1st PUC Hindi Textbook Answers Sahitya Vaibhav Chapter 24 मधुआ

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Karnataka 1st PUC Hindi Textbook Answers Sahitya Vaibhav Chapter 24 मधुआ

मधुआ Questions and Answers, Notes, Summary

I. एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए :

प्रश्न 1.
बालक का नाम क्या है?
उत्तरः
‘मधुआ’ बालक का नाम हैं।

प्रश्न 2.
ठाकुर सरदार सिंह का लडका कँहा पढ़ता था?
उत्तरः
ठाकुर सरदार सिंह का लडका लखनऊ में पढ़ता था।

प्रश्न 3.
बड़े – बड़ों के घमंड चूरहोकर जहा मिलजाते हैं?
उत्तरः
बड़े – बड़ों का घमंड चूर होकर धूल में मिल जाते हैं।

प्रश्न 4.
गान्दी कोठरी में बालक को खाने के लिए क्या . पिला?
उत्तरः
गान्दी कोठरी में बालक को खाने के लिए एग पराठे का टुकडा मिला।

प्रश्न 5.
शराबी के हाथ में कितने रुपये थे?
उत्तरः
शराबी के हाथ में एक रुपया था।

प्रश्न 6.
बालक की आँखे किस की सौगन्ध खा रही थी?
उत्तरः
बालक की आँखे दृढ़ निश्चय की सौगन्ध खा रही थी।

II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

प्रश्न 1.
शराबी ठाकुर सरदार सिंह को कौन – कौन सी कहानियाँ सुनाता था?
उत्तरः
शराबी ठाकुर सरदार सिंह को ऐसी कहानियाँ सुनाता था। जैसे, हमेशा हँसनेवाले कहानियाँ सुनाता, कभी गडरिये वाली कहानिया, तो, कभी आसफुध्दौल ने उसकी लडकी का आँचल भूने हुए भट्टे के दाने के बदले मोतियों से भर दिया था। इस तरह की हँसने वाली कहानी सुनाता था।

प्रश्न 2.
शराबी को बचा कहाँ मिला? वह उसे अपने साथ क्यो लाया?
उत्तरः
शराबी को बच्चा ठाकुर साहब के घर के फाटक पर बगलवाली जोठरी पर मिला। जो ठाकुर साहब का चौकिदार उस बच्चे को डॉटरहा था। शराबी को रोने का शब्द सुनाई पडा। फिर से चौकिदार बहुत क्रूरता से डाट रहा था। शराबी से देख नही गया। उसके छोटे से सुन्दर गोरे मूंह को देखा आँसू की बूंदे गिर रही थी। शराबी ने बड़े दुलार से उसका मुँह पोछते हुए उसे अपने साथ लेकर आया।

प्रश्न 3.
शराबी एक रुपया से क्या खरीदना चाहता था और बाद में क्या खरीदा?
उत्तरः
शराबी ने एक रूपया से शराब खरीदकर पीना चाहता था। लेकिन शराबी की आँखे पर बिजली के प्रकाश की झलक पड़ी तो उसने अपने आपको मिठाई की दूकान पर खडा पाया। और शराब को भूलगया मिठाई – पूरी खरीदने लगा। नमकीन लेना भी न भूल इस तरह एक रूपया का खाने का सामान खरीदकर आया।

प्रश्न 4.
शराबी के जीवन में मधुआ के आने के बाद क्या परिवर्तन आया?
उत्तरः
शराबी के जविन में मधुआ के आने के बाद, उसने शराब पीना छोडदिया था। एक पत्थर जिस पर रगड कर अस्त्रों की धार तेज करनेवाली सान लेकर जाम करने लग और सोचने लगा कि यह भाग्य का संकेत हैं। इस तरह अब वो भी शराब ना पीने का सौगन्ध लेना चाहता था। बच्चे की आगमन से शराबी की जीवन सही भाथने मे रूपदित होता हैं। 5. मधुआ पात्र का चरित्र – चित्रण कीजिए।

मधुआ एक अनाथ बालक हैं। उसका इस दुनिया में कोई नही हैं। वह बच्चा ठाकुर साहब के यँहा व्याय रहता हैं, लगता है ठाकुर साहब बेटा कुँवर साहब उस बच्चे को मारता हैं तो, वह धीरे – धीरे रोता हैं।

यह देखकर एक शराबी उसे अपने घर ले आता हैं। इस प्रकार शराबी व्यक्ति के जीवन में बालक मधुआ का महत्वपूर्ण भूमिका हैं। उस बात का प्रेम ने शराबी के जीवन को सार्थक बना लेता हैं।

मधुआ Summary in English

In a village, there lived a leader called Sardhar Singh. His son was studying in a nearby city Lucknow. Sardhar Singh used to visit Lucknow often to see his son. He was in the habit of listening of stroies. In Lucknow there was a drunkard who used to tell stories to Sardhar Singh and get some reward.

One day Thakur (leader) said to him-so for you have narrated the stores of sadness or worries. Today you tell me a story by which I can laugh and enjoy. Then the drunkard person said-this world is full of made, to forget that madness, I am in the habit of drinking.

The Thakur paid him one rupee after listening a comic story. So, the drunkard went away to have his drinks. .: Madhuva was a small boy who was working in a house belongs to a landlord. Once, he stayed with the son of land-lord by holding his over coat, while he was playing. At the end of day, both came back.

After that Madhuva went and asked the Jamadhar for wheat flour for cooking food. But the Jamadhar slaped him and sent back without giving anything. So the boy Madhuva was crying stand ing on the road side. Accidentally the drunkard said the boy while crying and suffering without food. As it was cold in the night, drunk ard took him to his hut and gave a bread, which was kept under the toren rug.

Afterwords, the drunkard felt bad for the boy and wentout to bring more food. He had one rupee in his pocket, out of which, he wanted to nave a little quantity of liquor and non vegetarian food. Soon he remembered the boy Madhuva, and then he went to a sweet meet stall and purchased some sweets, salties and returned to hut. Both ate well and slept. To save the boy from bitter cold he gave his old and toren rug.

In the morning the drunkard person got up and saw the boy was sleeping. He thought – “I may get problems if I keep him with me for a long time. So, I should send him out”. Then, he went towards the nearby river Gomathi and washed his face and hands.

When he was about to return, he saw Ramji. Ramji told him-see your knife sharpner (grinder) is lying with me for a long time. Now, you please take it out, otherwise I will throw it on the road’. At once the drunkard thought to sell that machine. But after changing his mind, he reached his hut along with the sharpner.

He told the story of the knife sharpner to Madhuva. After that, both went out on roads and lanes by carrying the sharpner on the head of Madhuva. Like that they started earning with this, they lived happily.

कठीण शब्दार्थ :

महक = fragrance ; लच्छेदार = pleasant to hear ; खुमारी = intoxi cation ; कुहरा = snow, mist ; लाचार = helplessness ; टीस = athrob; ऊंघना = feel sleepy ; काल = flame ; बहुरि = to sob ; उधेड़ना = to separate, to remove ; दुलकन = to feel down ; दुलार = affection; सौगन्यखाना = to take oath ; ढिबरी = kerosene lamp ; पाजी = sinner, wicked ; अध्दा = half ; सीली = wet-place ; आलोक = light ; सान = sharpning stone ; पिण्ड छूटना = free from a follower ; गडरिया = shephered.