Students can Download Hindi Lesson 13 साथी, हाथ बढ़ाना Questions and Answers, Summary, Notes Pdf, Activity, KSEEB Solutions for Class 9 Hindi helps you to revise the complete Karnataka State Board Syllabus and to clear all their doubts, score well in final exams.
Karnataka State Syllabus Class 9 Hindi वल्लरी Chapter 13 साथी, हाथ बढ़ाना
साथी, हाथ बढ़ाना Questions and Answers, Summary, Notes
अभ्यास
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए:
प्रश्न 1.
कवि किससे हाथ बढ़ाने के लिए कह रहे हैं?
उत्तर:
कवि साथी से हाथ बढ़ाने को कह रहे हैं।
प्रश्न 2.
बोझ कैसे उठाना चाहिए?
उत्तर:
बोझ मिलकर उठाना चाहिए।
प्रश्न 3.
सागर ने रास्ता कब छोड़ा?
उत्तर:
जब मेहनतवालों ने मिलकर कदम बढ़ाया तब सागर ने रास्ता छोड़ा।
प्रश्न 4.
हम अगर चाहें तो कहाँ राहें पैदा कर सकते हैं?
उत्तर:
हम अगर चाहें तो चट्टानों में भी राहें पैदा कर सकते हैं।
प्रश्न 5.
अपनी मंज़िल कैसी मंज़िल है?
उत्तर:
अपनी मंजिल सच की मंज़िल है।
प्रश्न 6.
राई एक से एक मिले तो क्या बन सकती है?
उत्तर:
राई एक से एक मिले तो परबत बन सकती है।
प्रश्न 7.
किस्मत को कैसे अपने बस में कर सकते हैं?
उत्तर:
अगर इंसान एक साथ मिल जाये तो किस्मत को बस में कर सकते हैं।
अधिक प्रश्नोत्तरः
प्रश्न 8.
परबत ने सीस कब झुकाया?
उत्तर:
जब मेहनत करनेवालों ने मिलकर कदम बढ़ाया तो परबत ने सीस झुकाया।
प्रश्न 9.
एक से एक कतरा आपस में मिल जाए तो क्या बन जाता है?
उत्तर:
एक से एक कतरा आपस में मिले तो दरिया बन जाता है।
प्रश्न 10.
सेहरा कैसे बन जाता है?
उत्तर:
जब एक-एक जर्रा (फूल) आपस में जुड़ते हैं तो सेहरा (माला) बन जाता है।
II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिएः
प्रश्न 1.
मेहनत करनेवाले मिलकर कदम बढ़ाते हैं तो क्या-क्या हो सकता है?
उत्तर:
हम मेहनत करनेवाले मिलकर कदम बढाते हैं तो सागर ने रास्ता छोडा है। परबत ने शीश झुकाया है। हमारे मजबूत इरादों से हमें मंजिल मिली है।
प्रश्न 2.
एक से एक मिलने का परिणाम क्या होगा? (किन्हीं दो)
उत्तर:
एक से एक मिलने से बूंद बूंद से सागर बन सकता है। छोटी छोटी बातों से बड़ा परिणाम निकल सकता है।
अधिक प्रश्नोत्तरः
प्रश्न 3.
‘मेहनत अपने लेख की रेखा’ से कवि का क्या आशय है?
उत्तर:
कवि कहते हैं कि मेहनत हमारे किस्मत में लिखी हुई है। यह हाथ और यह हाथ की रेखाएँ मेहनत की रेखाएँ है। इसलिए हमें मेहनत करने से भी कभी भी नहीं डरना चाहिए। इतिहास में हमने दूसरों के लिए मेहनत की। आज लोकतंत्र हैं। हमें अपने लिए मेहनत का जीवन सँवारना चाहिए।
III. इन पंक्तियों को पूरा कीजिए:
- एक _________ थक जाएगा, मिलकर ___________ उठाना।
- साथी हाथ _________।
- मेहनत अपने __________ की रेखा, _________ से क्या डरना।
- अपनी _________ सच की मंजिल, अपना __________ नेक।
- एक से एक मिले तो __________, बस में कर ले __________।
उत्तरः
- अकेला, बोझ;
- बढ़ाना;
- लेख, मेहनत;
- मंजिल, रास्ता;
- इंसाँ, किस्मत।
IV. तुकवाले शब्दों को चुनकर लिखिएः
जैसेः बढ़ाया – झुकाया
- बाँहें – _________
- डरना – __________
- एक – _________
- परबत – _________
उत्तरः
- राहें;
- करना;
- नेक;
- किस्मत।
V. भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए (कन्नड या अंग्रेजी में):
1) एक से एक मिले तो राई, बन सकती है परबत,
एक से एक मिले तो इंसाँ, बस में कर ले किस्मत,
साथी, हाथ बढ़ाना।
उत्तर:
When even things as small as mustard seeds are accumulated in a place, it can look like a mountain. Similarly, if human beings join together and work unitedly, they can define their fate. Their destiny will be in their hands. That is, if people live and work together life would be heavenly. Any problem can be resolved easily. Nothing would be impossible.
VI. अपने साथी के बारे में थोड़ी-सी जानकारी दीजिए:
प्रश्न 1.
आपके कितने साथी हैं? ___________
उत्तर:
दस।
प्रश्न 2.
अपने पाँच साथियों के नाम लिखिए। _________
उत्तर:
दीपक, रोहन, गौरव, संजय, अजय।
प्रश्न 3.
आपका बहुत अच्छा, गहरा दोस्त कौन है? __________
उत्तर:
रोहन।
प्रश्न 4.
कितने सालों की दोस्ती है? ___________
उत्तर:
छह सालों की।
प्रश्न 5.
दोनों के बीच कभी झगड़ा हुआ है? __________
उत्तर:
हाँ।
प्रश्न 6.
किस बात पर झगड़ा हुआ? ___________
उत्तर:
खेलते समय।
प्रश्न 7.
कैसे सुलझाया? ___________
उत्तर:
आपस में बात करके।
VII. इस कविता में अपने साथी से हाथ बढ़ाने के लिए कहा गया है। मिलकर बोझ उठाने की बात बतायी गयी है। यह बात परिवार में भी आवश्यक है या नहीं? अब लिखिए-
- आपके परिवार में कौन-कौन रहते हैं?
- घर में कुल कितने लोग हैं?
- उनके नाम क्या हैं?
- उनकी आयु कितनी है?
- वे क्या काम करते हैं?
नाम | आयु | काम |
1. पापा/पिताजी – सुरेश | 42 | डॉक्टर |
2. माँ/माताजी – मनोरमा | 40 | गृहिणी |
3. बहन – कल्पना | 18 | पढ़ाई |
4. भाई – रोहित | 15 | पढ़ाई |
5. स्वयं – रौनक | 13 | पढ़ाई |
उत्तर:
VIII. परिवार के और भी कई सदस्य होते हैं। जैसे दादा, दादी आदि। पापा के पापा (पिताजी) को दादा कहा जाता है।
अब लिखिए रिश्तों का नामः
(बुआ, नाना, दादी, ताऊ, नानी, मामा, चाचा, मौसी)
- पिताजी की माँ ________
- पिताजी के बड़े भाई _________
- पिताजी की बहन ________
- पिताजी के छोटे भाई _________
- माँ के पिताजी _________
- माँ की माँ __________
- माँ के भाई __________
- माँ की बहन _________
उत्तर:
- दादी;
- ताऊ;
- बुआ;
- चाचा;
- नाना;
- मानी;
- मामा;
- मौसी।
IX. तुम्हारे विचार से किसकी क्या-क्या जिम्मेदारियाँ हैं?
- पिताजी की _________
- माताजी की ___________
- दादाजी की ___________
- दोस्त की ___________
- तुम्हारी
उत्तर:
- कमाने की;
- परिवार संभालने की;
- परिवार की देखभाल करना;
- मदद करना;
- पढ़ाई करना।
X. सही मिलान कीजिए:
- हाथ बढ़ाना – अ) नये मार्ग ढूँढना
- बोझ उठाना – आ) आगे निकलना
- कदम बढ़ाना – इ) सहयोग देना/मदद करना।
- राहें पैदा करना – ई) छोटी-छोटी बातों से बड़ा परिणाम निकलना
- राई का पहाड़/परबत बनना – उ) जिम्मेदारी लेना
उत्तरः
- इ;
- उ;
- आ;
- अ;
- ई।
XI. अनुरूपताः
- बढ़ना : बढ़ाना : : उठना : __________
- चट्टान : पहाड़ : : मेहनत : _________
- एक एक कतरा : दरिया : : एक एक राई : __________
- अपना : पराया : : डर : ________
उत्तरः
- उठाना;
- काम;
- परबत;
- निडर।
भाषा ज्ञान
मुहावरा
साधारण अर्थ के बदले विशेष अर्थ प्रकट करनेवाले वाक्यांश ‘मुहावरे’ कहलाते हैं। मुहावरे स्वतंत्र वाक्यांश नहीं होते। इनके प्रयोग से भाषा सरस एवं सशक्त हो जाती है। भावाभिव्यक्ति में चमत्कार आ जाता है।
कुछ मुहावारे-
- नौ दो ग्यारह होना – गायब होना।
- मुँह से फूल झड़ना – मीठा/प्रिय वचन बोलना।
- हवा से बातें करना – बहुत तेज़ दौड़ना।
- मिट्टी में मिल जाना – नष्ट हो जाना।
- उन्नीस बीस का अंतर होना – बहुत कम अंतर होना।
साथी, हाथ बढ़ाना Summary in Hindi
साथी, हाथ बढ़ाना कवि परिचयः
साहिर लुधियानवी का असली नाम अब्दुल हयी साहिर है। उनका जन्म 8 मार्च 1921 में लुधियाना (भारत) के एक जागीरदार घराने में हुआ था। वे बहुत बड़े कवि तथा गीतकार थे। बंबई (वर्तमान मुंबई) में वे उर्दू पत्रिका के संपादक रहे। उन्होंने कई फिल्मों के लिए गीत लिखे। 59 वर्ष की आयु में 25 अक्तूबर 1980 को दिल का दौरा पड़ने से उनका देहांत हो गया। 1964 और 1977 में उन्हें दो बार फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार मिला था।
कविता का आशयः
एक दूसरे के साथ मिलकर रहने से मुश्किल काम भी आसान हो जाता है। नये-नये मार्ग खुलने लगते हैं। इस कविता में मिलजुलकर रहने से प्राप्त होनेवाले परिणामों के बारे में बताया गया है।
कविता का सारांश/भावार्थः
1) साथी, हाथ बढ़ाना।
एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
साथी, हाथ बढ़ाना।
हम मेहनतवालों ने जब भी, मिलकर कदम बढ़ाया,
सागर ने रास्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया,
फ़ौलादी हैं सीने अपने, फ़ौलादी हैं बाँहें,
हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें,
साथी, हाथ बढ़ाना।
‘साथी, हाथ बढ़ाना’ गीत की रचना साहिर लुधियानवी द्वारा की गई है। इसमें कवि ने मिलजुलकर काम करने की प्रेरणा दी है तथा इसके लाभ भी बताएँ हैं। कवि लोगों को संबोधित करते हुए कहते हैं कि साथी, अपने हाथ बढ़ाओं। मिलजुलकर काम करने से सफलता निश्चित है। अकेला व्यक्ति थक सकता है लेकिन सामूहिक श्रम से आनंद की प्राप्ति भी होती है। दुनिया में लोगों ने मिलजुलकर काम करके बड़े से बड़े काम आसानी से किये हैं। मेहनतकश लोगों के सामने सागर ने भी रास्ता दिया है तो पहाड़ों ने अपना शीश झुकाया है। संगठन में शक्ति होती है। हमारे सीने और हमारे हाथ लोहे के समान मजबूत है। अगर हमारे इरादे दृढ़ हो तो हम चट्टानों के भीतर से भी रास्ता निकाल सकते हैं।
2) मेहनत अपने लेख की रेखा, मेहनत से क्या डरना,
कल गैरों की खातिर की, आज अपनी खातिर करना,
अपना दुख भी एक है साथी, अपना सुख भी एक,
अपनी मंजिल सच की मंजिल, अपना रास्ता नेक,
साथी, हाथ बढ़ाना।
मेहनतकश लोगों की किस्मत ही मेहनत करना है। इसलिए मेहनत करने से डरने की जरूरत नहीं हैं। हमने कल दूसरों की मदद की थी आज हमें खुद की मदद करनी है। हमारा सुख भी एक है और दुःख भी एक है। हमारी मंजिल भी एक है। हमारा रास्ता ईमानदारी से भरा है। मिलजुलकर काम करने से कठिन कार्य भी सरल हो जाता है।
3) एक से एक मिले तो कतरा, बन जाता है दरिया,
एक से एक मिले तो ज़र्रा, बन जाता है सेहरा,
एक से एक मिले तो राई, बन सकती है परबत,
एक से एक मिले तो इंसाँ, बस में कर ले किस्मत,
साथी, हाथ बढ़ाना।
परिश्रम और संगठन में शक्ति होती है। बिना किसी सहयोग के आगे बढ़ना मुश्किल होता है। एक-एक बूंद से नदी का निर्माण होता है तो एक-एक फूल से सेहरे का निर्माण भी होता है। एक-एक कण जुड़कर पर्वत बन जाता है। अगर इस प्रकार एक-एक इसान भी आपस में मिल जाये तो भारी से भारी चीज का निर्माण कर सकते हैं। जीवन के प्रत्येक मोड़ पर हमें किसी न किसी की आवश्यकता होती है। सामुहिकता की भावना से देश भी निरंतर प्रगति करता जाता है।
साथी, हाथ बढ़ाना Summary in Kannada
मुहावरेः
- हाथ बढ़ाना – सहयोग देना, मदद करना।
- बोझ उठाना – जिम्मेदारी लेना।
- सीस झुकाना – विनम्र होना, नतमस्तक होना।
- राहें पैदा करना – नये मार्ग ढूँढना।
- राई मिलकर परबत बनना (राई का पहाड़ बनना)
– छोटी-छोटी बातों से बड़ा परिणाम निकलना।
साथी, हाथ बढ़ाना Summary in English
Even the toughest of tasks becomes easy to accomplish if people join together and do it. This poem by Sahir Ludhianvi describes the results that can be derived by doing any work jointly.
Sahir Ludhianvi says, friends, help each other out. Lift the weight together. If one person tries to do anything, he will get tired. Hence, friends, come and help so that the work can be completed easily.
Whenever people have worked together or unitedly, the ocean has made way for them. Mountains have bowed down before them. Like the soldiers in the army, we are also tough. If we want we can create paths in the mountains.
Hard work is our destiny. So, why fear hard work? Till yesterday we worked for others, from now on we’ll work for ourselves. Happiness and sadness are our companions. Truth is our destination and honesty is our path.
Drops of water together form a sea. A number of flowers joined together to form a garland. When even particles are as small as mustard seeds are accumulated in a place, it can look like a mountain. Similarly, if human beings join together and work unitedly, they can decide their fate. Their destiny will be in their hands. That is if people live and work together life would be heavenly. Any problem can be resolved easily. Nothing would be impossible.