांकित कारकों का नाम लिखिए :
प्रश्न 1.
तिम्मक्का का नाम आज कर्नाटक के कोने-कोने में व्याप्त है।
उत्तर:
का – संबंधकारक।
प्रश्न 2.
वे दूसरों के खेत में पसीना बहाकर, काम किया करते थे।
उत्तर:
के – संबंधकारक, में – अधिकरणकारक।
प्रश्न 3.
दत्तक पुत्र के सगे माँ-बाप को निंदा सुननी पड़ी।
उत्तर:
को – संबंधकारक।
प्रश्न 4.
गाँव के पास ही श्रीरंगस्वामी का मंदिर था।
उत्तर:
के – संबंधकारक।
वृक्षप्रेमी तिम्मक्का Summary in Hindi
वृक्षप्रेमी तिम्मक्का पाठ का सारांश :
सालुमरदा तिम्मक्का आज कर्नाटक में अपनी समाजसेवा के कारण प्रख्यात हो गई है। कर्नाटक सरकार ने उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया है। तिम्मक्का का जन्म तुमकूर जिला, गुब्बी तालुका के कक्केनहल्ली नामक गाँव में हुआ। उनके पिता चिक्करंगय्या और माता विजयम्मा थे। वे दोनों मेहनत-मजदूरी करके अपना पेट पालते थे।
तिम्मक्का के पति का नाम बिक्कला चिक्कय्या था। वे भी अनपढ़ थे और खेत में कड़ी मेहनत करते थे। एक दिन भी यदि मेहनत-मजदूरी न करते तो उन्हें भूखे रहना पड़ता था।
तिम्मक्का निस्संतान थी। पति-पत्नी संतान के लिए तरसते थे। यद्यपि उन्होंने एक बच्चे को गोद लिया था, परन्तु उसके सगे माता-पिता ने उसे वापस बुला लिया। इससे तिम्मक्का बड़ी दुःखी हुई। सन् 2005 में उन्होंने बल्लूरु के उमेश बी.एन. को पुत्र के रूप में अपनाया, जो अब उनकी देखभाल करता है। उन्होंने अपने-आपको किसी अच्छे कार्य में लगाने का निश्चय किया। गाँव के पास स्थित श्रीरंगस्वामी के मंदिर का मेला लगता था। वहाँ आनेवाले जानवरों के लिये पीने के पानी का इंतजाम किया।
तिम्मक्का ने रास्ते के दोनों ओर पेड़ लगाने की बात सोची। कार्य कठिन होते हुए भी हुलिकल और कुदूर के बीच चार कि.मी. तक पेड़ लगाए, उन्हें सींचा और उनकी रक्षा की। पहले वर्ष दस, दूसरे वर्ष पंद्रह और तीसरे वर्ष नब्बे पेड़ लगाये। यह कार्य बराबर दस वर्षों तक चला। ये पेड़ राहगीरों को छाया देने के साथ-साथ पक्षियों के भी आश्रयधाम हो गये।
अचानक तिम्मक्का के पति की तबीयत खराब हुई और एक दिन वे चल बसे। तिम्मक्का अब अकेली पड़ गई, परन्तु हिम्मत नहीं हारी और अपने कार्य में लगी रही। तिम्मक्का ने अबतक 300 से अधिक पेड़ लगाए हैं। अब सरकार उन पेड़ों की रक्षा कर रही है। तिम्मक्का को उनकी निष्ठा और त्याग-सेवा के लिए नाडोज पुरस्कार, इंदिरा प्रियदर्शिनी वृक्ष-मित्र, वीर चक्र, कर्नाटक कल्पवल्ली, विशालाक्षी पुरस्कार आदि अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
तिम्मक्का सन् 2012 में संपन्न प्रथम राष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन की अध्यक्षा रहीं। पर्यावरण संरक्षण के अलावा तिम्मक्का ने अपने पति की याद में हुलिकल गाँव में निःशुल्क चिकित्सा के लिए एक अस्पताल कराने का संकल्प लिया है। दीन-दुखियों की सेवा में भी वह लिप्त है। जीवन में आनेवाली मुसीबतों को झेलते हुए भी तिम्मक्का सार्थक कार्य में लगी हुई है। हम सबके लिए तिम्मक्का एक प्रेरणादायी उदाहरण है।
वृक्षप्रेमी तिम्मक्का Summary in Kannada
वृक्षप्रेमी तिम्मक्का Summary in English
Saalumarada Thimmakka is a well-known name in Karnataka today because of her social service. She has been honoured with many awards by the Government of Karnataka. Thimmakka was born in a village called Kakkenahalli, which is in Gubbi taluk of Tumkur district. She was born to daily wage labourers Chikkarangaiah and Vijayamma. They were poor but hard-working.
Bikkala Chikkaiah was Thimmakka’s husband. He was illiterate but used to work hard in the fields. Such was their state that if they did not work even for a day, they would have had to sleep hungry.
Thimmakka did not have any children. She kept yearning for an offspring, but could not conceive one. Therefore, they finally adopted a child. However, after some time, the parents of the child took him back. This made Thimmakka very sad. In 2005, they finally adopted a boy, Umesh B.N., from Belur. He takes care of her today.
Thimmakka decided that she had to make herself useful in some way. There was the Srirangaswamy Temple near her village, where a village fair would be held quite often. Thimmakka began to arrange drinking water for the cattle that were brought to this fair.
Thimmakka then thought of planting trees on both sides of the road. The task was a very difficult one, yet she singlehandedly planted and raised saplings on both sides of the road on a four-kilometre stretch between the villages of Hulikal and Kuduro. In the first year, she planted ten saplings and in the following two years, fifteen and ninety respectively. She carried on this task for ten years. Apart from giving shade to travellers, these trees also provided shelter to birds. Suddenly, one-day Thimmakka’s husband fell ill and died. Thimmakka was now alone.
However, Thimmakka did not lose hope and continued with the work she had set out to do.
To date, Thimmakka has planted more than 300 trees. Today, the government is protecting those trees. For her zeal and selfless service to society, she has been honoured with the Nadoja Award, the Indira Priyadarshini Vrikshamitra Award, the Veerachakra Prashasti Award, Godfrey Phillips Bravery Award, Dr. Karanth Award, the Karnataka Kalpavalli Award, and the Vishalakshi Award. In 2012, Thimmakka was elected chairperson of the first National Conference on Environment.
Apart from environmental protection, Thimmakka has decided to build a fertility clinic in her husband’s memory in the village of Hulikal. She has also dedicated herself to the service of the underprivileged. In spite of the many troubles and hindrances that she has had to face in life, Thimmakka has continued to work towards her goal with vigour and zeal. Thimmakka is an inspiration to all of us.
कठिन शब्दार्थ :
- मिसाल – उदाहरण;
- कौर – निवाला;
- मेहनत – परिश्रम;
- इंतजाम – प्रबंध, व्यवस्था;
- तरसना – तड़पना, बेचैन रहना;
- राहगीर – पथिक, यात्री;
- मुसीबत – विपत्ति;
- तबीयत – स्वास्थ्य;
- तकलीफ – कष्ट;
- बदौलत – द्वारा, कृपा से।
मुहावरों का अर्थ :
- पसीना बहाना – परिश्रम करना
- हिम्मत न हारना – धीरज रखना
- बीड़ा उठाना – जिम्मेदारी लेना।
टिप्पणी :
सालुमरदा तिम्मक्का : तिम्मक्का ने अपने जीवन काल में बहुत सारे पेड़ लगाकर उनकी देख-रेख की है। कतारों में शोभायमान बरगद के पेड़ लगाने के कारण वे सालुमरदा तिम्मक्का नाम से जानी जाती हैं।