Students can Download Hindi Lesson 8 भीम और राक्षस Questions and Answers, Summary, Notes Pdf, Activity, KSEEB Solutions for Class 9 Hindi helps you to revise the complete Karnataka State Board Syllabus and to clear all their doubts, score well in final exams.
Karnataka State Syllabus Class 9 Hindi वल्लरी Chapter 8 भीम और राक्षस
भीम और राक्षस Questions and Answers, Summary, Notes
अभ्यास
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए:
प्रश्न 1.
बकासुर कहाँ रहता था?
उत्तर:
एकचक्र नगरी के जंगल में किले जैसे मकान में बकासुर रहता था।
प्रश्न 2.
भीम कौन था?
उत्तर:
भीम कुन्ती का बेटा था।
प्रश्न 3.
राक्षस का नाम क्या था?
उत्तर:
राक्षस का नाम बकासुर था।
प्रश्न 4.
भीम ने बकासुर की लाश को कहाँ रखने के लिए कहा?
उत्तर:
भीम ने बकासुर की लाश को नगरी के दरवाजे पर रखने के लिए कहा।
प्रश्न 5.
कुंती के कितने बेटे थे?
उत्तर:
कुंती के पाँच बेटे थे।
प्रश्न 6.
‘भीम और राक्षस’ एकांकी के लेखक कौन हैं?
उत्तर:
‘भीम और राक्षस’ एकांकी के लेखक हैं विष्णु प्रभाकर।
अधिक प्रश्नोत्तरः
प्रश्न 7.
नगर के सभी लोगों ने मिलकर बकासुर के खाने के लिए क्या बाँध ली थी?
उत्तर:
नगर के सभी लोगों ने मिलकर बकासुर के खाने के लिए बारी बाँध ली थी।
प्रश्न 8.
बकासुर किसकी तरह मर गया?
उत्तर:
बकासुर चींटी की तरह मर गया।
प्रश्न 9.
ब्राह्मण के अनुसार किसे अपने दुख से दुखी नहीं करना चाहिए?
उत्तर:
अतिथि को अपने दुःख से दुःखी नहीं करना चाहिए।
प्रश्न 10.
ब्राह्मण और उनका परिवार किस नगर में बसा हुआ था?
उत्तर:
ब्राह्मण और उनका परिवार एकचक्र नगरी में बसा हुआ था।
प्रश्न 11.
एकचक्र नगरी का राजा कैसा था?
उत्तर:
एकचक्र नगरी का राजा बड़ा दुर्बल था।
II. दो या तीन वाक्यों में उत्तर लिखिएः
प्रश्न 1.
ब्राह्मण के घर में सब लोग क्यों रो रहे थे?
उत्तर:
बकासुर नगर के सब लोगों की रक्षा करता था। बदले में रोज़ लोगों से एक गाड़ी अन्न, दो भैंसे और एक मनुष्य लेता था। लोगों ने मिलकर इसकी बारी बाँध रखी थी। इस बार ब्राह्मण के परिवार की बारी आयी थी। घर में किसी एक मनुष्य को जाना था। इसलिए घर में सब रो रहे थे।
प्रश्न 2.
बकासुर क्या काम करता था और उसके बदले में वह क्या लेता था?
उत्तर:
बकासुर एकचक्र नगरी के लोगों की रक्षा करता था। उसके बदले में रोज़ वह लोगों से एक गाड़ी अन्न, दो भैंसे और एक मनुष्य लेता था।
अधिक प्रश्नोत्तरः
प्रश्न 3.
भीम बकासुर के सिपाहियों से क्या कहता है?
उत्तर:
भीम कहता है – खबरदार, जो अब शरारत की। रहना हो तो रहो, पर गाँववालों को तंग मत करना, समझे? जाओ, भाग जाओ। इस लाश को उठाकर नगरी के दरवाजे पर रख दो, जिसे सब गाँववाले देख ले।
प्रश्न 4.
कुन्ती ने ब्राह्मण के परिवार को कैसे सांत्वना दी?
उत्तर:
कुन्ती को ब्राह्मण परिवार के लोगों का कष्ट मालुम हुआ। उन्होंने सांत्वना दी – “तुम चिंता मत करो। कल तुम में से कोई नहीं जाएगा। मेरे पाँच बेटे है। उनमें यह (भीम को दिखाकर) बेटा बकासुर के पास जाएगा।’
III. रिक्त स्थान भरिए:
- तुम चले गये तो घर का ___________ ही चला जाएगा।
- तुम ___________ बुझा रहे हो।
- ___________ को अपने दुख से दुखी नहीं करना चाहिए।
- मैं अभी तुझे __________ पिलाता हूँ।
- अभी तेरे दो __________ किये देता हूँ।
उत्तरः
- सहारा;
- पहेलियाँ;
- अतिथि;
- पानी;
- टुकड़े।
IV. विलोम शब्द लिखिए:
रोना, अपराध, भक्षक, पास, शुद्ध, वीर।
उत्तरः
- रोना × हँसना
- अपराध × निरपराध
- भक्षक × रक्षक
- पास × दूर
- शुद्ध × अशुद्ध
- वीर × कायर
V. जोड़कर लिखिएः
अ – आ
1) बक – अ) लड़ना
2) भीम – आ) का घर
3) युद्ध – इ) कुंती का पुत्र
4) ब्राह्मण – ई) राक्षस
उत्तरः
1. ई;
2. इ;
3. अ;
4. आ।
VI. अन्यलिंग शब्द लिखिए:
ब्राह्मण, बेटा, अकेला, पुतला।
उत्तरः
- ब्राह्मण – ब्राह्मणी
- बेटा – बेटी
- अकेला – अकेली
- पुतला – पुतली
VII. ‘भीम’ पाँच पांडवों में से एक है। बाकी चार पांडवों के नाम लिखिएः
- ________
- ________
- _________
- _________
उत्तरः
- युधिष्ठिर
- अर्जुन
- नकुल
- सहदेव
इसी प्रकार जानियेः
- पाँच तत्व – पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, आकाश।
- पाँच इंद्रिय – आँख, कान, नाक, जीभ, त्वचा (स्पर्श)।
- पाँच अमृत – दूध, दही, घी, शक्कर, शहद।
VIII. इन वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखिएः
उदाः
- जो बलहीन हो – दुर्बल
- जिसके आने की कोई तिथि न हो – _________
- जो रक्षा करता हो – __________
- जिसके मन में दया न हो – __________
- जो शोक न करता हो – ___________
- जो भारत में रहता हो – ___________
- गोद लिया हुआ – ____________
उत्तरः
- दुर्बल
- अतिथि;
- रक्षक;
- निर्दयी;
- अशोक;
- भारतीय;
- दत्तक।
IX. कन्नड़ में अनुवाद कीजिए:
X. अनुरूपताः
- सहदेव : माद्रि का बेटा : : भीम : __________
- भीम : मानव : : बकासुर : ___________
- अर्धनारीश्वर : उपन्यास : : आवारा मसीहा : ___________
- भाग्य फूटना : बुरा होना : : पाठ पढ़ाना : ___________
उत्तरः
- कुंती का बेटा;
- राक्षस;
- जीवनी;
- सबक सिखाना।
भाषा ज्ञान
‘संबंधबोधक अव्ययः
मकान के पास कुछ बोरे पड़े हैं।
चींटी की तरह मर गया।
उपर्युक्त वाक्यों में के पास और की तरह शब्द मकान एवं चींटी शब्दों का वाक्य के अन्य शब्दों के साथ संबन्ध सूचित कर रहे हैं।
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के साथ आकर उनका संबंध वाक्य के दूसरे शब्दों के साथ जोड़ते हैं, वे ‘संबंधबोधक’ कहलाते हैं।
संबंधबोधक के निम्नलिखित दस भेद हैं:
- समतावाचक – की भाँति, के बराबर, के समान, की तरह आदि।
- विरोधवाचक – के विपरीत, के विरुद्ध, के खिलाफ आदि।
- स्थानवाचक – के पास, से दूर, के नीचे, के भीतर आदि।
- दिशावाचक – की ओर, के आस-पास, के सामने आदि।
- तुलनावाचक – की तरह, की अपेक्षा आदि।
- हेतुवाचक – के कारण, के लिए, की खातिर आदि।
- कालवाचक – से पहले, के बाद, के पश्चात् आदि।
- पृथक्वाचक – से अलग, से दूर, से हटकर आदि।
- साधनवाचक – के द्वारा, के माध्यम, के सहारे आदि।
- संगवाचक – के साथ, के संग, समेत आदि।
I. निम्नलिखित वाक्यों में से संबंधबोधक शब्द छाँटकर लिखिए:
- मुझे अंगूर की अपेक्षा खजूर पसंद है। _________
- पड़ोसी के घर के बाहर भीड़ लगी है। _________
- नदी के किनारे साधु की कुटिया थी। ___________
- गायों के संग कृष्ण वन में जाते थे। __________
- अन्याय के विरुद्ध जनता ने आंदोलन किया। ___________
उत्तर:
- की अपेक्षा;
- के बाहर;
- के किनारे;
- के संग;
- के विरुद्ध।
II. रिक्त स्थानों में उचित संबंधबोधक भरिएः
उदाः रस्सी के ऊपर कपड़े सूख रहे हैं।
- पैसों __________ भिखारी तरस रहा था।
- कुएँ ____________ मेंढ़क उछल रहा है।
- मुकेश __________ कोई चला आ रहा है।
- चोर, पुलिस __________ पकड़ा गया।
- पेड़ ___________ फल पड़ा है।
उत्तरः
- के लिए;
- में;
- की तरह;
- के द्वारा;
- के नीचे।
III. निम्नलिखित संबंधबोधक शब्दों का प्रयोग वाक्यों में कीजिए:
- की तरह
- से दूर
- के कारण
- के समान
- के साथ
उत्तरः
- राकेश की तरह मै भी डाक्टर हूँ।
- मैसूरु बैंगलूरु से दूर है।
- बारिश के कारण स्कूल पहुंचने में विलंब हुआ।
- बच्चे भगवान के समान होते हैं।
- आम के साथ अमरुद भी खरीद लिया।
IV. इन वाक्यों को पढ़कर संबंधबोधक शब्दों को रेखांकित कर भेदों के नाम लिखिएः
- राधा अपने पिता के संग चल रही थी। _________
- चिड़िया पेड़ के ऊपर बैठी है। __________
- अन्याय के विरुद्ध हमें लड़ना है। ___________
- मुझे माँ के खातिर खाना पड़ेगा। __________
- शिक्षा के माध्यम से हमें ज्ञान बाँटना है। __________
उत्तरः
- संगवाचक;
- साधनवाचक;
- विरोधवाचक;
- हेतुवाचक;
- साधनवाचक।
भीम और राक्षस Summary in Hindi
भीम और राक्षस लेखक का परिचयः
प्रसिद्ध रेडियो नाटककार श्री विष्णु प्रभाकर (1912-2009) का जन्म मीरापुर जिले के मुजफ्फरनगर, उत्तरप्रदेश में हुआ था। आपके प्रसिद्ध एकांकी संग्रह है – ‘प्रकाश और परछाइयाँ’, ‘ऊँचा पर्वत’, ‘गहरा सागर’, ‘माँ का बेटा’, ‘इन्सान और अन्य एकांकी’, ‘अशोक तथा अन्य एकांकी’, ‘माँ-बाप’ आदि। सोवियट लैण्ड पुरस्कार से सम्मानित आपने साठ से अधिक पुस्तकों के एवं अनेक पत्र-पत्रिकाओं के संपादन में भी योगदान दिया है। ‘आवारा मसीहा’ आपकी प्रसिद्ध जीवनी है। आपके उपन्यास हैं – ‘अर्धनारीश्वर’ (केंद्र साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत), ‘तट के बंधन’, ‘निशिकांत’ ‘स्वप्नमयी व दादा की कचहरी’। कहानी संग्रह हैं – ‘धरती अब भी घूम रही है’, ‘मेरी प्रिय कहानियाँ’, ‘संघर्ष के बाद’, ‘आदि और अंत’।
पाठ का आशयः
यह एक पौराणिक एकांकी है। यह ‘महाभारत’ की कथा का अंश भाग है। भीम के द्वारा बकासुर का वध – इस एकांकी का कथा-सार है। दानवता पर मानवता की जीत और अच्छाई के सामने बुराई की हार इस एकांकी का संदेश है।
कथा-सारः एकचक्र नगरी में स्वयं घोषित राजा बकासुर वहाँ के लोगों को बहुत तंग करता था। रोज़ एक गाड़ी अन्न, दो भैंसे, एक मनुष्य आहार के रूप शहर के लोगों ने बकासुर के लिए पहुँचाना था। अब बारी एक ब्राह्मण परिवार का था। तब कुन्ती उनके घर में थी। अपने पुत्र भीम को बकासुर के पास भेजा। भीम महा बलशाली था। उसने बकासुर का वध किया। एकचक्र नगरी के लोगों की सुरक्षा की। भीम के कारण से एकचक्र नगरी के लोगों की समस्या हल हुई। यही इस एकांकी का मुख्य अंश है।
सारांशः
पात्र परिचय :
- ब्राह्मण – घर का मालिक
- ब्राह्मणी – ब्राह्मण की पत्नी
- कुंती – भीम की माता
- भीम – कुंती का पुत्र
- बकासुर – राक्षस
एकचक्र नगरी का राजा बड़ा दुर्बल था। वह सिर्फ गद्दी पर बैठना चाहता था। उसको दबाकर बकासुर असली राजा बन बैठा था। वही लोगों की रक्षा करता था। उसके बदले में लोगों से रोज एक गाड़ी अन्न, दो भैंसे और एक मनुष्य लेता था। नगर के सब लोगों ने मिलकर बारी बाँध ली थी। जब जिसकी बारी आती थी, तब वही यह सब सामान भेजता था।
ऐसी बारी में एक दिन एकचक्र नगरी के एक ब्राह्मण परिवार की बारी आयी। परिवार के सब लोग बहुत चिंतित थे। उसी परिवार के साथ कुन्ती अपने पाँचों बेटों के साथ रहती थी।
ब्राह्मण परिवार में ब्राह्मण, ब्राह्मणी, उनकी बड़ी बेटी और बच्चे थे। बकासुर को आहार ले जाने की बारी अब इस ब्राह्मण परिवार की आयी तो ब्राह्मणी खुद जाने के लिए तैयार हो गयी। तब बड़ी बेटी ने कहा, माँ! न तुम जाओगी और न पिताजी को जाने दूँगी, मैं जाऊँगी। ब्राह्मण इससे बहुत दुखी हुआ। कुन्ती, जो उनके घर में मेहमान के रूप में रहती थी, परिवार के लोगों की समस्या के बारे में पूछ-ताछ की। ब्राह्मण ने सारी कहानी सुनायी। यह भी कहा कि हम एकचक्र नगरी छोड़कर जाना चाहते थे लेकिन मेरे पति इस नगरी को छोड़कर जाने को तैयार नहीं हुये।
उनकी समस्या सुनकर कुन्ती ने उनको सांत्वना दी और कहा कि अपने पाँच बेटो में से एक बड़े वीर भीम को बकासुर के पास भेजेगी। पहले ब्राह्मण परिवार के लोग इसके लिए तैयार नहीं हुए। बाद में कुन्ती के समझाने पर मान गये।
अगले दिन भीम एक गाड़ी, दो भैंस लेकर जंगल में रहनेवाले बकासुर के किले जैसे मकान में गया। भीम जोर से अट्टहास करते हुए सारा भोजन खुद खाने लगा। बकासुर मकान से बाहर आकर भीम को देखकर आश्चर्य में पड़ गया। वह चिल्लाते हुए भीम को डराने लगा, उसे गाली भी देने लगा। लेकिन भीम डरा नहीं। अट्टहास करता ही रहा। बाद में बकासुर गाली देकर भीम पर आक्रमण करने लगा।
दोनों भयंकर कुस्ती लड़ने लगे। भीम बकासुर के गले को पकड़कर दबाने लगा। बकासुर चीखने लगा। भीम ने बकासुर को जोर से मारा। फिर भीम ने बकासुर को धरती पर पटका दिया। उसके शरीर को चीटा। एक भयंकर चीख के साथ राक्षस मर गया।
बाद में भीम ने बकासुर के सिपाही से कहा – खबरदार, जो अब शरारत की। रहना हो तो रहो, पर गाँववालों को तंग मत करना ….. लाश को उठाकर नगरी के दरवाजे पर रख दो, जिससे सब गाँववाले देख लें। सिपाही डरते-डरते लाश को उठा ले गये। भीम उनके पीछे गया।
भीम और राक्षस Summary in Kannada
मुहावरें:
- पानी पिलाना – सबक सिखाना
- हिम्मत न हारना – अटल रहना
- भाग्य फूटना – बुरा होना
- आग बबूला होना – क्रोधित होना
- रो-पीटना – दुख से समय काटना
भीम और राक्षस Summary in English
The story is set during the period when the Pandavas were in exile along with their mother Kunti. They were passing through a beautiful place called Ekachakra. There a brahmin provided them shelter at his home. He had a wife and two children – a girl and a boy.
One day Bheema was at home with his mother. The others had gone out. Suddenly they heard the sound of weeping from inside the house. They listened and found that the brahmin, who had given them shelter, was talking to his wife, and they were both weeping. Their curiosity was aroused. They listened intently but could not make out anything. They only knew that the brahmin and his wife were in trouble. Kunti decided to ask the brahmin what the problem was.
Kunti could hear them arguing amongst themselves as to who will sacrifice their life for the sake of others. The Brahmin was saying that he must be the one who should take the food cart and sacrifice himself. But his wife said it was her ultimate duty towards her husband and her kids. The daughter of the brahmin, on the other hand, wanted to sacrifice herself for the sake of her parents and her younger brother.
Kunti, who was listening to all this was unable to understand what it was all about. She walked in and asked the Brahmin what was wrong and what this sacrifice they were talking about was. At first, the brahmin refused to tell her anything saying that they were their guests and it was wrong to make the guests sad by narrating their problems to them. But Kunti insisted on knowing the problem and it was then that the Brahmin told Kunti about Bakasura.
Bakasura was a demon who terrorised people by killing and eating them. The local king struck a deal with the demon, according to which he was sent huge provisions of food, two buffaloes and a human being, all of which he devoured. In return, the demon would protect the king and his people. The families took turns in sending the provisions, the buffaloes and someone from their family. If he wasn’t sent his monthly provisions Bakasura would come and wreak havoc.
The Brahmin was in a fix, as it was now the turn of his family. Kunti told them not to worry, as she would send her son Bhima to take the provisions to the demon. The brahmin refused instantly, as he could not do this to his guests. But Kunti convinced them that Bhima was extremely strong and would be an equal match for the demon Bakasura. Kunti told Bhima about the demon and without even blinking he agreed to face Bakasura.
Bhima took the cartload of food and went up the hill to meet Bakasura. Bhima reached the hilltop but couldn’t resist all the food. He started devouring the food meant for Bakasura and started laughing out loudly. Bakasura peeped out of his house. He was outraged and came out. But Bheema continued eating the food. Bakasura started threatening him.
But Bheema was unconcerned. Once he had finished eating, Bheema started hitting. Baka. A terrible fight took place. Finally, Bheema took Baka in his arms, put him across his knees and broke him in two. With a terrible cry of pain, Baka fell on the ground, dead.
Hearing Baka’s shriek his companions approached Bheema. Bheema said, “If you promise not to harass the people of this city any more, I will allow you to go your ways. Or else you will suffer the same fate as your friend”. He asked them to take the body of Bakasura and leave it at the gateway of the city so that the people could see it. The companions took the body with them and Bheema followed them.