1st PUC Hindi Textbook Answers Sahitya Vaibhav Chapter 14 शरण वचनामृत

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Karnataka 1st PUC Hindi Textbook Answers Sahitya Vaibhav Chapter 14 शरण वचनामृत

 शरण वचनामृत Questions and Answers, Notes, Summary

I. एक शब्दा या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए :

प्रश्न 1.
कनक, कामिनी और माटी को लोगों ने क्या कहा ?
उत्तरः
कनक, कामिनी और माटी को लोगों ने माया कहा।

प्रश्न 2.
अल्लम प्रभु देव के आराध्य देव कौन थे ?
उत्तरः
अल्लम प्रभु देव के आराध्य देव गुहेश्वर थे।

प्रश्न 3.
बसवेश्वर के अनुसार ज्ञान से क्या दूर होता है ?
उत्तरः
बसवेश्वर के अनुसार ज्ञान से अज्ञान दूर होता है।

प्रश्न 4.
ज्योति से क्या दूर होता है ?
उत्तरः
ज्योति से तमंध (अंधेरा) दूर होता है।

प्रश्न 5.
बसवेश्वर के आराध्य देव का नाम क्या है ?
उत्तरः
बसवेश्वर के आराध्य देव कूडलसंगम देव है।

प्रश्न 6.
सत्य से क्या दूर होता है ?
उत्तरः
सत्य से असत्य दूर होता है।

प्रश्न 7.
पारस से क्या दूर होता है ?
उत्तरः
पारस से लोहत्व दूर होता है।

प्रश्न 8.
पर्वत पर बसा कर घर किससे नही डरना चाहिए ?
उत्तरः
पर्वत पर बसाकर घर जंगली जानवरों से नही डरना चाहिए।

प्रश्न 9.
हाट में बसा कर घर किससे नही डरना चाहिए ?
उत्तरः
हाट में बसा कर घर शोरगुल से नही डरना चाहिए ।

प्रश्न 10.
जगत में जन्म लेने के बाद किससे नही डरना चाहिए ?
उत्तरः
जगत में जन्म लेने के बाद स्तुति-निंदा से डरना चाहिए ।

प्रश्न 11.
अनुभव मंडप के प्रथम अध्यक्ष कौन थे ?
उत्तरः
अनुभव मंडप के प्रथम अध्यक्ष अल्लमप्रभु थे।

प्रश्न 12.
महात्मा बसर्वर जी का जन्म कहा हुआ है ?
उत्तरः
पहात्मा बसवेश्वर जी का जन्म कर्नाटक के बिजापूर जिले के बागेवाडे के माता का नाम है. नादलांबिका और पिता का नाम

प्रश्न 13.
बसवेश्वर जी का सामाजिक सुधार के मूल मंत्र क्या है ?
उत्तरः
बसवेश्वर जी का सामाजिक सुधार के मूल मंत्र है कायक ही कैलास है।

प्रश्न 14.
अक्कमहादेवी जी का जन्म कहा हुआ है ?
उत्तरः
अक्कमहादेवी जी का जन्म शिमोगा जिले के उड़तड़ी ग्राम में हुआ है ।

प्रश्न 15.
अक्कमहादेवी जी का वचनों का अंकित नाम क्या है ?
उत्तरः
अक्कमहादेवी जी का वचनों का अंकित नाम है -श्री चन्नमल्लिकार्जुन देव ।

II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

प्रश्न 1.
अल्लमप्रभु देव ने माया के सम्बन्ध में क्या कहा है ?
उत्तरः
अल्लमप्रभु देव ने कहते है – लोग कहते है सोना है । लेकिन सोना माया नहीं है। लोग कहते है, स्त्री माया है, अल्लम प्रभु देव कहते है स्त्री माया नही है। ओर दुनिया जहाती मि ी भी माया है, लेकिन मि ी भी नही है माया जो भी माया है, मनः की माया है, और यह मन की भ्रम है।

प्रश्न 2.
बसवेश्वर के विचारों को स्पष्ट कीजिए ?
उत्तरः
बसवेश्वर के विचार इस प्रकार है – ज्ञान से अज्ञान दूर होता है, ज्योति से अंधकार दूर होता है, सत्य से असत्य, और स्पर्श मणि से लोहे को स्पर्श होने पर स्वर्ण में परिवर्तन हो जाता है । कहते है, शरणों के अनुभव से इस संसार पाप मुक्त होजाएगा । इस प्रकार अपना विचार व्यक्त करते है ।

प्रश्न 3.
अक्कमहादेवी के अनुसार भवसागर में कैसे रहना चाहिए?
उत्तरः
अक्कमहादेवी के अनुसार भवसागर में इस प्रकार रहने के लिए कहति है पर्वत पर घर बसाकर, जंगली जानवरों से नही डरना चाहिए । सागर किनारे घर बसाकर लहरों से नहीं डरना चाहिए। और बाजार में घर बसाकर शोर गुल से नहीं डरना चाहिए। और कहती है कि इस संसार में जन्म लेने पर स्तुति-निंदा से नही डरना चाहिए । मनमें क्रोध न करते हुए मन को समान अवस्था में रखना चाहिए।

III. संसदर्भ भाव स्पष्ट कीजिए :

प्रश्न 1.
ज्ञान से अज्ञान दूर होता है ;
ज्योति से तमंध दूर होता है ;
सत्य से असत्य दूर होता है ;
पारम से लोहत्व दूर होता है,
आपके शरणों के अनुभाव से
मेरा भव छूट गया, कूडलसंग्म देव ।
उत्तरः
संदर्भ : प्रस्तुत वचन भाग को शरण वचनामृत से लिया गया है । और इस वचन साहित्य को महात्मा बसवेश्वर जी ने लिखा है।
स्पष्टीकरण : ज्ञान से अज्ञान को दूर किया जाता है, अंधकार को ज्योति से दूर । किया जाता है ; असत्य को सत्य मिटाया जाता है, और स्पर्श मणि से लोहत्व को स्वर्ण में बदला जाता है ; और इस तरह कहते है शरणों के शिवज्ञानियों और परतत्व-परमात्मा की अनुभूति के प्राप्ती से इस संसार के बंधन मुक्ति मिलजाएगी।

शरण वचनामृत Summary in English

The Shiva Sharana literature is very famous in the culture. There borned Basaveshwara, the greatest social reformer and teacher of castless society and also founder of Veerashaiva Dharma. Accord ing to Basava principle all are equal in the society, there are only two casts, i.e. the man and woman. The way of living is only by hardwork.

The Basavanna or Basaveswara has started Anubhava Mantapa at Koodala Sangama, a place where all casts of people meet to worship Shiva. Allama Prabhu and Akka Mahadevi are the contemporary writers of Basavanna. They were also originated from the Anubhava Mantapa of Koodala Sangama. Three Vachanas of these devotees are explained here.

The great experienced apathist, Allama Prabhu was known for his sublimation and devotion. He was a worshipper of Guheshwara. He tells that – the gold is an illusion, but it is not. Similarly, a beautiful lady is an illusion, but she is not and the earth is an illusion, but it is not, and the earth is an illusion, but it is not only the ambition (desire) that exists in the human mind is only an illusion. The state of illusion lies in the mind, but not in the object.

The founder of Anubhava Mantapa and a universal teacher of castless society and equality of man and woman, Bhakti Bhandari Basaveshwara said that – from devotion, knowledge innocence will go, from the light the darkness will go, from truth, truthless will go with the contact of philosopher’s stone with the metal will turn to gold sheet and also by the blessings and experience of the devotees of Kooldala Sangameshwara my earthly problems solved.

Akka Mahadevi, the worshipper of Channa Mallikarjuna said that – by building a house on the hill top one should not have fear of the wild animals, by buildings the house on the sea-shore, we should not affraid for the waves and by having the house in a fare, we should not afraid for the noice (sound).

Similarly, when we take life on this earth, we should not affraid for praise or hatredness. The meaning is, we must ready to face, whatever the hurdles come in our life. Like these, the Vachana’s the poetry of Shiva’s devotees are simple and meaningful.

कठीण शब्दार्थ :

कनका = सोना, धन gold ; माया = भ्रम,अज्ञन delusion, illusion, जमिनी = सुंदर स्त्री, तमंध = अंधोरा, अज्ञन darkness ; अनुभाव = ऊँचा ज्ञना, experience ; हाट = fare ; कामिनी = woman ; पारस = an imaginary stone ; भव = eternal;