KSEEB Solutions for Class 9 Hindi वल्लरी Chapter 17 रहीम के दोहे

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Karnataka State Syllabus Class 9 Hindi वल्लरी Chapter 17 रहीम के दोहे

रहीम के दोहे Questions and Answers, Summary, Notes

अभ्यास

I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए:

प्रश्न 1.
सुजान लोग संपत्ति क्यों संग्रह करते हैं?
उत्तर:
दूसरों के कल्याण के लिए सुजान लोग संपत्ति संग्रह करते हैं।

प्रश्न 2.
चंदन के पेड़ से कौन लिपटे रहता है?
उत्तर:
चंदन के पेड़ से भुजंग लिपटे रहते हैं।

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प्रश्न 3.
रहीम किसका तिरस्कार न करने के लिए कहते हैं?
उत्तर:
रहीम छोटे लोगों का तिरस्कार न करने के लिए कहते हैं।

प्रश्न 4.
कौन अपनी प्रशंसा नहीं करते हैं?
उत्तर:
बड़े लोग अपनी प्रशंसा नहीं करते हैं।

अधिक प्रश्नोत्तरः

प्रश्न 5.
अपने फल कौन नहीं खाते हैं?
उत्तर:
पेड़ अपने फल खुद नहीं खाते हैं।

प्रश्न 6.
कबीर सरोवर के बारे में क्या कहते हैं?
उत्तर:
कबीर सरोवर के बारे में कहते हैं कि सरोवर कभी भी अपना पानी खुद नहीं पीते।

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प्रश्न 7.
बुरी संगत का प्रभाव किस व्यक्ति पर नहीं पड़ता है?
उत्तर:
बुरी संगत का प्रभाव. उत्तम प्रकृति के व्यक्ति पर नहीं पड़ता है।

II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिएः

प्रश्न 1.
रहीम ने सज्जनों के बारे में क्या कहा है? सोदाहरण समझाइए।
उत्तर:
सज्जन लोग दूसरों के कल्याण के लिए धन का संग्रह करते हैं जैसे पेड़ अपना फल खुद नहीं खाता और सरोवर अपना पानी खुद नहीं पीता है।

प्रश्न 2.
रहीम ने भुजंग के उदाहरण से क्या बताया है?
उत्तर:
रहीम ने कहा है कि चंदन के पेड़ के चारों तरफ़ भुजंग लिपटे रहते है लेकिन फिर भी उनका विष चंदन में प्रवेश नहीं करता है। ठीक इसी तरह सज्जन लोगों पर बुरी संगत का असर नहीं पड़ता है।

प्रश्न 3.
छोटे लोगों के महत्व को रहीम ने कैसे व्यक्त किया है?
उत्तर:
छोटे लोगों का तिरस्कार नहीं करना चाहिए। वह भी काम आ सकते हैं। क्योंकि जहाँ सुई काम आती है, वहाँ तलवार क्या कर सकती है।

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प्रश्न 4.
हीरे के बड़प्पन को रहीम ने कैसे बताया है?
उत्तर:
हीरा अनमोल होता है। वह कभी नहीं कहता है कि मेरा मूल्य लाख मुद्राएँ हैं।

III. जोड़कर लिखिएः

1) तरुवर – अ) लाख टका मम मोल
2) चंदन पेड़ – आ) लघु न दीजिये डारि
3) देख बड़ेन को – इ) लिपटे रहत भुजंग
4) हीरा – ई) फल नहीं खात है
उत्तरः
1. ई;
2. इ;
3. आ;
4. अ

IV. अनुरूप शब्द लिखिएः

  1. तरु : पेड़ : : तलवार : __________
  2. दूध : क्षीर : : भुजंग : ___________
  3. मोल : दाम : : बोल : ___________
  4. काज : कार्य : : संपत्ति : __________

उत्तरः

  1. खड्ग;
  2. साँप;
  3. बातें;
  4. धन।

V. इन शब्दों के अलग-अलग अर्थ लिखिएः

  1. वर – ________
  2. सर – _________
  3. पर – __________
  4. जान – __________

उत्तरः

  1. वर – दुल्हा, देवता से कुछ माँगना
  2. सर – बाण, तालाब
  3. पर – पंख, परंतु
  4. जान – प्राण, जानकारी

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VI. तुकांत शब्द लिखिए:

  1. पान _________
  2. कुसंग _________
  3. डारि __________
  4. बोल _________

उत्तरः

  1. सुजान;
  2. भुजंग;
  3. तलवारि;
  4. मोल।

VII. इन शब्दों का उच्चारण लगभग समान हैं, किंतु अर्थ भिन्न हैं। इनके अर्थ नीचे दिए गए शब्दों में से चुनकर लिखिएः

(कंजूस, दिवस, यश, पवित्र, हवा, आशा, कटार, रचना, तिरस्कार, दरिद्र)

  1. पवन – ________
    पावन – _________
  2. दिन – _________
    दीन – _________
  3. अपेक्षा – _______
    उपेक्षा – _________
  4. कृपण – _________
    कृपाण – __________
  5. कीर्ति – _________
    कृति – ____________

उत्तरः

  1. पवन – हवा
    पावन – पवित्र
  2. दिन – दिवस
    दीन – दरिद्र
  3. अपेक्षा – आशा
    उपेक्षा – तिरस्कार
  4. कृपण – कंजूस
    कृपाण – कटार
  5. कीर्ति – यश
    कृति – रचना

VIII. चारों दोहों को कंठस्थ कीजिए।

1) तरुवर फल नहीं खात है, सरवर पियहि न पान ।
कहि रहीम परकाजहित, संपत्ति सँचहि सुजान ॥

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2) जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करी सकत कुसंग ।
चंदन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग ॥

3) रहिमन देख बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि ।
जहाँ काम आवै सुई, कहा करै तलवारि ॥

4) बड़े बड़ाई न करै, बड़े न बोलें बोल ।
रहिमन हीरा कब कहै, लाख टका मम मोल ॥

IX. ऊपर से नीचे रिक्त स्थानों को भरकर दी गई शब्द पहेली का हल कीजिए:

(सहायता के लिए संकेत दिए गए हैं)
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उत्तरः
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X. शुद्ध रूप लिखिएः

  1. रुवतर – _______
  2. गजंभु – _________
  3. वातरिल – _________
  4. प्रतिकृ – ___________
  5. कातहिजरप – __________

उत्तरः

  1. रुवतर – तरुवर।
  2. गजंभु – भुजंग
  3. वातरिल – तलवारि
  4. प्रतिकृ – प्रकृति
  5. कातहिजरप – परकाजहित

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रहीम के दोहे Summary in Hindi

रहीम के दोहे कवि परिचयः
रहीम का जन्म 17 दिसंबर 1556 को लाहौर में हुआ था। उनका पूरा नाम अब्दुर्रहीम खानखाना है। उनके पिता का नाम बैरमखान, माता का नाम सुल्ताना बेगम था। ‘रहीम सतसई’, ‘बरवै नायिका भेद’, ‘श्रृंगार सोरठा’ आदि इनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं। इनके काव्य में नीति, भक्ति, प्रेम, श्रृंगार का सुंदर समावेश हुआ है।

दोहे का आशयः
छात्र इन दोहों के द्वारा सज्जनों तथा महान् लोगों का स्वभाव, छोटे तथा साधारण वस्तुओं की विशेषता का परिचय पा सकते हैं।

दोहों का सारांश/भावार्थः

1) तरुवर फल नहीं खात है, सरवर पियहि न पान।
कहि रहीम परकाजहित, संपत्ति सँचहि सुजान ॥

रहीम के दोहे नीति, भक्ति, प्रेम, श्रृंगार का संदेश देते हैं। इन दोहों के द्वारा सज्जनों तथा महान लोगों का स्वभाव, छोटे तथा साधारण वस्तुओं की विशेषता का परिचय पा सकते हैं। रहीम कहते हैं कि जिस प्रकार पेड़ अपने फल खुद नहीं खाते और सरोवर अपना पानी स्वयं नहीं पीते, ठीक उसी तरह सज्जन लोग दूसरों के कल्याण के लिए ही धन का संग्रह करते हैं।

2) जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करी सकत कुसंग।
चंदन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग॥

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रहीम कहते हैं कि जो अच्छे स्वभाव के लोग होते हैं उन्हें बुरी संगत का असर नहीं होता है। जैसे चंदन के पेड़ से साँप के लिपटें रहने के बावजूद भी चंदन में उसका जहर नहीं प्रवेश कर सकता।

रहीम के दोहे Summary in Hindi

3) रहिमन देख बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि।
जहाँ काम आवै सुई, कहा करै तलवारि ॥

रहीम कहते हैं कि बड़े लोगों को देखकर छोटे और साधारण लोगों को छोड़ना नहीं चाहिए (तिरस्कार मत कीजिए), क्योंकि जहाँ सुई काम आती है, वहाँ तलवार क्या कर सकती है?

4) बड़े बड़ाई न करै, बड़े न बोलें बोल।
रहिमन हीरा कब कहै, लाख टका मम मोल ॥

रहीम कहते हैं कि बड़े लोग अपनी प्रशंसा स्वयं नहीं करते है और वे बड़बोले भी नहीं होते हैं। हीरा कब कहता है कि उसका मूल्य लाख मुद्राएँ हैं।

रहीम के दोहे Summary in Kannada

रहीम के दोहे Summary in Kannada 1

रहीम के दोहे Summary in Kannada 2

रहीम के दोहे Summary in English

Rahim says, just as a tree doesn’t eat its own fruit or a lake doesn’t drink its own water, similarly, good people accumulate wealth for the welfare of others.

Rahim says the bad company cannot spoil someone with excellent character. Just as there are snakes on a sandalwood tree, but the tree never becomes poisonous, similarly, a person who stays in a bad company doesn’t become worse.

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Rahim says that, even though a sword is much bigger than a needle when you need to use a needle, you cannot make do with a sword. Hence, it is important to respect all people in your life, be it rich or poor.

Great men don’t boast about their greatness, it is only when the occasion comes their greatness is shown; just like a diamond which never boasts about its worth but when it is cut everyone knows its worth!