Students can Download Hindi Lesson 6 चेरापूँजी से आया हूँ Questions and Answers, Summary, Notes Pdf, Activity, KSEEB Solutions for Class 9 Hindi helps you to revise the complete Karnataka State Board Syllabus and to clear all their doubts, score well in final exams.
Karnataka State Syllabus Class 9 Hindi वल्लरी Chapter 6 चेरापूँजी से आया हूँ
चेरापूँजी से आया हूँ Questions and Answers, Summary, Notes
अभ्यास
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिएः
प्रश्न 1.
किस राज्य को बादलों का घर कहते हैं?
उत्तर:
मेघालय को बादलों का घर कहते हैं।
प्रश्न 2.
जीप में लेखक के साथ और कौन बैठे हैं?
उत्तर:
जीप में लेखक के साथ राज्य के एक अधिकारी श्री संगमा और उनके दो दोस्त बैठे हैं।
प्रश्न 3.
मेघालय के तीन पर्वतीय अंचलों का नाम लिखिए।
उत्तर:
खासी पर्वत, गारो पर्वत और जयंतिया पर्वत तीन अंचल है।
प्रश्न 4.
मेघालय में हर कहीं कौन-सी पारिवारिक व्यवस्था है?
उत्तर:
मेघालय में मातृसत्तात्मक व्यवस्था है।
प्रश्न 5.
नोहशंगथियांग प्रपात किस नाम से लोकप्रिय है?
उत्तर:
‘मॉसमाई’ के नाम से प्रसिद्ध है।
प्रश्न 6.
गारो समूह को किस जाति का अंग माना जाता हैं?
उत्तर:
गारो समूह को बोडो जाति का अंग माना जाता हैं।
अधिक प्रश्नोत्तरः
प्रश्न 7.
मेघालय की राजधानी का नाम लिखिए।
उत्तर:
मेघालय की राजधानी शिलंग है।
प्रश्न 8.
चेरापूँजी शिलंग से कितने किलोमीटर की दूरी पर स्थित है?
उत्तर:
चेरापूँजी शिलंग से 53 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
प्रश्न 9.
मेघालय में खपत से भी ज्यादा किसका उत्पादन होता है?
उत्तर:
मेघालय में खपत से भी ज्यादा पनबिजली का उत्पादन होता है।
प्रश्न 10.
स्त्रियों द्वारा संचालित बाजार को मणिपुर में किस नाम से पुकारा जाता है?
उत्तर:
स्त्रियों द्वारा संचालित बाजार को मणिपुर में ‘माइती बाज़ार’ कहते हैं।
प्रश्न 11.
नोंगक्रेम किनका प्रमुख नृत्य है?
उत्तर:
नोंगक्रेम खासियों का प्रमुख नृत्य है।
II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए:
प्रश्न 1.
बिजली उत्पादन के बारे में संगमा ने क्या कहा?
उत्तर:
संगमा ने कहा, ‘आपको जानकर ताज्जुब होगा कि मेघालय में खपत से ज्यादा पनबिजली का उत्पादन होता है। हम अतिरिक्त बिजली अन्य राज्यों को दे देते हैं।
प्रश्न 2.
‘माइती बाज़ार’ के बारे में तीन वाक्य लिखिए।
उत्तर:
माइती बाज़ार का मतलब है माँ का बाज़ार। यह मणिपुर में है। यह पूरा का पूरा स्त्रियों का बाज़ार है। दिन भर सामान की बिक्री कर शाम को घर लौटती है। अमीर एवं गरीब घरों की महिलाएँ समान रूप से इस बाजार में मिल जाती है।
प्रश्न 3.
चेरापूँजी की विशेषता क्या है?
उत्तर:
चेरापूँजी समुद्र की सतह से तेरह सौ मीटर ऊपर है। यह विश्व में सबसे अधिक वर्षा वाले स्थान के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ साल भर वर्षा होती है।
प्रश्न 4.
मॉसमाई गाँव की गुफाएँ कैसी हैं?
उत्तर:
मॉसमाई गाँव की गुफाएँ इतनी अँधेरी है। कि मशाल या टॉर्च जलाए बिना उनमें प्रवेश नहीं कर सकते।
अधिक प्रश्नोत्तरः
प्रश्न 5.
शिलंग शहर के प्राकृतिक सौन्दर्य के बारे में लिखिए।
उत्तर:
शिलंग मेघालय की राजधानी है। यह एक हरा-भरा पर्वतीय नगर है। यहाँ हर वक्त बादल उमड़ते घुमड़ते रहते हैं। चारों तरफ हरियाली है। शिलंग जैसा खूबसूरत पर्वतीय नगर उत्तर भारत में कहीं भी नहीं है।
प्रश्न 6.
संगमा खासी, जयंतिया और गारो पहाड़ियों के लोगों की क्या विशेषताएँ बताते हैं?
उत्तर:
संगमा खासियों के बारे में कहते हैं कि उन्हें मेघालय में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। नोंगक्रेम खासियों का प्रमुख नृत्य है। गारो पर्वतों में छः लाख गारो रहते हैं। गारो समूह को बोडो जाति का अंग भी माना जाता है। जयंतिया पहाड़ियों के उत्सव को यहाँ बेहडेनखलाम कहा जाता है।
III. द्वित्व शब्दों को पाठ में से चुनकर लिखिएः
उदाः उमड़ते – घुमड़ते
- ऊँचा – _________
- रीति – _________
- कल-कल – _________
- अगल – _________
- ऊपर – _________
उत्तरः
- नीचा;
- रिवाज;
- छल-छल;
- बगल;
- नीचे।
IV. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
- मेघालय की राजधानी ___________ है।
- चेरापूँजी शिलंग से _____________ कि.मी. की दूरी पर है।
- मेघालय में हर कहीं पारिवारिक व्यवस्था _____________ है।
- चेरापूँजी समुद्र की सतह से कोई _____________ मीटर ऊपर है।
- खासियों को समाज में _____________ की दृष्टि से देखा जाता है।
उत्तरः
- शिलंग;
- 53;
- मातृसत्तात्मक;
- तेरह सौ;
- सम्मान।
V. जोड़कर लिखिएः
1) चेरापूँजी की सड़कें – अ) स्त्रियाँ सौदा बेचती हैं।
2) तमाम दुकानों पर – आ) खासी लोगों का प्रमुख नृत्य है।
3) चेरापूंजी में – इ) जयंतिया पहाड़ियों का उत्सव है।
4) नोंगक्रेम – ई) कुहरे से घिरी हुई हैं।
5) बेहडेनखलाम – उ) साल भर वर्षा होती रहती है।
उत्तरः
1. ई;
2. अ;
3. उ;
4. आ;
5. इ।
VI. ‘बे’ उपसर्ग जोड़कर विलोम शब्द बनाइए:
उदाः हिचक × बेहिचक
- रोकटोक × ________
- इज्जत × ________
- रहम × ________
- ईमान × ________
- कसूर × ________
- वफा × ________
- शक × ________
- ताज × ________
- सहारा × ________
- काबू × ________
उत्तरः
- रोकटोक × बेरोकटोक
- इज्जत × बेइज्जत
- रहम × बेरहम
- ईमान × बेईमान
- कसूर × बेकसूर
- वफा × बेवफ़ा
- शक × बेशक
- ताज × बेताज
- सहारा × बेसहारा
- काबू × बेकाबू
VII. अब आपको किसी यात्रा पर जाना है। सोच-समझकर आप इन वाक्यों को एक क्रम से लिखिए:
- होटल से संपर्क कर कमरा निर्धारित करना।
- छुट्टी लेना।
- कपड़े, सामान बाँध लेना।
- यात्रा स्थल को चुनना।
- बस या रेल में आरक्षण की व्यवस्था कर लेना।
उत्तरः
- यात्रा स्थल को चुनना।
- छुट्टी लेना।
- बस या रेल में आरक्षण की व्यवस्था कर लेना।
- होटल से संपर्क कर कमरा निर्धारित करना।
- कपड़े, सामान बाँध लेना।
VIII. चेरापूंजी में साल भर वर्षा होती रहती है। ‘वर्षा’ प्रकृति की अनुपम भेंट है। इसी प्रकार प्रकृति के कुछ अन्य लाभों की सूची बनाइए।
उत्तरः
- वायु
- जंगल
- जीव-जन्तु
- सूर्य/सौर ऊर्जा
- जल
IX. संकेत-बिंदुओं के आधार पर अपनी किसी यात्रा का वर्णन कीजिए:
प्रश्न 1.
कहाँ गये थे? __________
उत्तर:
नैनीताल।
प्रश्न 2.
किसके साथ गये थे? __________
उत्तर:
परिवार।
प्रश्न 3.
कब गये थे? ___________
उत्तर:
अप्रैल में।
प्रश्न 4.
कैसे गये थे? ___________
उत्तर:
रेलगाड़ी और बस।
प्रश्न 5.
उस स्थान में क्या-क्या देखा? __________
उत्तर:
झील, पहाड़िया, झरने।
प्रश्न 6.
कोई विशेष अनुभव (एक/दो वाक्य) __________
उत्तर:
नैनीताल झीलों का शहर है। हम नैनी झील और उसके आसपास की पहाड़ियों पर खूब घूमे।
X. चेरापूंजी में साल-भर वर्षा होती रहती है। इसे ‘अतिवृष्टि’ कहते हैं। इसी प्रकार कहीं-कहीं पर वर्षा ऋतु में भी वर्षा नहीं होती। इसे अनावृष्टि कहते हैं। कक्षा में चर्चा करके इन दोनों से होनेवाली हानियों को लिखिए।
उत्तर:
अतिवृष्टि | अनावृष्टि |
1. खेती नष्ट हो जाती है। | 1. खेती नहीं होती है। |
2. यातायात में दिक्कत आती है। | 2. सूखा पड़ जाता है। |
3. बाढ़ आती है। इससे जन-धन की हानि होती है। | 3. जन-धन की हानि होती है। |
XI. चुटकुला :
एक आदमी सड़क पर जा रहा था। तभी वर्षा होने लगी। रुकने के । बजाय घर जल्दी पहुँचने की आशा में वह चलता ही रहा। कुछ दूर चलने पर पैर फिसल जाने के कारण गिर गया। उसी समय आकाश में बिजली चमकी। वह आदमी बड़बड़ाया “हे भगवान! तुम भी अच्छा मज़ाक कर लेते हो। पहले तो मुझे कीचड़ में गिरा दिया और फिर ऊपर से फोटो भी खींच लिया।” इसी प्रकार ‘वर्षा’ से संबंधित और कुछ चुटकुलें संग्रहित कीजिए।
XII. अनुरूपताः
- कर्नाटक : बेंगलूरु : : मेघालय : _________
- राजस्थान : रेत का प्रदेश : : मेघालय : _________
- मणिपुर : इम्फाल : : बाँग्लादेश : __________
- नोंगक्रेम : नृत्य : : बेहडेनखलाम : __________
उत्तरः
- शिलंग;
- बादलों का प्रदेश;
- ढाका;
- उत्सव।
भाषा ज्ञान
संधि
दो वर्गों के मेल से उनके मूल रूप में जो परिवर्तन या विकार आ जाता है, वह ‘संधि’ कहलाता है।
स्वर संधिः दो स्वरों के मेल से होनेवाले परिवर्तन को ‘स्वर संधि’ कहते हैं।
1) दीर्घ संधि : जब दो सवर्ण स्वर मिलकर उसी वर्ण का दीर्घ स्वर बनता है, उसे दीर्घ संधि कहते हैं। जैसे-
- अ + अ = आ → समय + अभाव = समयाभाव
- अ + आ = आ → हिम + आलय = हिमालय
- आ + अ = आ → यथा + अर्थ = यथार्थ
- आ + आ = आ → विद्या + आलय = विद्यालय
- इ + इ = ई → कवि + इंद्र = कवींद्र
- इ + ई = ई → परि + ईक्षा = परीक्षा
- ई + इ = ई → मही + इंद्र = महींद्र
- ई + ई = ई → रजनी + ईश = रजनीश
- उ + उ = ऊ → लघु + उत्तर = लघूत्तर
- ऊ + उ = ऊ → भू + ऊर्ध्व = भूर्ध्व
2) गुण संधि : जब ‘अ’, ‘आ’ के सामने ‘इ, ई’, ‘उ, ऊ’ और ‘ऋ’ आते हैं तब क्रमशः ‘ए’, ‘ओ’ और ‘अर्’ आते हैं, यह गुण संधि है।
- अ + इ = ए → वीर + इंद्र = वीरेंद्र
- आ + इ = ए → महा + इंद्र = महेंद्र
- अ + ई = ए → गण + ईश = गणेश
- आ + ई = ए → लंका + ईश = लंकेश
- अ + उ = ओ → हित + उपदेश = हितोपदेश
- आ + उ = ओ → महा + उन्नत = महोन्नत
- अ + ऊ = ओ → हृदय + ऊर्मि = हदयोर्मि
- आ + ऊ = ओ → महा + ऊर्मि = महोर्मि
- अ + ऋ = अर → सप्त + ऋषि = सप्तर्षि
- आ+ ऋ = ओ → राजा + ऋषि = राजर्षि
3) वृद्धि संधि : जब ‘अ’, ‘आ’ के सामने ‘ए’, ‘ऐ’, ‘ओ’, ‘औ’ आते हैं तो क्रमशः ‘ऐ’ और ‘औ’ बनते हैं।
- अ + ए = ऐ → एक + एक = एकैक
- आ + ए = ऐ → सदा + एव = सदैव
- अ + ऐ = ऐ → धन + ऐश्वर्य = धनैश्वर्य
- आ + ऐ = ऐ → महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य
- अ + ओ = औ → परम + ओषध = परमौषध
- आ + ओ = औ → महा + ओषध = महौषध
- अ + औ = औ → वन + औषध = वनौषध
- आ + औ = औ → महा + औदार्य = महौदार्य
4) यण संधि : जब ‘इ’, ‘ई’, ‘उ’, ‘ऊ’ और ‘ऋ’ के सामने सवर्णों को छोड़कर दूसरे स्वर आते हैं तो क्रमशः ‘य’, ‘व’ और ‘र’ बनते हैं।
- इ + अ = य → यदि + अपि = यदयपि
- इ + आ = य → इति + आदि = इत्यादि
- ई + अ = य → नदी + अर्पण = नद्यर्पण
- ई + आ = य → देवी + आगमन = देव्यागमन
- उ + अ = व → अनु + अय = अन्वय
- उ + आ = व → सु + आगत = स्वागत
- ऋ + अर = र → पितृ + अनुमति = पित्रनुमति
- ऋ+ आ = र → मातृ + आनंद = मात्रानंद
5) अयादि संधि : जब ‘ए’, ‘ऐ’, ‘ओ’, ‘औ’ के सामने कोई भिन्न स्वर आते हैं तब क्रमशः ‘अय्’, ‘आय’, ‘अव्’, ‘आव्’ बनते हैं।
- ऐ + अ = अय → ने + अन = नयन
- ऐ + अ = अय → नै + अक = नायक
- ओ + अ = अव → भो + अन = भवन
- ओ + इ = अव् → पो + इत्र = पवित्र
- औ + अ = अव् → पौ + अक = पावक
- औ + उ = अवु → भौ + उक = भावुक
I. संधि-विच्छेद कीजिए और संधि का नाम लिखिए:
- देहांत = _______
- स्वेच्छा = _________
- अत्यधिक = ___________
- महोन्नत = __________
- वीरांगना = ___________
- नायिका = __________
उत्तरः
- देहांत = देह + अंत = दीर्घ संधि
- स्वेच्छा = स्व + इच्छा = गुण संधि
- अत्यधिक = अति + अधिक = यण संधि
- महोन्नत = महा + उन्नत = गुण संधि
- वीरांगना = वीर + अंगना = दीर्घ संधि
- नायिका = नै + इका = अयादि संधि
II. संधि कीजिए:
- मत + अनुसार = __________
- मुनि + इंद्र = __________
- गुरु + उपदेश = __________
- वीर + उचित = __________
- लोक + उपकार = __________
- महा + उदय = __________
- महा + ऋषि = __________
- सदा + एव = __________
- लोक + ऐश्वर्य = __________
- शे + अन = __________
उत्तरः
- मत + अनुसार = मतानुसार
- मुनि + इंद्र = मुनीन्द्र
- गुरु + उपदेश = गुरूपदेश
- वीर + उचित = वीरोचित
- लोक + उपकार = लोकोपकार
- महा + उदय = महोदय
- महा + ऋषि = महर्षि
- सदा + एव = सदैव
- लोक + ऐश्वर्य = लोकेश्वर्य
- शे + अन = शयन
III. उदाहरण के अनुसार लिखिएः
उदाः देव + आलय = देवालय
- गोल + ___________ = गोलाकार
- __________ + अनुभूति = सहानुभूति
- रजनी + ____________ = रजनीश
- ___________ + आगत = स्वागत
- अति + ____________ = अत्यंत
- अनु + अय = __________
- ___________ + अन = भवन
- ___________ + आज्ञा = पित्राज्ञा
- पौ + ____________ = पावक
उत्तरः
- आकार;
- सह;
- ईश;
- सु;
- अंत;
- अन्वय;
- भो;
- पित्र;
- अक।
चेरापूँजी से आया हूँ Summary in Hindi
चेरापूँजी से आया हूँ लेखक परिचयः
प्रदीप पंत जी का जन्म लखनऊ के हलद्वानी, उत्तराखंड में 24 अप्रैल 1941 को हुआ। पंत जी के अब तक छः उपन्यास प्रकाशित हुए हैं। पंत जी की कन्नड में अनूदित कहानियों का संकलन ‘न्याया मत्तु इतर कथेगलु’ शीर्षक से प्रकाशित है। पंत जी के देश-विदेश के यात्रा-संस्मरणों के चार संकलन हैं।
पंडित जवाहरलाल नेहरू पर उत्कृष्ट लेखन के लिए पंत जी को ‘जर्नलिस्ट्स वेलफेयर फाऊंडेशन’ का यूरोप-भ्रमण पुरस्कार, उत्तरप्रदेश हिंदी संस्थान का ‘प्रेमचंद अनुशंसा पुरस्कार’, हिंदी अकादमी द्वारा दो बार ‘साहित्यिक कृति पुरस्कार’ प्राप्त हैं। ‘साहित्यकार सम्मान’, उत्कृष्ट व्यंग्य लेखन के लिए हिंदी भवन, नई दिल्ली का ‘व्यंग्यश्री सम्मान’ भी प्राप्त हुए हैं।
पाठ का आशयः
यात्रा से प्रादेशिक ज्ञान प्राप्त होता है। लोगों के रहन-सहन, प्राकृतिक दृश्यों का सौंदर्य आदि का प्रत्यक्ष अनुभव मिलता है। इस पाठ द्वारा छात्र चेरापूँजी का परिचय प्राप्त कर सकते हैं।
सारांशः
चेरापूँजी मेघालय में स्थित है। मेघालय प्रकृति की गोद में बसा हुआ छोटा सा राज्य है जिसका अर्थ ही होता है बादलों का घेरा। शिलंग मेघालय की राजधानी है। यह स्वच्छ, सुंदर पर्वतीय नगर है। शिलंग 53 किलोमीटर दूर विश्व की सर्वाधिक बारीश वाली जगह चेरापूँजी स्थित है। लेखक एक जीप में राज्य के एक अधिकारी श्री संगमा और उनके दो दोस्तों के साथ चेरापूँजी देखने निकले हैं। वे रास्ते में श्री संगमा से बातें करते जाते हैं। वे बताते हैं, मेघालय में जरूरत से ज्यादा पनबिजली का निर्माण होता है।
अतिरिक्त बिजली अन्य राज्यों को दी जाती है। मेघालय तीन पर्वतीय अंचलों खासी पर्वत, गारो पर्वत और जयंतिया पर्वत में बँटा है। कुल पाँच जिले है। हर अंचल की अलग संस्कृति, रीति-रिवाज, पर्व उत्सव है। यहाँ मातृसत्तात्मक व्यवस्था है। स्त्री का वर्चस्व है। मणिपुर में भी स्त्रियों का बाजार ‘माइती बाज़ार’ है। किसी प्रकार का वर्ग भेद नहीं। अमीर और गरीब परिवार की महिलाएँ इस बाजार में मिलेगी। पूर्वोत्तर में महिलाएँ सक्षम और आत्मनिर्भर है।
संगमा ने जीप रुकवा दी। सामने नोहशंगथियांग प्रपात जिसे ‘मॉसमाई’ प्रपात भी कहते है, दिखाई पड़ रहा था। सैकड़ों फुट ऊपर से पानी गिर रहा था। यहाँ मौसम पल-पल बदलता रहता है। कभी धूप तो कभी बारीश। यही चेरापूंजी हैं। यहाँ साल-भर वर्षा होती रहती है। यह जमीन से तेरह सौ मीटर ऊपर स्थित है। लेखक कलकल-छलछल करते प्रपात को निहारते हैं। यहाँ वर्षा, धूप, कोहरे की लुका-छिपी का खेल चलता रहता हैं।
लेखक जीप में बैठकर लौटते हैं। संगमा रास्ते में खासी, गारो, जयंतिया लोगों के बारे में बताते हैं। वे कहते हैं, यहाँ खासियों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। करीब छः लाख लोग गारों पर्वत में रहते हैं। ‘नोंगक्रेम’ गारो समूह का प्रमुख नृत्य है। ‘बेहडेनखलाम’ जयंतिया पहाड़ियों का उत्सव है।
आगे चलकर जीप रुकती है। एक गोलाकार विशाल पत्थर को संगमा ‘प्राकृतिक शिवलिंग’ बताते हैं। मॉसमाई गाँव की गुफाएँ आश्चर्यजनक हैं। बिना मशाल जलाएं इनकों भीतर से नहीं देख सकते। सदियों से ये गुफाएं इसी तरह है। लेखक कुछ दूर जाकर लौट आते हैं।
चेरापूँजी से आया हूँ Summary in Kannada
चेरापूँजी से आया हूँ Summary in English
One can gain knowledge of different regions by going on a trip. We can get first-hand knowledge of ways of living of the people as well as the beauty of the natural scenery. Different ways of life and scenery can be seen by travelling. Students get to know about Cherrapunji, a high-altitude town in the northeast Indian state of Meghalaya, through this lesson.
Meghalaya means the house of clouds. Shillong is the capital of Meghalaya where one can see clouds moving all the time. There is no other city in North India as beautiful and clean as Shillong. Probably such greenery can hardly be seen anywhere else. The road from Shillong to Cherrapunji has mountains and trees on either side. As one travels one can see clouds, one can experience the cool breeze and see occasional raindrops.
The writer was going from Shillong to Cherrapunji by jeep which was 53 kilometres away. He was accompanied by an official of the State Mr Sangma and his two friends. The writer asked Sangma whether it rained throughout the year. Sangma replied in the affirmative and added that the writer would be surprised to know that Meghalaya produced more electricity than required. He also said that the surplus power is sold to other States.
The writer and others moved forward beholding the beauty of the hills. On the other side of the road, the hills were covered with fog. Meghalaya has three distinct regions – Khasi Hills, Garo Hills and Jaintia hills. Five districts have been created out of these three regions. Every region has its own culture, customs and festivals. But the family system is matriarchal in all the districts. Land, wealth and property are all inherited by the daughter from her mother.
Women are powerful here. One can realise this as soon as one enters the borders of Meghalaya from Guwahati. All the shops are run by women. Even in Shillong, one can see them sitting in shops. This is seen even in other north-eastern states even though the matriarchal family system does not exist there. The writer had seen women managing shops even in Imphal, the capital of Manipur, some years ago. Here there is an all-women market known as Maayiti Bazaar which means mother’s market. They sell goods during the day and return home in the evening. There is no class distinction of any sort. There are women of rich families as well as poor families doing business in Maayiti Bazaar.
As they take a turn they see the little market of Cherrapunji. Here also women are seen managing the shops, whether selling fruits and vegetables or tea. The writer and others go ahead in their jeep. Sangma stopped the jeep after they had moved a short distance. All of them got down. In front of them was Nohsngithiang Falls which is popular by the name ‘Mawsmai’ Falls. Here waterfalls rapidly from a height of over a thousand feet. One of them pointed out in front and said that that was Bangladesh. When they had got down from the jeep there was mild heat but in a short time clouds had covered the sky and it began to drizzle. The writer repeated his question to Sangma whether it rained throughout the year. Mr Sangma replied smilingly that it was Cherrapunji.
Cherrapunji is located over one thousand three hundred metres above sea level. It is considered to be the wettest place in the world. On their return journey, Sangma spoke about the Khasi, Garo and Jaintia tribes. He said that the Khasis are respected there. The Garo Hills is the home of approximately six lakh Garo people. It is said that the Garo tribe is a part of the Bodo community. Nongkrem dance is the popular dance of the Khasis. Behdienkhlam is the most popular festival of the Jaintia tribe.
They moved ahead for some distance before stopping once again. Nearby they saw a huge round stone. Sangma told them that it was a natural Shivalingam, which was a wonder of nature. Even the caves of Mawsmai village are a wonder. The caves are so dark that one cannot enter it without a burning torch. They lit a torch and entered the caves. There were rocks on all sides. These caves have been in the same condition for hundreds of years and they stretch a long distance. After walking some distance they returned, feeling as though they were returning back from some wonderland.